Friday, 28 April 2017

घर में मस्ती नौकरानी के साथ चुदाई जबरदस्ती

प्रेषक : राजीब ,

हेल्लो दोस्तों. हमारे यहा एक नौकरानी है मोना नाम की उसकी उम्र भी 20 साल की है उसका रंग सावला है और फेस कटिंग एकदम अमीशा पटेल की तरह है उसके बूब्स एकदम बड़े है और उसकी गांड एकदम बाहर है में उसको चोदने का ख्वाब बहुत पहले से देखता हूँ. और मेरा ये सपना पूरा हुआ जब मेरी मम्मी ऑस्ट्रेलिया मेरे पापा के पास गयी उस दिन में घर में था सुबह मोना आई तो मैने दरवाज़ा खोल दिया वो अपने काम करने लगी. में तभी अपने बेडरूम में जा के एकदम नंगा हो गया उसको चोदने का ख्याल आते ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया मेरे लंड की साइज़ 10 इंच लम्बा और 3 इंच चौड़ा है मै रात में ही वियाग्रा की गोली लाया था मैने उसको खा लिया naukrani ki chudai kahani .

फिर मैने मोना को आवाज़ मारी वो जब मेरे बेडरूम में आई तो हैरान हो गयी उसने मुझे नंगा देख कर हंस के किचन में भाग गयी में उसके पीछे गया जैसे ही में किचन में गया तो वो मुझसे बोली तुम्हारा इरादा क्या है में बोला मोना रानी मुझे तेरी चूत को चोदना है यह सुनते ही वो मेरी तरफ आई और बोली इतना कहने में इतने दिन लगा दिये. मैने उसको फिर गोद में उठा के बेडरूम में ले गया वहा मैने उसको नंगा कर दिया है उसके बोबे एकदम टाइट और बड़े बड़े थे. और उसकी चूत बहुत रसीली थी. मै चूत के बाल अपने मुहँ में ले के चूसने लगा और 1 बोबे को अपने हाथ से मसलने लगा वो आउहह कर रही थी मैने 10 मिनट तक उसके दोनो बोबो को चूसा और मसल के लाल कर दिया तभी मुझे मेरे लंड पर कुछ गीला लगा मैने देखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था उसकी चूत पर अपना मुहँ लगा के चाटने लगा और उसकी चूत के दाने (क्लिट) को अपनी जीभ से चाटने लगा तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और तड़पने लगी मैने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया उसकी चूत एकदम टाइट थी जैसे ही में उंगली अंदर बाहर कर रहा था तभी उसका पानी निकल गया.
मैने सारा पानी चाट लिया और फिर उठ गया और उसकी गांड के नीचे मैने दो तकिये रख दिये और उसको अपना लंड बता के कहा देख आज इससे तेरी चूत को चोदूगा तूने कभी चुदाई है उसने कहा नही तो मैने कहा तुझे दर्द होगा सहन करना फिर बहुत मज़ा आयेगा. यह कह के मैने अपने लंड का टोपा उसकी चूत में डालने लगा वो बहुत ही टाइट थी जैसे ही मैने एक धक्का लगाया वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी naukrani ki gand mari .

मैने एक और धक्का लगाया तो वो चिल्लाने लगी और कहने लगी की छोड़ दो मुझे मुझे नही चुदवानी में एक और धक्का लगाने गया तो मुझे लगा कुछ चीज़ मेरे लंड को उसकी चूत में जाने से रोक रही है में समझ गया उसकी सील है मैने दोनो हाथो से उसके कंधो को पकड़ा और एक ज़ोरदार धक्का लगाया मेरा लंड उसकी चूत की सील फाड़ते हुये 4 इंच अंदर चला गया उसकी चूत से खून आने लगा और पानी भी में रुक गया वो बहुत ही ज़ोर से चिल्ला रही थी और रो रही थी मैने उसके बोबो को मसलना चालू किया और 10 मिनिट के बाद वो शांत हो गयी में फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा 10 मिनिट तक में धीरे धीरे धक्के लगा रहा था जब मुझे लगा उसको मज़ा आ रहा है तभी मैने एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया और उसकी चूत से पानी निकलने लगा जैसे ही मेंने थोड़ा लंड को बाहर निकाला उसकी चूत से खून निकलने लगा में रुक गया 10 मिनिट के बाद मैने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिया मेंने उससे पूछा अब कैसा लग रहा है वो बोली दर्द तो कम हुआ है पर मज़ा नही आ रहा है.

यह सुन के मैने अपनी स्पीड बड़ा दी कुछ ही देर में उसकी चूत का पानी गिर गया मेंने उसे और ज़ोर से चोदना स्टार्ट कर दिया क्योकी मैने वियाग्रा खाई थी तो मुझे मालूम था की मेरा पानी लेट गिरेगा में उसको और 45 मिनिट तक चोदता रहा वो भी बोलती रही चोद मुझे शान चोद मुझे और ज़ोर से हउहह शान चोद रे चोद मुझे रंडी बनने दे रे चोद मुझे आह मेरा पानी निकल रहा है अहह उहह और उसकी चूत का पानी 4 बार निकल गया तभी मैने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसे उठने को कहा वो उठ नही पा रही थी मैने उसको अपनी गोद में लिया और दीवार के सहारे खड़ा कर दिया उसकी चूत से खून और पानी टपक रहा था मैने उसकी चूत के झाट के बाल एकदम गीले हो गये थे.

मैने उसको खड़ा किया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहँ पर रख के उसके पैर अपने हाथ में ले लिये अभी वो पूरी तरह से हवा में थी. दीवार को चिपके मैने झट से एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था 10 मिनिट में ही उसका पानी निकल गया मेरे हाथ दर्द कर रहे थे. तो मै उसको बेड पे लिटा कर चोदने लगा मैने उसको एक घंटा वैसे ही चोदा में पूरा पसीने में हो गया था वो कम से कम 8 बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकलने वाला है मैने अपना लंड निकाल के उसके मुहँ मे डाल दिया वो उसे एकदम लॉलीपोप की तरह चूसने लगी तभी मेरा वीर्य उसके मुहँ मे निकल गया और उसने उल्टी कर दी मैने उसको गोद में उठा के बाथरूम में ले गया और उसके साथ नहाने लगा मेरा लंड एकदम टाइट था वियाग्रा की वजह से उसके बाद मेंने उसको बाथरूम में भी चोदा और उसने भी में पूरा साथ दिया. तो आप को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझको जरुर बतायें।

धन्यबाद ,

Thursday, 27 April 2017

tan badan ka aag

प्रेषक :गरिमा …

गरिमा अकसर रातें मेरे घर पर बिताने लगी। हमारी हर रात गरम और हसीं होती, बत्ती बुझ जाने के बाद हम दोनों के तन पर कोई कपड़ा न होता, हमारे होंठ रात भर एक दूसरे की प्यास बुझाते। एक रात तो सेक्स की हद हो गई जब एक नए तरीके से हम ने सेक्स किया।गरिमा ने मेरे होंठों को चूस चूस कर लाल कर दिया था, मेरे सारे कपड़े उतार देने के बाद तो ख़ुद भी बिना कपडों में मेरे साथ लेटी थी اردو چدائی کہانی ہندی فونٹس میں।

अचानक उस ने मुझे कहा- मैं तेरे बदन पर अपना पेशाब करना चाहती हूँ !

मुझे कुछ अजीब लगा पर मैं इस अनुभव को भी परख लेना चाहती थी, सो मैंने हाँ कर दी। हम दोनों बाथरूम में चले गए और मैं नीचे बैठ गई। अब गरिमा अपनी चूत मेरे मुंह के ऊपर कर के खड़ी हो गई और उसने एक दो मिनट के बाद गर्मागर्म मूत्र मेरे ऊपर करना शुरू किया। मुझे अजीब सा लग रहा था, उसने अपने हाथों से अपनी चूत की ऊपर के हिस्से को पकड़ कर मेरे मम्मों पर गरम पेशाब की धार सी गिराई। मेरा बदन जलने लगा। जब वो कर चुकी तो मुझे बिस्तर पर ले आई। मुझे कपड़े से साफ़ किया और अपनी चूत फैला कर लेट गई।

kahani urdu sex storyउसने अपनी टाँगें ऊपर उठाई हुई थी और फ़िर उसने मुझे उसकी चूत में मूतने को कहा। मैं एक तरफ़ खड़ी सोच रही थी। सेक्स का नशा बढ़ रहा था। मैंने किसी तरह अपनी चूत उसकी चूत के साथ मिला दी और धीरे धीरे पेशाब करना शुरू किया, इस तरह के बेड ना ख़राब हो। मैं महसूस कर रही थी कि मेरा गरम मूत्र मेरे अन्दर से निकल कर उसकी चूत में भर रहा था।

अचानक उसने मुझे हटने कि लिए कहा और मुझे नीचे लिटा दिया, अब वो सारा पेशाब मेरे जिस्म पर गिराने लगी। साथ साथ वो अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी। एक बार फ़िर से मुझे साफ कर कि वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे मम्मों को अपने गरम होंठों में ले कर चूसने लगी। में सेक्स की आग में तड़प रही थी। हम दोनों के मुंह से निकलने वाली आहें ये बता रही थी कि हम दूसरी दुनिया में खो चुके हैं। वो अपनी उंगलियों से मुझे चोद रही थी।कुछ देर बाद सब शांत हो गया।

उस रात हम दोनों ने यह बात महसूस की कि हमारे साथ कोई और भी होना चाहिए जो हमारे सेक्स के खेल में शामिल को कर हमारे आनन्द को और बढ़ा सके। लड़का तो कोई उस वक्त दिमाग में नहीं आया पर कुछ दिनों से मेरी नजर गरिमा की बेस्ट फ्रेंड नीतू पर थी। बला की ख़ूबसूरत थी। छरहरी गोरी चिकनी। गुलाबी होंठ रस से भरे हुए थे।

हम दोनों ने फ़ैसला किया के उसे भी सेक्स के इस खेल में शामिल कर के रहेंगे, पर कैसे करेंगे, यह पता नहीं था।

कुछ दिनों बाद, अचानक वो रात आ गई। गरिमा का जन्मदिन था। शाम को पार्टी के बाद मैं रात को गरिमा के घर रुकने वाली थी। हमने नीतू को भी रुकने को कहा। पहले तो वो मना करने लगी पर काफी कहने के बाद हाँ कर दी। मेरी और गरिमा की आँखों में एक चमक थी। शायद आज हम नीतू के जिस्म का मजा लेने वाले थे। मैंने अपनी चूत में गीलापन महसूस किया। गरिमा ने भी इशारे से ये बात मुझे बताई कि वो बुरी तरह से गीली थी।

खाना खा लेने के बाद हम गरिमा के कमरे में चले गये। ऊपर पहले माले पर सिर्फ़ गरिमा का अकेला कमरा था। किसी के आ जाने का कोई खतरा नहीं थी। थोड़ी देर बातें व मस्ती करने के बाद हम सोने का नाटक करने लगी। नीतू हम दोनों के बीच में थी। थोडी देर बाद में जताया के मुझे बैचेनी हो रही है सो मैंने अपना सूट उतार दिया, नीचे सिर्फ़ ब्रा पहनी थी पैंटी मैं कभी कभार ही पहनती हूँ। नीतू को शायद इसमें कोई आपत्ति नहीं थी वो एकदम सामान्य थी।

थोड़ी देर बाद गरिमा ने भी अपने कपड़े उतार दिए।دیسی اردو کہانی हमने अपने अपने हाथ नीतू की छातियों पर रख दिए। अब नीतू की हालत कुछ ख़राब हो रही थी। मैं महसूस कर रही थी कि उसकी सांसें पहले से भारी थी। मैंने हाथ से गरिमा को इशारा किया और हम दोनों कमीज़ के ऊपर से ही उसकी चूचियां मसलने लगी। उसके स्तन कड़े हो रहे थे। शायद वो समझ गई थी पर सोने का बहाना कर के लेटी रही।

अब मेरा हौंसला थोड़ा बढ़ गया। मैंने गरिमा को खेल शुरू करने का इशारा किया और गरिमा के पास आ कर लेट गई। कमरे में हल्की रौशनी थी। सब कुछ साफ़ नजर आ रहा था, मैंने गरिमा के होंठों को अपने होंठों में ले लिया। और हम दोनों एक दूसरे को चूसने लगी। हम दोनों के हाथ एक दूसरे के नंगे जिस्म को टटोल रहे थे। मैंने अपनी ब्रा भी उतार दी। गरिमा पहले ही निवस्त्र हो चुकी थी। हम दोनों बुरी तरफ़ से एक दूसरे की छातियाँ दबाने लगी।

desi urdu story हमारी आहें बढ़ रही थी या कुछ जानबूझ कर भी हो रहा था, शायद नीतू को सुनाने के लिए।

मैंने चोर आँखों से नीतू को देखा वो पलट कर हम दोनों को ही देख रही थी। मैंने नजरंदाज कर दिया। वो कुछ बैचेन नजर आ रही थी।

अचानक उसने मुझे पुकारा- ज्योति , तुम दोनों ये क्या कर रही हो।

उसकी आवाज में भारीपन था। शायद हम कामयाब हो गई थी।

मैंने कहा- कुछ नहीं बस मजा ले रहे हैं एक दूसरे के जिस्म का !

नीतू- मैं पागल हो रही हूँ ये सब देख कर, एक अजीब सी आग भर रही है। मैं क्या करूँ?

गरिमा – मेरी जान आ, आ जा, तुझे कुछ नया मजा दूँ जिंदगी का।

नीतू- नही, ये ग़लत है, मैंने कभी किसी लड़की के साथ कभी ऐसा नहीं किया।

गरिमा – तो आज कर ले। आ जा ऐसा मौका दुबारा नहीं आता।

नीतू- मुझे शर्म आ रही है !

गरिमा – अपने कपड़े उतार दे सारे ! एकदम नंगी हो जा ! फ़िर शर्म जाती रहेगी।

और फ़िर मैंने और गरिमा ने मिल कर नीतू को एकदम नंगा कर दिया। वो ऑंखें बंद कर के लेटी थी।

गरिमा – अब बोल क्या हो रहा है?

नीतू- कुछ नही, एक अजीब सा नशा बढ़ रहा है जिस्म में।

गरिमा – बोल क्या चाहती है?

नीतू- मुझे किस करो, मेरे होंठों में, जैसे तुम दोनों कर रहे थे।

और गरिमा नीतू के सिरहाने बैठ गई और उसके सर को अपने हाथों में ले कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूसने लगी। मैं भी अपने आप को रोक नहीं पाई और उनकी किस में शामिल हो गई। कभी मैं और नीतू एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे, कभी गरिमा और नीतू। कभी हम तीनों अपनी अपनी जीभ निकालते और एक दूसरे से मिलते हुए एक दूसरे के मुंह में घुसा देते। कुछ देर ये सिलसिला चलता रहा hot urdu kahani।

अब मैं और गरिमा नीतू के मम्मों को हाथों में ले कर चूसने लगे, एक एक हाथ उसके जिस्म को टटोल रहा था। उसकी जांघों पर फिसल रहा था। नीतू अपने आप में नहीं थी, उसके अन्दर जैसे एक चिंगारी उठ रही हों। गरम आहों से कमरा भर गया था। मुझ से भी अब बर्दाशत नहीं हुआ। मैं नीतू का सारा रस पी जाने को बेताब थी। सो मैंने नीतू की टाँगे खोल कर में अपनी जीभ एक दम से उसकी चूत में घुसा दी।

नीतू- सी स्स्स्स हाय ! ये क्या कर दिया ज्योति ! स्स्स्स्स हाय !

मैं बेतहाशा उसके रस को चूसे जा रही थी। गरिमा उसके सारे जिस्म को चाटने में व्यस्त थी। हम दोनों नीतू को सेक्स का भरपूर मजा दे रही थी। मैंने नीतू को अचानक उल्टा कर दिया और उसके चूतड़ ऊपर उठा दिए। अब मैंने अपने जीभ उसके पीछे घुसा दी।

नीतू की सिस्कारियां बढ़ रही थी- हाय, ज्योति ये क्या आग लगा थी, घुसा दे अपनी जीभ, अपने उंगलिया मेरे पीछे। चोद मुझे अपनी जीभ से।

मैं और तेजी से उसे अपनी उँगलियों से चोदने लगी, कभी आगे से कभी पीछे से, तब तक गरिमा मेरे नीचे लेट कर मुझे चाटने लगी, मैं बुरी तरह से गीली थी। गरिमा मेरी चूत को चाट चाट कर मेरी आग बुझाने में लगी थी।मेरे और नीतू के शांत हो जाने के बाद मैंने और नीतू ने मिल कर गरिमा को चोदा।दोस्तों, उस रात हम तीनों ने चार बार एक दूसरे को चोदा। सुबह कब हो गई पता ही नहीं चला।

मैं और गरिमा खुश थे के हमारे खेल में अब कोई और भी शामिल है। अब ये खेल और मजेदार हो गया था।

अच्छा लगे तो और पड़िये हिंदी चुदाई कहानिया ,और शेयर करे आपके दोस्तों के साथ .

Wednesday, 26 April 2017

भाभी के सेक्सी अदा के चंगुल में फास गया

प्रेषक : रबी ,

सभी हिंदी सेक्स storyके  पाठकों को मेरा नमस्कार !
मैं कई सालों से 99 hindi sex story पर कहानियाँ नियमित रूप से पढ़ता हूँ पर कभी मुझे अपनी कहानी लिखने का ख्याल नहीं आया। पर एक दिन एक कहानी पढ़ते पढ़ते मुझे लगा कि क्यों न मैं भी अपनी एक कहानी लिखूँ जिसमें मैं अपना अनुभव जाहिर कर सकूँ।ज्यादा इधर उधर की बात छोड़कर मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।

मेरा नाम रवि पटेल है, मैं सूरत(गुजरात) का रहने वाला हूँ। यह बात उन दिनों की है जब मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था और मेरी उम्र 21 साल की थी। आज इस बात को दो साल हो गए और मैं एक नए और कभी न सोचे मुकाम पर पहुँच गया।मैं अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने दूर के रिश्तेदार की दवाइयों की दुकान पर जाया करता था, वहाँ से मुझे ज्यादा सीखने को मिलता था। bhabhi ki thukai उस दुकान पर जब मैं रहता था तो वो रिश्तेदार कभी कभी मुझे दवाइयाँ देने के लिए मुझे अपने नियमित ग्राहकों के घर भी भेज देते थे और मैं दवाएँ पहुँचा कर आता था।
एक दिन की बात थी जब मुझे थोड़ी दूर दवाएँ देने जाना पड़ा। वहाँ जाकर मैंने घण्टी का बटन दबाया तो अन्दर से एक 32-35 साल की औरत ने दरवाजा खोला।मैं उसे दवाएँ देकर निकल जाने की सोच ही रहा था कि उसने मुझे अन्दर आने को कहा  desi bhabhi ki chudai kahani।

मैं अन्दर गया तो देखा कि उसका फ्लैट बहुत ही आलीशान था। उसने मुझे पानी दिया और इधर उधर की बातें करने लगी, मेरे बारे में पूछने लगी- मैं क्या करता हूँ, कहां रहता हूँ, वगैरा-वगैरा।फिर मैंने कहा- मुझे दुकान पर जाना पड़ेगा, मुझे यहाँ आए हुए काफ़ी देर हो गई है।मैं जैसे ही निकलने लगा तो वो मुझे कहने लगी- मुझे अपना फ़ोन नंबर तो देते जाओ।मैंने उसे अपना फ़ोन नंबर दे दिया। उसी रात को मेरे मोबाइल पर उसका फोन आया, कहने लगी- मैं पायल बोल रही हूँ।हाँ ! मैं उसका नाम ही बताना भूल गया था- उसका नाम था पायल।
जैसा नाम वैसी ही वो दिखने में लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि वो 26-27 साल की लड़की हो। उसका फिगर ?

मानो कोई अभिनेत्री हो- 34-28-34..उसके बोल तो जाने किसी के लिए तड़प रहे हों। उसका तौर-तरीका भी बहुत ही सलीके का था। उसके बाल एकदम रेशमी थे।फ़ोन पर बात करते करते उसने मुझे बताया कि वो एक अच्छे दोस्त की तलाश में थी। मुझे उससे बात करने में बहुत मजा आ था। उस रात मैंने उसे याद करते करते बहुत मुठ मारी।दूसरे दिन उसका दो बजे के आसपास फ़ोन आया कि उसे दर्दनिवारक दवा चाहिए और तुरंत।
मैं दवा लेकर उसे घर गया।उसने दरवाजा खोला और अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर गया तो कहने लगी- बहुत तेज सर दर्द कर रहा है।

उस वक्त उसने सफ़ेद रंग का रात्रि-परिधान पहना हुआ था। उसमें से उसके चूचे आजाद होने को तड़प रहे थे।
वह मुझे कहने लगी- आप बैठिए, मैं चाय बना कर लाती हूँ।वह चाय लेकर आई और हमने चाय साथ में पी। उसके बाद मैं वहाँ से निकलने के लिए तैयार हुआ कि उसने मुझे कहा- क्या तुम थोड़ी देर मेरा सर दबा दोगे?
मेरी तो बाँछें खिल गई, मैंने तुरन्त हामी भर दी।वो मुझे अपने शयनकक्ष में ले गई।मैंने धीरे धीरे से उसका सर दबाना शुरु किया पर मेरी नजर उसके वक्ष पर जाकर अटक जाती थी। वो भी मुझे बार बार देख रही थी वासना भरी निगाहों से।तभी उसने मुझे नीचे झुकाया और मेरे होंठों को चूम लिया devar aur bhabhi ki mast pelai।

मैंने उसी समय उसे अपनी बाहों में भर लिया और कहने लगा- मैंने जबसे तुम्हें देखा है, तब से तुम्हें प्यार करने का मन कर रहा था ! पर ऐसा नहीं सोचा था कि यह मुकाम इतनी जल्दी ही हासिल हो जायेगा। मैंने उसे जोर से चूम लिया और उसके ऊपर आ गया।तभी उसने कहा- मुझे कोई सर दर्द नहीं है, मैं तो तुम से मिलना चाहती थी।मैं धीरे धीरे उसे मसलने लगा, वो भी मदहोश होती जा रही थी।मैंने धीरे से उसका टॉप उतारा तो मैं तो जैसे बेहोश ही हो गया। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी, उसमें वो गजब लग रही थी ! उसके वो दो पंछी कब से आजाद होने की राह देख रहे थे।

मैं ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा।उसे बहुत ही मजा आ रहा था, वो कह रही थी- और जोर से दबाओ ! मुझे चूमो !उसने मुझे कहा- मैं अपने पति से संतुष्ट नहीं हूँ।और कहने लगी- मेरी जान, मुझे दुनिया की वो ख़ुशी दे दो जिसके लिए मैं सालों से प्यासी हूँ।मैं बोला- जरूर ! तुम्हारी हर एक ख्वाहिश पूरी होगी मेरी जान !
तभी मैंने प्यार से उसका पजामा भी निकल दिया तो देखा कि उसने पैंटी भी ब्रा के साथ की ही पहनी थी। वो गुलाबी पैंटी में क्या लग रही थी !

ऊपर से ही मुझे अंदाजा हो गया कि उसकी योनि गीली हो चुकी थी बुरी तरह से। अब वो सिर्क ब्रा और पेंटी में थी, उसने मेरे भी एक एक करके सब कपड़े उतार दिए और जोर से मेरा लौड़ा चूसने लगी।मुझे तो लगा कि जैसे मैं आसमान की सैर कर रहा हूँ, वो इतना प्यार से मेरा चूस रही थी।तभी मैंने उसको ब्रा और पैंटी से मुक्ति दे दी और उसके उरोज जोर जोर से चूसने लगा, वो एकदम ही पागल होने लगी थी। और तभी उसने मुझे अपनी योनि चाटने को कहा।और मैं भी उसी का इन्तजार कर रहा था। उसके बोलते ही मैंने उसकी योनि चाटना चालू किया। क्या मस्त गन्ध आ रही थी उसकी योनि में से !उसका यौवन रस भी एकदम नमकीन लग रहा था।
मैं जोर जोर से उसकी चूत चूसे जा रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था।

वो बोली- जान, ऐसे न तड़पाओ ! मेरी जान निकली जा रही है ! मुझे अपने नौ इंच के लौड़े का मज़ा दे दो !तभी मैंने उसे पांव फ़ैलाने को कहा, उसने ऐसा ही किया और मैं उसके ऊपर आ गया।उसकी योनि पर मैंने अपना लिंग रखा और मैंने थोड़ी देर तक सहलाया तो वो जैसे पागल ही हो गई, बोलने लगी- अब तो रहा नहीं जाता ! मैं मर जाऊँगी, अब तो मेरी प्यास बुझओ !मैंने एक जोर से धक्का मारा ही था कि वो चिल्लाने लगी- जान, धीरे से ! मार डालोगे क्या मुझे?

मैंने फिर धीरे धीरे से धक्के लगाना चालू किए।पर कुछ ही देर बाद वो बोली- जोर से ! और जोर से ! आज फाड़ डालो इस चूत को ! कब से इस को प्यास लगी है लौड़े की !मैं जोर से धक्के लगाये जा रहा था, उसे बहुत ही मजा आ रहा था। करीब दस मिनट तक ऐसे ही प्यार चलता रहा।

तभी उसने कहा- मुझे डॉग शॉट लगाओ !मैंने उसे खड़ा किया और पीछे से डाल कर धक्का लगाया तो वो बहुत ही मदहोश हो गई।मैं तो धक्के पर धक्का दिए जा रहा था, वो और जोर से और जोर से बोले जा रही थी। पूरा कमरा हमाती सीत्कारों और बेड के चरमराने की आवाज़ से गूंज रहा था।करीब 15 मिनट तक यही सब चलता रहा। उसके नितम्बों को मैं दबा कर मजे लेता रहा। मेरे लिए यह एक सबसे ज्याद ख़ुशी का दिन था।उसी दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।

तभी मैंने कहा- मैं छोड़ने वाला हूँ ! कहाँ छोडूँ मैं bhabhi ki gili chut?
तो उसने कहा- अन्दर ही जाने दो, आज तो इस प्यासी जमींन पर बरसात का तूफान आ गया ! मुझे इस तूफान में बह जाने दो।

और दो धक्का लगा कर मैंने उसकी प्यासी योनि में ही अपना वीर्य निकल दिया और हम दोनों बेड पर एक दूसरे से सट कर सो गए जैसे जन्मों-जन्म की प्यास आज बुझ गई हो।और थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही साथ में एक दूसरे को देखते रहे।थोड़ी देर बाद हम फिर से तैयार हो गए, एक नए अंदाज के साथ नया दौर शुरु करने को।
उस दिन हमने तीन बार मजा लिया फिर मैं उसके घर से निकलने ही वाला था तो उसने मुझस कहा- फिर कब आओगे तुम मेरी जान इस पायल की पायल बजाने को?

उसने मुझे रोका और दूसरे कमरे में से पाँच हज़ार रूपये मुझे दिए और कहा- यह तुम्हारा पहला तोहफा है !
फिर अगले दिन मुझे उसका फ़ोन आया और कहा- मेरी एक सहेली की प्यास बुझाओगे क्या मेरे राजा? वो तुम्हें बहुत पैसे देगी !और मैं तैयार हो गया।
आज उनके ग्रुप में हरेक के साथ मैंने मजा किया है और वो सब मेरे लौड़े के आकार और मेरे अलग अलग तरीकों से बहुत खुश हैं।मैं यह बात किसी को नहीं बताता हूँ पर मैंने उसकी मंजूरी लेकर यहाँ पर रखी है।
आज मैं जिगोलो बन गया हूँ और पूरे गुजरात में मैं अपनी सेवाएँ देता रहता हूँ।
आप को मेरी कहानी कैसी लगी? जरुर बताएँ मेरे ईमेल पर !
अगर अच्छा प्रतिभाव मिला तो और एक कहानी भेजूँगा आप सब के लिए। how i become gigolo with help of a bhabhi?

Tuesday, 25 April 2017

दिल मांगे मोर अहाआअ

प्रेषक : अंजलि

हेल्लो दोस्तों,मेरा नाम अंजलि है.मैं आज अपने मायके आ गई, सोचा कि कुछ समय अपने भाई और माता पिता के साथ गुजार लूँ। मेरी माँ और पिता एक सरकरी विभाग में काम करते हैं, भैया कॉलेज में पढ़ता है। आप जानते हैं ना चुदाई एक ऐसी चीज़ है जिसके बिना हम लड़कियाँ तो बिल्कुल नहीं रह पाती। यहां मायके में भी यही हाल हुआ। ये चूत है कि लण्ड मांगे मोर…। Didi ki chudai ki masti sex kahani बोबे भी फ़ड़क उठते हैं… गांड भी लण्ड दिखते ही लचकदार होकर अदाएँ दिखाने लगती है… चाल ही बदल जाती है। देखने वाला भी समझ जाता है कि अब ये लण्ड की भूखी है। बाहर से हम चाहे जितनी भी गम्भीर लगें, सोबर लगें पर हमारी नजरें तो पैन्ट के अन्दर लण्ड तक उतर जाती हैं। लड़कों का खड़ा लण्ड नजर आने लगता हैhindi chudai kahani।

मैं खिड़की पर खड़ी सब्जी काट रही थी की भैया आया और बिना इधर उधर देखे बाहर ही दीवार पर अपना लण्ड निकाल कर पेशाब करने लगा। मेरा दिल धक से रह गया। इतना बड़ा और मोटा लण्ड… भैया ने पेशाब किया और लण्ड को झटका और पेण्ट में घुसा लिया। मैं तुरन्त एक तरफ़ हो गयी। भैया अन्दर आ गया और मुझे रसोई में देख कर थोड़ा विचलित हो गया … उसे लगा को शायद मैने उसे पेशाब करते हुये देख लिया है।

“ये खिड़की क्या खुली हुई थी…””हां क्यो, क्या बात है…””नहीं यू ही बस …।””हां… तुम वहा पेशाब कर रहे थे न…” मैं मुस्कराई और उसकी पेन्ट की तरफ़ देखाभैया शर्मा गया।”धत्त , तुझे शरम नही मुझे देखते हुये””शरम कैसी… ये तो सबके होता है ना, बस तेरा थोड़ा सा बड़ा है…””दीदी…” वो शरमा कर बाहर चला गया। मुझे हंसी आ गयी। हां, मेरा दिल जरूर मचल गया हा। पर भैया भी चालू निकला, वो जब भी खिड़की खुली देखता तो वहा पेशाब करने खड़ा हो जाता था… और मुझे अब वो जान करके अपना लण्ड दिखाता था। मेरा मन विचलित होता गया। एक बार मैने उससे कह ही दिया…

“बबलू… तू रोज़ ही वहा पेशाब क्यो करता है रे…””मुझे अच्छा लगता है वहां””… या मुझे दिखाता है…अपना वो…”

“दीदी, आप भी तो देखती हो ना… फिर ये तो सबका एक सा होता है ना…”” जा रे… तू दिखायेगा तो मैं देखूंगी ही ना… फिर…” मैं शर्मा सी उठी”दीदी… तेरी तो शादी हो गई है…तुझे क्या…””अच्छा छोड़, मैं स्टूल पर चढ कर वो समान उतारती हू, तू मेरा ध्यान रखना…मैं कही गिर ना जाऊ”मैं स्टूल पर चढी, और कहा “बबलू… मेरी कमर थाम ले…और ध्यान रखना…”समान उतार कर मैं ज्योही स्टूल पर से उतरी बबलू ने मुझे उतरते हुये अपनी तरफ़ खींच लिया।

“धीरे धीरे दीदी…”और उसने मुझे ऐसे उतारना चालू किया कि मेरे बोबे तक दबा डाले धीरे धीरे सरकते हुए वो मुझे नीचे उतारने लगा और मेरे चूतड़ उससे चिपकते हुए उसके लण्ड तक पहुंच गये। अब हाल ये था की मेरे दोनो बोबे उसके कब्जे में थे और उसका लण्ड मेरे पटीकोट को दबाते हुए गाण्ड में घुस गया था। उसके मोटे लण्ड का स्पर्श मैं अपने दोनो चुतड़ो के बीच महसूस कर रही थी। मैने उसे देखा तो उसकी आंखे बंद थी… और मुझे वो कस कर जकड़ा था। शायद उसे मजा आ रहा था। मुझे बहुत ही मजा आने लगा था। पर शराफ़त का तकाजा था कि एक बार तो कह ही दू…”अरे छोड़ ना…क्या कर रहा है…””ओह दीदी… मुझे ना क्या हो गया था… सॉरी…”

“बड़े प्यार से सॉरी कह दिया… “मैने उसकी हिम्मत बढाई।

“दीदी क्या करू बस आपको देख कर प्यार उमड़ पड़ता है…”

“और वो जो खड़ा हो जाता है… उसका क्या”

“दीदी… वो तो पता नही , बस हो गया था” और मुस्कराता हुआ बाहर चला गया।

रात को सब सो गये तब मन में वासना जाग उठी। भैया के अन्दर का शैतान जाग उठा और मेरी अन्तर्वासना जाग उठी। जवान जिस्मो को अब खेल चाहिये था। दोनो के तन बदन में आग लगी हुई थी। कैसे शैतान ने काम किया कि हम दोनो को एक दूसरे की जरुरत महसूस होने लगी । हम दोनो लेटे हुये एक दूसरे को देख रहे थे… आंखो ही आंखो में वासना भरे इशारे हो रहे थे। भैया ने तो अपना लण्ड ही दबाना शुरू कर दिया, मैने भी उसे देख कर अपने होंठ दांतो से काट लिये। मैने उसे अपने बोबे अपना ब्लाऊज नीचे खींच कर दिखा दिये और दबा भी दिये। अब मैने चादर के अन्दर ही अपनी पेण्टी उतार दी और ब्रा खींच कर खोल दी। पेटीकोट को ऊपर उठा लिया… और अपनी चूत सहलाने लगी। ऊपर साफ़ दिख रहा था मेरा चूत का मसलना…

“दीदी, आप यही क्यो नही आ जाती , अपन बाते करेंगे”

“क्या बात करेंगे… मुझे पता है… तुझे भी पता है…आजा मेरे भैया…”

हम दोनो बिस्तर से उतर कर खड़े हो गये। धीरे धीरे एक दूसरे के समीप आ गये और फिर हम दोनो आपस में लिपट पड़े। मेरा अस्त व्यस्त ब्लाऊज और पेटीकोट धीले हो कर जाने कब नीचे खिसक गये, उसका पजामा भी नीचे उतर गया। हम नंगे खड़े थे। हम दोनो अब एक दूसरे को चूमने लगे। उसका लण्ड मेरी नगी चूत पर ठोकरे मारने लगा।

मैं भी निशाना लगा कर लण्ड को लपकने की कोशिश करने लगी कि उसे अन्दर ले लूं। हम दोनो के नगे और चिकने जिस्म रगड़ खाने लगे। जाने हम दोनो के होंठ कब एक दूसरे से चिपक गये। बबलू ने खुद को नीचे करते हुए मेरी गीली चूत में लण्ड घुसाने कोशिश करने लगा। उसका लण्ड मुझे यहा वहा रगड़ खा कर मस्ती दे रहा था। मेरी चूत अब लप लप करने लगी थी। तभी लगा की लण्ड ने चूत में प्रवेश कर लिया है। मैने अपनी एक टांग कुर्सी पर रख ली और चूत का द्वार और खोल दिया। लण्ड अन्दर घुस पड़ा। मीठा मीठा सा मजा आने लगा … मैने भी अपनी चूत उसके लण्ड पर दबा दी , उसका लण्ड पूरा अन्दर तक उतर गया aur didi ki gand mar liya।

अब मैने अपनी टांग नीचे कर ली। और भैया को जकड़ लिया। हम एक दूसरे से चिपके हुये कमर को हौले हौले चलाने लग गये। गीली और चिकनी चूत में लण्ड अन्दर बाहर फ़िसलने लगा। मुझे चुदाई का नशा सा आने लगा। बबलू का मोटा लण्ड मुझे भरपूर मजा दे रहा था। हम काफ़ी देर तक यू ही वासना की कसक भरी मस्ती लेते रहे। वो धीरे धीरे मुझे चोदता रहा… अब मुझे लगा कि कही मैं झड़ ना जाऊ… पर देर हो चुकी थी…मेरी चूत में पानी उतरने लगा था, सब्र टूट रहा था… मेरी सांसे जोर से चलने लगी और मेरा पानी छूट पड़ा। पर मैं उससे चिपकी रही। भैया मुझे हौले हौले चोदता ही रहा। धीरे धीरे मुझे फिर से चुदने का मजा आने लगा। मैं फिर से उसे पकड़ कर चिपट गयी। वो मेरे बोबे दबाता रहा और चोदता रहा, उसमें दम था…

“दीदी … अब उल्टी हो जाओ दूसरा मजा भी लू क्या ?”

“मेरे प्यारे भैया … हाय रे गान्ड चोदेगा क्या…” उसने हां में सर हिलाया। मैं उसकी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गयी। उसने मुझे घोड़ी जैसा झुकाया और झुक कर देखा, पास में पड़ी शीशी से क्रीम निकाली और गाण्ड में भर दी।

“क्रीम मत लगा, मेरी गाण्ड तो वैसे ही खुली हुई है… खूब लण्ड खा लेती है…” मैने उसे बताया पर तब तक उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में घुस चुका था। लण्ड गाण्ड में कसता हुआ जा रहा था पर दर्द नही हुआ। बस एक मीठी सी सुरसुरी होने लगी। उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में पूरा अन्दर तक बैठ गया था।

मैने फ़्री स्टाईल में कमर हिलानी शुरू कर दी पर भैया को मजा चाहिये था, सो उसने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और और मेरी पीठ अपने से चिपका ली । मेरे बड़े बड़े बोबे थाम कर उसे मसलना चालू कर दिया और लण्ड को हौले हौले गाण्ड में चलाने लगा। लण्ड का पूरा मजा आ रहा था। उसका साईज़ मेरे चूतड़ो तक को महसूस हो रहा था मुझे अब थोड़ी सी इस पोज में तकलीफ़ होने लगी थी सो मैं अब झुकने लगी और घोड़ी बनने लगी चुदते चुदते ही मैने अपने अपने हाथ कुर्सी पर टिका दिये और अपने पांव खोल दिये। उसका लण्ड अब अच्छी तरह से तेज चलने लगा। मैने भी चूतड़ो कि ताल में हिला कर गाण्ड मरवाने लगी। अब मुझे भी मस्ती आने लगी थी। भैया गाण्ड मारने में माहिर था। अब तो मेरी चूत भी फिर से तैयार थी, भैया ने मेरा इशारा समझा और लण्ड को गाण्ड में से निकाल कर फिर से चूत में पिरो दिया। मेरी चूत में मजे की तरावट आ गयी। खूब गुदगुदी भरी मिठास उठने लगी।

मैने भी चूत को गाण्ड के साथ नचाना शुरू कर दिया और मजा तेजआने लगा। चूत के पानी का चिकनापन से चोदते समय फ़च फ़च की आवाज आने लगी थी। सारी दुनिया मेरी चूत में सिमट कर रह गई थी। मस्ती सर पर चढ चुकी थी। चुदाई जोरो पर थी। भैया तूफ़ानी गति से कस कर धक्के मार रहा था। मेरी चूत बेहाल हो उठी थी। अब लग रहा था कि मेरा माल निकलने वाला है… उत्तेजना चरम दौर पर थी… चूत पर लण्ड की चोट मुझे मस्त किये दे रही थी। अचानक भैया ने लण्ड मेरी चूत में दबा दिया और मेरी कमर कस कर भींच दी ।

“दीदी… दीदी… हाय… आह्ह्ह … मेरा लण्ड गया… दीदी… मेरा निकला…ऊईईईईई…ऐह्ह्ह्ह्ह्ह्…”

तभी मेरी भी सारी नसे जैसे खिंच उठी और मैं तड़प उठी। मेरा भी पानी जैसे अन्दर से उबल पड़ा और मैं झड़ने लगी। तभी भैया के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी। लण्ड बाहर निकाल कर सारा वीर्य छोड़ दिया। उसका लण्ड रह रह कर रस बरसा रहा था। मेरी गाण्ड पूरी वीर्य से तर हो चुकी थी। वो लगता था थक गया था। उसने पास पड़े कपड़े से मेरे चूतड़ साफ़ कर दिये और अपना लण्ड भी पोंछ डाला। हम दोनो फिर से आपस में लिपट गये और प्यार करने लगे।

didi ki jabardast chudai kahani अब हम एक ही बिस्तर में लेटे थे और एक दूसरे के साथ खेल खेलने लगे थे। मुझे तो उसे फिर से उत्तेजित करना था। मेरा तो रात भर का कार्यक्रम था… कुछ देर में भैया फिर से तैयार था … उसका लण्ड कड़क हो चुका था… मैं भी चुदने को तैयार थी… उसने मेरे ऊपर चढ कर मुझे दबा डाला… और उसका लण्ड एक बार फिर से मेरी चूत में घुसता चला गया… मेरी सिसकारिया मुख से फ़ूट उठी… लण्ड और चूत का घमासान युद्ध होने

Monday, 24 April 2017

Mom ki seheli ki chudai

प्रेषक : अमन .

हेल्लो दोस्तों ,मेरा नाम अमन है .और आज एक बारा ही रोमांचक कहानी अप लोगो को बताऊंगा .उमा आंटी मेरी मम्मी की सहेली थी और वो अक्सर मेरे घर मम्मी के साथ गपशप और गोसिप करने के लिए आती थी, यह हॉट आंटी बहुत ही सेक्सी थी लेकिन मेरी मम्मी के डर की वजह से मैं उससे नजदीकी नहीं बना सकता था. वह अक्सर मुझे गांड के उपर हाथ मार के हाई हल्लो किया करती थी, मेरा लंड तो तन जाता था इस हॉट आंटी के स्पर्श से लेकिन मेरी मन की मन में ही रह जाती थी. लेकिन मेरे टीनेजर 18 साल के लंड को इस आंटी का चुदाई का मौका मिल ही गया, आईये आप मित्रो को इस हॉट आंटी की चुदाई की कहानी सुनाऊं……!

उस दिन मेरी मम्मी मेरे मामा की शादी की खरीदी करने के लिए मामी और मौसी के साथ कानपुर गई हुई थी और मैं घर में अकेला था, गर्मियाँ शरू हो गई थी और कुत्ते बिल्ले तक दोपहर में सो जाते थे. मैंने अपने लेपटोप पर बीपी लगाईं हुई थी और मैं इस बीपी में एक हॉट आंटी की चुदाई ही देख रहा था, मेरा हाथ हाल्फ पेंट के अंदर ही घुसा हुआ था और में उमा आंटी के नाम के ही मुठ ले रहा था. तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और मैंने मूवी पॉज़ कर के मिनीमाईज की और दरवाजा खोला, सामने उमा आंटी ही खड़ी थी…गर्मी होने की वजह से हॉट आंटी एकदम पतले और हल्के कपडे पहने हुई थी जिस से उसके देसी बड़े स्तन मस्त दिख रहे थे. मेरा लंड पहेले से खड़ा था और इस हॉट आंटी को देख के और भी उत्तेजित हो उठा. आंटी ने भी शायद मेरे लंड में आये उभार को देख लिया था, वह बोली…कितने बजे आएगी तेरी मम्मी sexy hindi story.

मैंने कहा, शाम को आएँगे वो लोग तो.

हॉट आंटी बोली, मुझे घर पे बोर लग रहा है, तू क्या कर रहा है…आजा रमी खेलेंगे हम लोग.

desi chudai मैंने कहा ठीक है….आंटी को घर में ले के मैं लू से बचने के लिए दरवाजा बंध किया. आंटी सीधी लेपटोप के पास जा बैठी और मुझे कहा, दीपक पानी तो पिला दे जरा. मुझे लगा की यह आंटी इतनी चालाक तो नहीं होगी की लेपटोप खोलेगी इसलिए मैं पानी भरने चला गया. जब मैं वापस आया तो मेरे पाँव के निचे से जमीं खिसक गई क्यूंकि जब मैं रूम में दाखिल हुआ तभी आंटी ने बीपी वाली विंडो खोल दी. सिन भी आंटी के मुहं में काले लंड देने का ही था. मुझे लगा आज तो दीपक बुझ जाएगा जब यह हॉट आंटी मम्मी को शिकायत लगाएगी.लेकिन ये क्या, आंटी तो वोल्यूम स्लो कर के प्ले करने लगी, मैं दरवाजे के पीछे सरक गया इसके पहले की वह मुझे देखे. दरवाजे के पीछे से मैंने देखा की आंटी ने जल्दी जल्दी सिन फोरवर्ड कर के वापस जहाँ मैंने पॉज़ किया था वह ला के बंध किया. विंडो मिनीमाईज कर के वह बैठ गई. मैं दरवाजे से बहार आया और मैंने आंटी को पानी दिया. आंटी की नजर मेरे खड़े हुए लंड की तरफ ही थी.

आंटी बोली, दीपक क्या कर रहे हो लेपटोप पे, तूम मुझे भी सिखा दो.

मैंने कहा, आंटी आसान है आप जल्द सिख जाएंगी sexy chuddai.

अच्छा, हॉट आंटी नखरे से बोली, ला मैं देखू….! इतना कहेते ही उसने विंडो दुबारा खोली और उस पर चुदाई का सिन देख के मुहं पर हाथ रख के बोली, दीपक यह क्या है सभी….क्या यह पोर्न मूवी है.

मैंने कहा, हां आंटी…! मैं बिलकुल नहीं डर रहा था क्यूंकि मुझे आंटी क्या कर रही थी वो पता चल गया था. आंटी बोली, तू भी यह सब देखता है क्या.

Hindi new मैंने कहा, हाँ आंटी यह मूवी मैं सेक्स एज्युकेशन के लिए देखता हूँ…!

अच्छी बात है, वैसे भी तू 18 का हो चूका है इसलिए तेरे पास सेक्स का ज्ञान होना चाहिए. वैसे अभी तक क्या सिखा है.

मैंने कहा, आंटी कुछ नहीं सिखा अभी तक. आज पहेली बार ही मूवी देख रहा था. हॉट आंटी बोली अच्छा, चल में तुझे बताती हूँ. इतना कह के उसने मूवी चालू कर दी. इस मूवी में एक दिल्ली की आंटी की चूत चुद रही थी. उमा आंटी मुझे बोली देख ऐसे चुदाई करते है, यह चूत है…उसने मूवी को चूत के द्रश्य पर पॉज़ की थी…इसमें दो छेद होते है एक मूत का और दूसरा चूत का. चूत के छेद में चुदाई होती है. मैंने कहा आंटी सही दिख नहीं रहा है. आंटी हंसी और बोली, मेरी चूत देख एज्युकेशन लेगा. मैंने कहा, सच ,में आंटी….?

chudai new kahani हॉट आंटी खड़ी हुई और उसने अपनी लेंघी खोल दी, वह सोफे के उपर बैठ गई और उसने अपनी पेंटी भी उतार दी. इस आंटी की चूत मस्त गुच्छेदार बालो वाली थी लगता था की कितने समय से इसने बाल काटे ही नहीं थे. मेरा लंड तान में आ गया था लेकिन मैं जरा भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता था. मैंने आंटी की चूत पर हाथ लगाया और उसे खोलने लगा. आंटी ने मेरी मदद करते हुए चूत के होंठ खोले और बोली, यह निचे वाला छेद चुदाई के लिए होता है और इसमें पुरुष अपना लंड डालते है. मैंने अपनी पेंट उतारी और बोला आंटी मैं डाल के देखूं….? आंटी हंसी और बोली, अच्छा देख ले, लेकिन तेरी मम्मी को मत बताना यह सब. वो भी चालू थी और में भी, दोनों एक दुसरे की उत्तेजना का फायदा लेने में लगे थे, आंटी की चूत को मेरे लंड का स्पर्श होते ही वह मुहं से सी सी..श…ऐसे बोलने लगी और मेरे दोनों हाथ उसके देसी स्तन के उपर चले गए. मैंने एक हलका झटका दिया और लंड चूत में अंदर कर दिया. मेरे हाथ आंटी के भरे हुए स्तन दबा रहे थे और दूसरी तरफ मैं उसकी चूत को हल्के हल्के पेल रहा था. आंटी दोनों हाथ पीछे ले गई और उनके सहारे बैठ गई. मैंने उसकी टाँगे और चौड़ी कर दी और चुदाई की स्पीड बढ़ा दी New sexy story.

चूत को कुछ 10 मिनिट पेलता रहा और साथ में मेरे हाथ उसके चुन्चो को ऐसे ही मसल रहे थे, गर्मी का साफ़ असर आंटी के उपर दिख रहा था क्यूंकि उसके पुरे बदन से पसीना छुट रहा था, उसके पेट का पसीना तो लगभग उसकी चूत तक पहुँच चूका था, मेरी हालत भी कुछ वैसी ही थी और मैं भी पसीने से लथपथ ही था. चुदाई की झड़प मैंने और भी बढ़ा दी, आंटी की चूत बूढी होने के वजह से ढीली थी इसलिए चुदाई लंबी चली जा रही थी. तभी मुझे लगा की आंटी ने अपनी चूत कस ली है, शायद उसकी चूत ने रस छोड़ दिया था. मैं भी आंटी के साथ झड़ना चाहता था इसलिए मैंने भी स्पीड और बढ़ा दी, मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली और आंटी की चूत में खाली हो गई….कुछ देर बाद यह हॉट आंटी और मैं सोफे पर बैठे थे, आंटी ने मुझे कहा की अगर तुझे और भी सेक्स एज्युकेशन चाहिए तो मुझे बता देना, मेरे पति दोपहर को घर नहीं होते है…मैं तुझे गांड मारना और स्तन चोदना सिखाऊंगा !

Sunday, 23 April 2017

एक रात की गलती

प्रेषक :करण

हेल्लो दोस्तों ,मेरा नाम करन है, मैं राजस्थान अजमेर का रहने वाला हूँ। यह मेरी पहली कहानी है।बात उन दिनों की है जब मैं अपनी चाची के यहाँ पर गया हुआ था। गर्मियों का मौसम था।मेरी चाची की उम्र लगभग 32 साल की है। मोटे चूचे, मोटे चूतड़, उनके शरीर का आकर सुराही के जैसा है। जो देखे वो बस दीवाना ही हो जाए। बहुत ही गजब हैं वो। मुझे भी वो बहुत अच्छी लगती थीं।वैसे मेरा उनको चोदने का मन बहुत दिनों से कर रहा था, पर डरता था कि वो कहीं किसी को बता न देवें story in hindi।

फिर एक दिन बातों-बातों में उनके पड़ोसी से चाची की बात होने लगी, जो मेरे दोस्त जैसा ही है। हम चाची की बात करने लगे।उसने मुझे कहा- यार तेरी चाची तुझे चूत दे देगी, कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि मैंने खुद उनकी चूत ली है। मुझे मालूम है कि वो किस तरह की है। तू चिंता मत कर और जाकर बात कर।और इस तरह उसने मुझे एक आईडिया दिया। मैं शाम को सात बजे उनके कमरे में गया।
उन्होंने कहा- आओ करन, बैठो क्या बात है? जब से आये हो, तब से मुझसे कम बात कर रहे हो। उन्होंने मुझसे मजाक में कहा।मैंने कहा- कुछ नहीं, ऐसी बात नहीं है। मैं उनके पलंग पर बैठ गया और मैंने चाची से कहा- चाची जी मेरे पैरों में बहुत दर्द हो रहा है।तो चाची ने झट से कहा- लाओ मैं तेल से मालिश कर देती हूँ।
मैं तो यही चाहता था। मैंने अपना पजामा ऊपर कर लिया। लेकिन पजामा पहने हुए तेल लगाने में दिक्कत हो रही थी।

चाची ने कहा- पजामा उतार दो और अच्छी तरह से तेल लगवा लो।मैंने पजामा खोल दिया। मैं अब केवल अन्डरवियर और बनियान में था। मेरा लंड अब धीरे-धीरे खड़ा होने लगा और उनके हाथ लगाने से उसमें और कड़कपन आने लग गया।मैं अपने खड़े लंड को बनियान में छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगा, लेकिन वो मेरे लंड को बहुत प्यासी नजरों से देख रही थीं।चाची पैरों में तेल लगा रही थीं, तो मैंने धीरे से उनकी चूचियों पर अपनी कोहनी हल्के से छुआई, पर वो कुछ नहीं बोलीं।

WWW.sexyउनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी। फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उनकी चूचियों पर रख दिया, तो भी वो कुछ नहीं बोल रही थीं। बस इधर-उधर की बातें कर रही थीं।उनके विरोध न करने पर, अब मैं उनकी चूचियों को हाथ में लेकर धीरे-धीरे दबाने लगा। वो कुछ नहीं बोलीं।उन्हें भी मजा आने लगा और वो बोलीं- चलो, आज यहीं सो जाओ। अँधेरा बहुत हो गया है।तो मैंने कहा- ठीक है।चाची ने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज को भी उतार दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने पूछा- चाची यह क्यों?
तो चाची बोली- मैं तो ऐसे ही सोती हूँ।
फिर तो चाची मेरे पास आकर लेट गईं और मैं फिर से उनकी चूचियों को दबाने लगा, चूचियों को मुँह में ले कर चूसने लगा।उन्हें बहुत मजा आ रहा था और जोर-जोर से चूचियों को चुसवा रही थीं। जोर-जोर से मेरे मुँह को अपने वक्ष पर दबा रही थीं। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।मैंने उनके पेटीकोट को भी ऊपर कर दिया। और फिर उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ लिया और जोर से दबाने लगीं। मुझे बहुत मजा आ रहा था।मैं चाची के चेहरे को अपने लण्ड के पास ले गया। चाची ने झट से मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और जोर से चूसने लगीं।

चाची ने मेरा लण्ड पांच मिनट तक चूसा। इस बीच मैं चाची की चूचियाँ लगातार दबा रहा था।फिर चाची ने मुझसे कहा- करन अब तुम मेरी चूत चाटो।मैंने चाची को मना कर दिया, पर एक बार फिर कहा तो मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी।“क्या गजब की सुगंध थी।”

उनकी चूत में से उसमें लगातार पानी जैसा कुछ गिर रहा था, बहुत नमकीन था।मैं उनके दाने को जीभ से चाट रहा था। कभी उनकी चूत में पूरी की पूरी जीभ डाल देता। उनको बहुत मजा आ रहा था।फिर उन्होंने मेरे लंड को पकड़ कर कहा- करन, अब मत तड़पा, जल्दी से घुसा दे, अपने मोटा लंड मेरी चूत में। अब बर्दाश्त नहीं होता है। जल्दी कर ना !

चाची अपनी चूत खोल कर मेरे सामने लेट गईं और मेरे लंड को पकड़ कर घुसाने लगीं।
मैंने थोड़ा और चाची को तड़पाना चाहा, मैं अपना लंड चूत के आस-पास घुमाने लगा। कभी थोड़ा अन्दर करूं, तो कभी थोड़ा इधर-उधर।
चाची तड़प रही थीं। उन्होंने मेरे लंड को पकड़ कर सीधे चूत के द्वार पर रख दिया। अब मैं भी रुक न सका और जोर से चाची की चूत में लंड घुसा दिया !
“आ… अ…” चाची थोड़ा चीखीं, पर शांत हो गईं। अब मेरा लण्ड चाची की चूत में फिट हो गया था। मैं जोर-जोर से घक्के मार रहा था।
उधर चाची सिसिया रही थीं, “उन… ऊं… ऊं… आई… ई ई सी… सी उफ़… उफ़ हाई… मजा आ रहा हा है…”
चाची को चुदाई में खूब मजा आ रहा था, वो लगातार बड़बड़ाए जा रही थीं, “ऊई… उफ़… हही… जोर से करन… और जोर से… बहुत मजा आ रहा है। अब तक तू कहाँ था ! कितने दिनों से मैं प्यासी थी। तेरे चाचा तो साल में एक बार ही घर आते हैं नौकरी से और मैं हमेशा प्यासी रहती… हूँ उ… उ… उई… उई… ई… है ई… और जोर से… और जोर से…”
वो अपनी गांड उठा-उठा कर भी मेरे लंड को अपने चूत में ले रही थी, सिसकारियाँ ले ले कर चुदवा रही थी।
“हाय करन !” अब उन्होंने मुझे कहा- अब तू लेट जा। मैं तेरे ऊपर आकर चुदूँगी।
फिर वो मेरे ऊपर आ गई और अपनी चूत में मेरा लंड लेकर जोर-जोर से झटके मारने लगीं।
मैं भी नीचे से ऊपर कमर उठा-उठा कर उन्हें चोद रहा था। बहुत मजा आ रहा था।
अचानक चाची के बदन में ऐंठन होने लगी, और वो झट से मेरे ऊपर से नीचे उतर गईं।
मुझसे कहा- चल अब तू चोद जोर-जोर से ! अब मेरा माल निकलने वाला है। मुझे लेट कर माल निकलवाने में मजा आता है।
मैंने भी देर नहीं की और सटाक से अपना लौड़ा पेल दिया saxy story।
“जोर-जोर से चोद मेरे राजा… जोर-जोर से…”
मैं उन्हें जोर-जोर से चोद रहा था। सच में मैं स्वर्ग में था। खूब मजा आ रहा था।
फिर चाची नीचे से कमर उठाने लगीं और मुझे जोर से पकड़ कर दबाने लगीं, बोलीं- करन, अब मैं झड़ने वाली हूँ।
“ऊई… आह… ई… उम्म…” की आवाज करते हुए चाची झड़ने लगीं।
मेरा भी बुरा हाल हो रहा था। मैं भी झड़ने वाला था। मैंने चाची को कहा- चाची मैं भी झड़ने वाला हूँ।
“मेरी चूत में ही झड़ जा…”
मैं पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा, और फिर जोर से चाची को पकड़ लिया और एकदम से झड़ गया।
“हाई… ई… उम्म… चाची… आई लव यू…” और मैं उनके ऊपर ही ढेर हो गया।
कुछ देर तक लेटने के बाद चाची और मैं बाथरूम गए, फ्रेश हो कर आये और सो गए।
सोते-सोते न जाने कब मेरी नींद खुली, तो देखा की चाची मेरे लंड से खेल रही थीं। फिर हमारी वासना ने एक बार और सम्भोग के लिए मजबूर किया। उस रात मैंने चाची की गांड भी मारी।
तो दोस्तो, यह थी मेरी चाची की मेरे साथ चुदाई की कहानी।

Saturday, 22 April 2017

मम्मी की बेहेनकी जमके चुदाई किया

प्रेषक :राज ,

हेल्लो दोस्तों ,मेरा नाम राज है .बात उन दिनों की है जब मेरी ३५ वर्षीय मौसी अपने ३ बच्चों के साथ सहारनपुर से आई थी। उनकी शादी १६ साल पहले एक सरकारी कर्मचारी की साथ हुई थी।सपना मौसी अपने फिगर का बहुत ख्याल रखती थी। उनका रंग गोरा, गाल गुलाबी थे, पर चुँचियां बहुत बड़ी नहीं थी। पर हां ! उनकी गांड बहुत जबरदस्त थी, जब वो चलती थी तब मेरा ध्यान अक्सर उनकी गांड पर अटक जाता और वो साड़ी ही पहना करती थी! कसम से वो साड़ी में कयामत लगती थी, उनका साड़ी बांधने का अंदाज भी अलग था।

वो नाभि के काफी नीचे साड़ी बांधती थी और सदा गहरे गले का ब्लाउज पहना करती थी जिससे से वो जब भी झुकती थी तो उनकी दूध डेयरीका नजारा मैं बहुत आराम से देख करता था।मै अपनी मम्मी, बुआ व बहन की चुदाई करने के बाद काफी चुदक्कड़ हो गया था।

मैने एक रात मम्मी को चोदते हुए मौसी की तारीफ की तो मम्मी ने कहा- साले ! मादरचोद ! मुझे पहले ही पता था कि तू मेरी बहन को बिना चोदे नहीं छोड़ेगा, क्योंकि मैं तुझे उसकी दूध डेयरी में झांकते हुए अनेक बार देख चुकी हूँ और जब भी तू उसके चूतड़ों की तरफ देखता है तो मै समझ जाती हूँ कि तू उसकी गांड भी मारेगा और वो छिनाल भी ऐसा ब्लाउज पहनती है कि सारी चूँचियां बाहर ताकती रहती हैं, रंडी ऊपर के हुक भी नही लगाती…कई बार तो तेरे पिता जी भी मुझसे उसको सही ढंग से कपड़े पहनने के लिए कहने को कहते।

वो कहते- समझा लो मेरी साली को, वरना बाद में ना कहना कि मैंने उसकी चूँची दबा दी !और मैं हंस कर टाल देती थी। लेकिनअब तू अपनी मौसी को चोदने को कह रहा है, तू भी बहुत हरामी हो गया है।

आप सब जानते ही होंगे कि मम्मी कोचुदवाते वक़्त गालियों से बात करना बहुत अच्छा लगता है। तभी मैं जो इतनी देर से मम्मी की बकबकसुन सुने जा रहा था, उनके बड़े-2 ब्लैडर जैसे स्तन दबाते हुए बोला- तो साली हर्ज ही क्या है जोअपनी बहन को मेरा लौड़ा खिला देगी तो उसको भी तेरे जैसे मजा आ जाएगा, वो तो वैसे भी तुझ से छोटी है और वैसे भी मौसा जी ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं, उसकी चूत भी प्यासी ही रहती होगी।

कसम से जब मेरा लौड़ा उसकी टाइट चूत में जायेगा तब बहुत मज़ा आयेगा। मम्मीप्लीज़ ! एक बार चुदवा दो न !तब मम्मी ने कहा- अच्छा-2 अब अभी तो मेरी चुदाई कर !उसके बाद मैने मम्मी की चूत को चाट कर उनकी बुर में बहुत ही ज़ोरदार ढंग से अपना पूरा 9″ का लौड़ा धंसा कर बहुत बेरहमी से पेला। मम्मी ने थोडी देर बाद ही चूत से पानी छोड़ दिया। फ़िर मैने एक बार पलट कर उनकी गांड मारी जिससे मेरी माँ बहुत थक गई और फ़िरहम दोनों सो गये।

दूसरे दिन जब मैं नहा रहा था तब मैंने मम्मी की आवाज़ सुनी, वो सपनी मौसी से कह रही थी- सपना तुमउदास लग रही हो ?तो मौसी ने न-नुकर करने के बाद बताया- क्या बताऊँ दीदी ! आजकल रिंकू के पापा मेरी ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते, पहले वो मेरेसाथ लगभग रोज़ ही सम्भोग करते थे(इतने में मैं नहा कर कमरे मे आगया था)।

फ़िर माँ ने कहा- मैं तेरी परेशानी समझ गई, तू यही कहना चाह्ती है कि आनंद तेरी ठीक तरह से चुदाई नहीं करता। पर इसमें परेशान होने की कोइ बात नही क्योंकि वो तुम्हारे लिए ही काम कर रहा है, अब सारा वक्त तो तेरी चूत मारने में नहीं लगा सकता। चल कोई बात नहीं ! आज मैं तेरी प्यासबुझा दूंगी !

तब मौसी ने कहा- किससे? क्या मोमबत्ती से?

तो मम्मी बोली- नहीं पूरे 9″ का लौड़ा घुसवाउंगी आज तेरी चूत में।

मम्मी की बात सुन कर मैं खुश हो गया। थोड़ी देर बाद ही मैने सुना कि मम्मी मौसी से बोली,”देख सपना,मैं तुझे चुदवा तो दूंगी, पर एक शर्त है !”

मौसी बोली,”वो क्या?”

मम्मी बोली,”तुझे चूत और लंड की बातें खुल कर किसी रंडी की तरह करनी होंगी !”

मौसी मान गई।

मौसी ने पूछा- आप मुझे चुदवाओगी किससे?

मम्मी ने कहा- यह तो रात को ही पता चलेगा।

रात होते सबके सोने के बाद मम्मी मेरे कमरे में आई और मेरे होंठों पर किस करते हुए बोली,”चल मेरे चोदू राजा ! आज अपनी मौसी की चूत भी चेक कर ले, तूने ऐसी माँ कभी नहीं देखी होगी जो खुद के साथ अपनी बहन को भी चुदवाए !”

तब मैंने कहा- मम्मी, मौसी को बतादिया कि उसकी चूत कौन मारेगा?

मम्मी बोली- बेटा, अभी नहीं बताया ! तू जब करेगा तो खुद ही देख लेगी।

मैं बोला- उसको बुरा नहीं लगेगा?

मम्मी ने कहा- अरे, बुरा कैसे मानेगी? साली की बुर में खुद ही कीड़े काट रहे हैं, और जब कोई औरत एक बार चुदाई कराने का सोचती है तो फ़िर वो किसी से भी चुदवा सकती है।

फ़िर मैं मम्मी के साथ उनके कमरे में चला गया। तब मौसी मम्मी के बेड पर बैठी थी और मुझे देख कर संभल कर बैठ गई।

मम्मी बोली- देख ले अपने चोदू को… आज यही तेरी चूत मरेगा !

यह सुनकर मौसी का मुख लाल हो गया।

वो झपाक से बोली- हाय दीदी ! मैं भला अपने भांजे से कैसे सम्भोग कर सकती हूँ?

तब मम्मी ने कहा- जब मैं अपने सगेबेटे से चुदवा सकती हूँ और इसको अपने सामने ही अपनी बेटी की चूत भी मरवाने का मज़ा दे चुकी हूँ, तब तुझे क्या मुश्किल है?

मौसी बोली- हाय दीदी, आप कितनी निर्लज्ज हो, भला अपने बेटे से भीकोई चुदवाता है।

मम्मी बोली- तू बोल- तुझे चुदवाना है या मैं अपनी चूत की खुजली मिटा लूँ तेरे सामने चुदवाकर ! साली नाटक करती है !और इससे तो घर की बात घर में ही रहेगी।

मौसी के नखरे दिखाने पर मम्मी ने उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी बुर के पास चिकोटी काटते हुए कहा- रानी एक बार लंड घुसवा लेगी तो ससुराल जाना भूल जाएगी।

यह बोलते हुए मम्मी ने मौसी की साड़ी उतार दी, अब वो सिर्फ़ ब्लाउज़और पेटीकोट में रह गई। अब मैं बर्दाश्त से बाहर हो रहा था, मैंने मम्मी की चूँची दबाते हुए कहा- पहले एक बार आप चुदवा लो, फ़िर मौसी को देख लेंगे !

मम्मी ने कहा- अब तू अपनी मौसी कोही चोद ! इतने दिनों से तूने रट लगा रखी थी।

मम्मी ने मेरी लुंगी झटके से खोलते हुए मेरा अधखड़ा लंड हाथ मे लेकर मौसी की तरफ़ बढ़ाते हुए उसे हाथ में लेकर लंड की गर्मी महसूस करने को कहा और बोली- साली ले और जल्दी से इसे चूस !मम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मौसी अभी भी शरमा रही थी लेकिन मम्मी ने उसके कान के पास चुम्बन लेते हुए उसे शर्म छोड़ने को कहा। मैं झट से मौसी की चूंची दबाने लगा … वाह … बहुत मज़ेदार थी उनकी चूंचियां ! बिल्कुल टाईट। उनके गज़ब के चुचूकों को मैं हाथों से रगड़ रहा था, मम्मी पीछे से उसकी पीठ पर अपनी छाती रगड़ रहीथी। मौसी ओह…… ओफ़्फ़्फ़्… की सिसकियां निकाल रही थी। तब मैंनेअपना हाथ साईड से उनकी पेटीकोट में डालकर धीरे से नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट निकाल दिया। अब मौसी बिल्कुल नंगी थी, पर उसने दोनों हाथों से अपनी बुर को छिपा लिया था।

मम्मी ने जल्दी से पीछे से उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और मुझसे बोली- राज ! चल अब अपनी मौसी को चूत चाटने का मज़ा दे !ये सुन कर मैं मौसी की बिना बालोंवाली फ़ूली हुईं गुलाबी चूत पर हाथ फ़ेरने लगा, उसकी फ़ांके बहुत ही सुंदर थीं।मैं अपना हाथ फ़ेरने लगा और मेरा हाथ अपनी चूत पर पाकर मौसी चिहुंक पड़ी और उसके मुँह से एस्स्स्स …स्स्स सिसकारियां निकलने लगीं। तभी मैंने अपने हाथों से उसकी फांकों को फ़ैला कर उसकी चूत का करीब से नज़ारा देखा।

उसके अंदर का गुलाबी भाग बहुत ही खूबसूरत था और उसकी भीनी-2 सुगंधआई।मैंने जैसे ही अपनी ज़बान निकाल कर मौसी की चूत पर रखी, वो एकदम सेउछल पड़ी और आईईई…एस्स्स्स्स हाय्य्य्य राज…उफ़्फ़्फ़्फ़्…क्या करते हो? बहुतगुदगुदी होती है !तभी मौसी ने मेरा सर पकड़ कर अपनीचूत पर मेरा मुँह दबाने लगी।कुछ देर चाटने के बाद मैंने उसकी चूत में अपनी ज़बान घुसा दी। वो ज़ोर से फ़िर उछल पड़ी … हाय राम ! दीदी यह राज कितना गंदा है … उफ़्फ़्फ़्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है !

मम्मी बोली- अभी तो ये सिर्फ़ तेरी चूत को चूस और चाट ही रहा है पर जब अपने खड़े लंड के झूले पे बिठाकर झुलाएगा, तू फिर देख्ना कितना दम है इसके लंड में !और यह कह कर मम्मी ज़ोर-2 से मौसी मे स्तन और चुचूक मसलने लगी … कभी अपने होंठों से मम्मी उसकी चूँची को चूस रही थी।

अब तो मौसी के बदन मे आग लग चुकी थी और वो सारी लाज-शर्म भूल कर बोली- आओ मेरे चोदू राज …॥ आईईईइ…इस्स्स्स इस तरह का मज़ा तो तेरे मौसा ने भी कभी नहीं दियाआह्ह्ह्ह्हह्ह,……और वो अपनी चूत उचकाने लगी और मैंभी उनकी चूत की दरारों को फ़ैला करउनकी टांगें अपने कंधों में फंसाकर बहुत ही ज़ोरदार तरीके से उसकी चुसाई कर रहा था …

मेरी छिनाल मम्मी ! आज तो तेरी बहन की चूत चाटने मे बहुत मज़ा आ रहा है ! मैं बोला।मम्मी बोली- मादरचोद अब जल्दी सेइसकी चूत से पानी निकाल ! इतनी देर से घुसा पड़ा है।मैंने कहा- इसकी चूत इतनी चुदी नहीं है और आज पहली बार तो इसकी चुसाई हो रही है, भला इतनी जल्दी पानी कैसे छोड़ेगी ! अब तेरी बात तो अलग है, तेरा तो भोसड़ा बन चुका है !इससे मम्मी तप गई और मेरे सर पे एक चपत मारते हुए बोली- अब मेरी चूत मारना ! तेरी गांड पे लात मारूंगी।

इतने में मौसी बोली- बात ही करते रहोगे या मेरा पानी भी निकालोगे, मैं झड़ने वाली हूँ… जल्दी… जल्दी जबान चलाओ ! मेरी बुर में ज़ोर से धक्का मारो … कहते हुए अपनी चूत को उचकाने लगी और उनके मुँह से उईईईईईईईई आअ ह्ह्ह्ह्ह्ह, जल्दी करो…राज्ज्ज्ज… और तभी मौसी ने पानी छोड़ दिया। उनका ढेर सारा रस मेरे मुँह पे पड़गया, मैने बहुत ही चाव से सारा कामरस पी लिया।झड़ने के बाद मौसी एक तरफ बेड पर गिर गई। उसके बाद मैंने अपनी मम्मी की गांड मारी और मौसी को उसरात मैंने चार बार चोदा।

धन्यबाद……….

Friday, 21 April 2017

Hindi chudai kahani pati ne apni biwi ko mujhse chudwaya

प्रेषक :लल्लन ,

हेलो फ्रेंड्स,मेरा नाम सौरव है और मेरी उम्र 20 साल है.. दोस्तों मैं आप सभी लोगों को अपनी एक रियल स्टोरी सुनना चाहता हूँ. अपनी और अपनी हॉट भाभी की.. अभी मेरी भाभी की उम्र 22 होगी और मेरे भैया एक बहुत बड़े बिजनसमैन है और तीन साल पहले की बात है जब मेरे भैया की शादी हुई.. भाभी बहुत ही सुंदर थी और वो बहुत गोरी थी. उनकी हाईट लगभग 5.5 इंच की होगी. उस वक़्त मुझे भाभी उतनी सेक्सी नहीं लगती थी और ना ही मैं उन्हे उस नज़र से देखता था. फिर दो महीने के बाद वो प्रेग्नेंट हुई और उसके कुछ दिनों के बाद मैंने देखा कि उनका शरीर बड़ा ही सेक्सी होता जा रहा था और उनकी गांड फैलती जा रही थी. बूब्स धीरे धीरे बड़े होते जा रहे थे. तो तब से मेरे दिल पर वो राज करने लगी. मैं हमेशा उन्हे गंदी नज़र से देखता था.. एक दिन शाम को वो नहाने के लिए बाथरूम में गयी थी और मैं उसी बाथरूम की खिड़की पर चढ़ा और उनको नहाते हुए नंगा देखने लगा.. ओह भगवान् मैं आपको अपना वो अहसास शब्दों में नहीं बता सकता.. उनके बड़े बड़े बूब्स लटके हुए थे, जिसे देखकर मैं पागल हो गया और फिर उस दिन मैंने मुठ मारने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. फिर उसके बाद मैंने उन्हे देखने की बहुत कोशिश की.. लेकिन मैं सफल नहीं हो पाया.

फिर उनका बेटा हुआ और जब वो एक साल का हुआ तो मेरी भाभी और भी सेक्सी लगने लगी.. वो जब भी वो अपने बेटे को अपना दूध पिलाती तो मैं उनके बूब्स को छुपकर देखता था और अब मैंने मन ही मन उनको चोदने ठान ली थी.. लेकिन ज़बरदस्ती नहीं. मैं अक्सर उनसे मज़ाक किया करता था और उन्हे आँख भी मारा करता था. वो मुझे हमेशा बोला करती थी कि क्या आप पागल हो गए है. मैं उन्हे जवाब में सेक्सी स्माईल देता था. मैं हमेशा उनको कपड़े चेंज करते वक़्त छुपकर देखा करता था और कभी कभी वो मुझे देख भी लेती थी.. लेकिन वो मुझसे कुछ बोलती नहीं थी. इसी तरह हम दोनों के बीच की दूरियाँ थोड़ी कम हो गयी. तो एक दिन मैंने उनके कमरे में एक कंडोम का पैकेट देखा, जो बहुत पुराना था और वो शायद मेरे भैया का भाभी के लिए था. तभी उसी वक़्त भाभी कमरे में आ गयी और उन्होंने मुझे उस कंडोम के साथ देख लिया. वो बहुत शरमा गयी.. तो मैंने उसका फायदा उठाया और उनसे पूछा कि यह किसका है?

तो वो मज़ाक में बोली कि आपका ही है.. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे पूछा कि यह इतना पुराना और अभी तक रखा हुआ है. तो वो गुस्से में बोली कि आप मुझसे इतना क्यों पूछ रहे हो? और जो पूछना है अपने लालू भैया से पूछिए. तो दो दिन तक मैंने इस बारे में बहुत सोचा. एक दिन घर पर कोई नहीं था.. घर के सभी लोग मेरे दादा जी से मिलने हॉस्पिटल में पटना गये थे. उस दिन घर पर सिर्फ़ मैं, भाभी और उनका बेटा था. मैं और वो साथ में टीवी देख रहे थे.. तभी अचानक से टीवी पर कंडोम का विज्ञापन आता है और वो उसे देखकर मुझसे अचानक सॉरी बोलने लगी. तो मैंने उनसे पूछा कि आपने मुझसे सॉरी क्यों कहा? तो वो बोली कि उस दिन मैंने आपसे बहुत खराब तरीके से बात कि इसलिए. तो फिर मैंने उनसे कहा कि ऐसी कोई बात नहीं और मैंने साथ में यह भी पूछा कि आपने भैया को लालू क्यों कहा? कसम से में किसी को नहीं बताऊंगा.

तब उन्होंने बताया कि आपके भैया को सेक्स करना अच्छा नहीं लगता.. वो कभी सेक्स के मूड में नहीं रहते है और शादी के बाद बस एक ही बार हम दोनों के बीच कुछ हुआ है. तो मैंने उनसे बस इतना ही कहा कि सब ठीक हो जाएगा. उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब हो गए थे. हमने साथ में दिन का खाना खाया और फिर शाम को छत पर घूमने चले गये. हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ कर चल रहे थे और रोमॅंटिक बातें करने लगे. तो मैंने उन्हे अपनी इच्छा बता दी कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. तो वो अच्छी बात है कहकर नीचे चली गयी. उनके चहरे के हावभाव देखकर मुझे लगा कि उन्हे मुझ पर बहुत गुस्सा आया. फिर भी मैं उनके पीछे पीछे नीचे गया.. तभी अचानक भैया का कॉल आया और वो कहने लगी कि वो आज रात नहीं आएँगे.. क्योंकि हाइवे पर बहुत लंबा जाम लगा था. उन्होंने कहा कि वो कल दोपहर 12 बजे तक आ जाएँगे. तो मैं यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और फिर भाभी किचन में चली गयी.. तो मैंने घर के सारे गेट लॉक कर दिए और मैं भी किचन में जाकर उनकी मदद करने लगा.

तभी थोड़ी देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हे पीछे से किस किया और उन्हे मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ कह दिया.. वो बोली कि प्लीज कोई देख लेगा. तो में बहुत बदनाम हो जाऊँगी और फिर मैंने अपना हाथ थोड़ा सा ढीला किया और वो घूम गयी. अब हम दोनों के चहरे एक दूसरे के सामने थे. मैंने उनके गालों पर धीरे से किस किया. वो मुझे धीरे हटाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन फिर भी मैं नहीं हटा और उनके होंठ को चूसने लगा. दो मिनट के बाद भाभी ने भी मुझे कसकर जकड़ा और मेरे होंठो को चूसने लगी.. 10 मिनट तक हम दोनों का किस चला और उसके बाद उन्होंने मुझे धीरे से धक्का देकर हटा दिया. वो बोली कि हटिए मुझे बहुत काम है और वो वहां से सीधा किचन में चली गई. फिर रात में हमने रोमॅंटिक डिनर किया और उसके बाद हम सोने के लिए चले गये और हम लोग एक साथ एक ही बेड पर सो रहे थे.. लेकिन बीच में उनका बेटा सो रहा था. वो उसको अपना दूध पिला रही थी. मुझे उनकी छाती साफ साफ दिख रही थी. मैंने उनकी कमर को सहलाना शुरू किया, तो वो तड़प उठी तभी थोड़ी देर के बाद उनका बेटा सो गया.

फिर मैं उनके पास में आकर लेट गया और पागलों की तरह किस करने लगा. उस वक़्त उन्होंने साड़ी पहन रखी थी. तो उन्होंने उठकर अपनी साड़ी खुद ही उतार दी और अब वो मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में थी.. इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैं उन्हें देखकर ही पागल ही हो गया. मैंने उनके ब्लाउज को पकड़ कर फाड़ दिया और उनकी नाभि को चाटने लगा.. उनके पेटीकोट को खोला और उनकी दोनों मस्त सेक्सी गोरी गोरी जांघों को चाटने लगा. अब उनमे भी बहुत जोश चढ़ गया था और फिर उन्होंने मुझे दूसरे कमरे में चलने को कहा. तो मैंने उनको गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गया.. वो सिर्फ़ अपनी ब्रा और पेंटी में थी.. मैंने उनकी कुछ फोटो खींची और फिर ब्रा खोलकर उनके बूब्स चूसने लगा. मैंने उनका दूध भी पिया.. मैं उनके पूरे बदन को पागलों की तरह चाट रहा था. फिर अचानक वो उठकर कुछ लाने चली गयी. फिर वो केक वाली क्रीम लेकर आई और अपने पूरे बदन पर लगा लिया. उन्होंने मुझसे कहा कि इसे चाटो. तो मैंने वो पूरी क्रीम को कुत्ते की तरह चाट लिया. फिर हम साथ में नहाने चले गये और शावर में हमने फ्रेंच किस किया और अब उन्होंने अपनी पेंटी को उतार दिया. तो मैं उनकी चूत में ऊँगली डालने लगा.. वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी.

मैंने ज्यादा देर ना करते हुए लंड को एक हाथ से पकड़कर चूत में डाल दिया. चूत और लंड दोनों ही पानी से गीले थे.. जिसकी वजह से लंड बिना किसी रुकावट के बड़े ही आराम से चूत की गहराईयों में चला गया. मैं धीरे धीरे धक्के देकर लंड को आगे पीछे करके चोदने लगा. पहले उन्हे थोड़ा बहुत दर्द हुआ था.. लेकिन फिर धीरे धीरे उनकी चूत का दर्द कम होता गया और हम दोनों को चुदाई का मज़ा आने लगा.. उनकी सिसकियों की आवाजों से मेरे पूरे शरीर के बाल खड़े हो रहे थे. फिर कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया और मेरा लंड छोटा होकर बाहर आने लगा और हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे और मैं उनके बूब्स को सहलाने लगा. फिर हम लोग बेड पर चले गये और दोनों पूरे नंगे ही एक दूसरे को किस करके सो गये. सुबह लगभग 5 बजे वो उठी और उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया. जिससे मेरी भी नींद खुल गई. मैं भी उनके किस का जवाब देने लगा और मैं उनको फिर से नीचे पटककर चोदने लगा.

रात को मैं बहुत थक गया था, इसलिए मैं उनकी गांड नहीं मार पाया था. सुबह मैंने उनकी गांड पहले मारी और उसके बाद उनकी चूत में अपना लंड डाला और चोदने लगा. फिर धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ गयी और उनकी दर्द भरी आवाज़ निकलने लगी और वो कहने लगी कि चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो.. फाड़ दो आज मेरी चूत बना दो मुझे अपनी रांड.. मेरी चूत बहुत दिनों से प्यासी है.. बुझा दो मेरी चूत की प्यास बना लो मुझे अपनी दासी.. मुझे तुमसे यही उम्मीद थी. फिर 40 मिनट बाद.. मेरे लंड से वीर्य उनकी चूत में उनको चोदते चोदते गिर रहा था और हम दोनों उस रात बहुत संतुष्ट हो गए. दूसरे दिन मैंने उन्हे एक गोली खिला दी ताकि वो प्रेग्नेंट ना हो. अब मेरे पास हर वक़्त उनको चोदने के लिए कंडोम रहता है. उसके बाद रोज़ हम फ्रेंच किस करते और दोपहर को जब सब लोग सो जाते, तो हम ऊपर स्टोर रूम में जाते और मैं उनके बूब्स चूसा करता था और उनको चोदा करता था. दोस्तों यह थी मेरी कहानी ..

Thursday, 20 April 2017

चाची जान को कुतिया बनाके चोद दिया

प्रेषक :इकबाल ,
हमारा परिवार एक छोटे से शहर में रहता है और हमारे एक दुकान है जनरल स्टोर की जिसको भाईजान और अब्बू ही सँभालते है और में क्लास 12 में पढता हूँ ..!इस दुकान से हमारा घर ठीक ठाक चल जाता है ,हमारे दो कमरों का एक मकान हैजिसमे एक कमरे में अब्बू और अम्मी सोते है दुसरे में में और भाईजानकोई मेहमान आ जाये तो हम छत पर सो जाते है , मेरे वालिद और अम्मी मुझे बहुत ही प्यार करते है और मेरी जरूरतों का ध्यान भी रखते है क्लास में मेरे बहुत सारे दोस्त है जो कई बार सेक्स के बारे में बातें भी करते है और कई दोस्त तो अपने सेक्स की स्टोरी भी सुनते है
लेकिन मुझे अभी तक कोई सेक्स का अवसर नहीं मिला था और में कई बार अपना बिस्तर ख़राब कर देता थाऐसे ही एक दिन मेरे एक दोस्त जिसका नाम साहिल है ने मुझे पहली बार एक बात बताई की लंड हिलाने से बहुत ही मजा आता है
और उसने मुझे मुठ मारना सिखा दिया.और जब भी मेरा लैंड खड़ा होता तो उसको हिल्ला कर समझा देता था……….!!!!!
ऐसे ही एक दिन अम्मी बोली बेटा जा निगार चाची को ये चिकन कोरमा देकर आजा …?
निगार चाची की उम्र तो चालीस साल की थी पर चाची का फिगर अल्लाह तौबा अप्सराओ को भी मात करता था और उनके बूब माशाल्लाह क़यामत ही थेऔर में चाचिजान के घर की तरफ निकल गया .उनके घर पर जाते ही मैंने घंटी बजायी और इन्तेजार करने लगा करीब दस मिनिट बाद फिर घंटी बजायीमें सोचने लगा की इतनी देर से दरवाजा क्यों नहीं खुला .तभी दरवाजा खुला और निगार चाची एक बड़ा सा तोलिया लपेटे हुए बहार आई और मुझे देख कर खुश हो गयी .
और बोली बेटा आज रास्ता किसे भूल गए और चाची की याद किसे आ गयी तुमको आजा अंदर आजा और चाची ने मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खींच कर दरवाजा बंद कर लिया ..~!
में हेरान था की चाची बोली आजा मेरे रूम में चलते है और मुझे अपने रूम की तरफ ले गयी ,(में बतादू की मेरे चचाजान दिल्ली में जॉब करते है और चाची अकेली ही रहती है .
और घर पर एक पुराना नोकर भी था.लेकिन इस वक्त चाची अकेली थी . चाची ने मुझे एक सोफे पर बता दिया और बोली- जावेद क्या लाया है मेरे लिए ,मैंने कहा चिकन कोरमा लाया हूँ चाची .चाची खुश हो गयी और बोली वाह रे मेरी आपा (मेरी अम्मी को चाची आपा बुलाती थी ) ने मुझे चिकन कोरमा भेजा है मज़ा आ गया आज तो और चाची वही पर बेठ कर कोरमा खाने लगी .कोरमा खाते कई बार चाची का सीना दिख जाता था सिने की दरार में देखकर मेरी सांसे उखाड़ने लगी और मेरा लंड खड़ा हो गया..निगार चाची ने कोरमा ख़त्म कर दिया और बोली ओह जावेद कितनी बेशर्म हूँ में तुम्हे तो पूछा ही नहीं जावेद …मैंने कहा कोई नहीं चाची में घर से ही खाके आया हूँ .
तो चाची बोली खाकर आये हो तो कुछ पीकर जाओ बताओ क्या पियोगे ठंडा या गरम या घर का दूध और चाची धीमे से अपने सीने को उभार कर बोली जावेद तुम तो चाची से खेरियत भी पूछने नहीं आते हो
और अब्बकी बार कितने दिन से आये हो और अच्छा किया आज आये क्योंकि आज रमजान मिंया(नोकर ) गाँव गए है और में घर पर अकेली ही हूँ और अब तुम दो दिन मेरे पास ही रहोगे आपा को में फोन कर देती हूँ ..
और चाची ने अम्मी को फोन कर दिया .
चाची अभी भी तोलिया लपेटे हुए ही थी और फिर चाची बोली में कपडे पहन लेती हूँ में चाची के बेडरूम में ही था , तो में खड़ा होकर बाहर जाने लगा तो चाची बोली क्या हुआ जावेद …?
मैंने कहा चाची आप कपडे बदल लो ,
चाची बोली पागल तू तो घर का ही लड़का है और तुम से थोड़ी मदद भी लेनी है क्या है की मेरी सब चोली टाईट हो गयी है तो तुम पीछे से हुक लगा देना .
मेरी तो गांड ही फट कर कलेजे में आने लगी लगता है आज कुछ नया होने वाला है..!
फिर चाची ने मेरे सामने अपना तोलिया अपने सीने से उतार लिया , हैई अल्लाह क्या नजारा था दो बड़े बड़े बूब बुरी तरह से हिल रहे थे और मेरा लंड तो जैसे मेरी सलवार ही फाड़ देने वाला था मैंने पहली बार किसी ओरत के बूब इस हालत में देखे थे और वो भी इतने बड़े थे की क्या बताऊ चाची के बूब करीब 38” के थे मेरी सलवार के आगे तो जसे तम्बू ही बन गया था चाची गोर से देख रही थी और.
फिर चाची बोली = > जावेद जा सामने की अलमारी से मेरी चोली और चड्डी तो लादे ना मेरा राजा .चाची ने राजा ऐसे कहा की पूछो ही मत मैंने अलमारी खोली उसमे बहुत सी चोलिया थी तो मैंने चाची से पूछा कोनसी लाऊ चाची चाची बोली जो तुमको पसंद हो जावेद मिंया .
फिर मैंने एक चड्डी और एक चोली निकल ली .
और चाची के पास आ गया चाची ने कहा जावेद अब पहना भी दो या चाचिजान को इस हालत में देख कर कुछ हो गया है में सकपका सा गया और चाची के पीछे आ गया और चाची को चोली पहनने की कोशिश करने लगा मैंने कभी किसी को चोली पहने तो थी नहीं तो दो तीन बार कोशिश की लेकिन नहीं पहना सका चाची हंसी,,
और बोली वाह रे राजा तेरी अम्मी तेरे निकाह की बात करती है और तू साला एक ओरत को चोली नहीं पहना सकता है..! निकाह के बाद लगता है तेरी बीबी को न तो तू चोली पहना सकेगा न ही उतर सकेगा . इस बात से मुझे गुस्सा सा आ गया और में रुआंसा सा हो गया .
ये देख कर चाची बोली राजा में तो मजाक कर रही हूँ .
क्या तुमने कभी किसी की चोली उतारी है या नहीं में कहा चाची आपकी कसम में कभी भी किसी की चोली नहीं उतारी और ना ही पहनाई है.
आज पहली ही बार है .
चाची बोली डर मत राजा में तुम्हे सब सिखा देती हूँ. और चाची ने मुझे बताया की चोली कैसे पहनाई जाती है चाची ने मुझे पहले चोली पहने और बोली अब इस्सी तरहा से तू मुझे पहना दे जावेद और में चाची को ब्रा पहनने लगा मेरे हाथ चाची के मस्त पपीते जेसे बूब पर लगते ही करंट आ गया और मेरे लंड चाची के पिछवाड़े में चुभने लगा .
चाची बोली अब जल्दी से चड्डी भी पह्नादे
में तो जैसे पागल ही हो गया आज जिन्दगी में पहली बार चूत देखने को मिलेगी वो भो उसकी जिसके नाम से में मुठ्ठिया मरता हूँ और चाची ने अपना तोलिया उतार दिया ………..
क्या नजारा था हलके हलके बालो के बीच में वो जन्नत का दरवाजा दिख रहा था काले काले बालो के बीच में लाल सा छेद ओह में तो पूरा ही पागल हो गया और बुरी तरहा से आँखे फाड़ कर चाची की चूत को देखने लगा .
–करीब पांच मिनिट बाद चाची बोली राजा क्या हुआ चड्डी पहनायेगा या नहीं में जेइसे नींद से जागा और बोला हां चाची पहनाता हूँ..
और में ने चाची को बेड पर बेठा दिया और उनके दोनों पेरो में चड्डी दल कर पहनाने लगा .
और चड्डी पहनते हुए मैंने अपना हाथ चाची की बुर पर फिर दिया .
चाची का चेहरा भी लाल हो गया था चाची भी जोर जोर से सांसे भर रही थी और उनकी छातिया ऊपेर- नीचे हो रही थी.
चाची बोली ठीक है राजा अब बता क्या पिएगा .
मैंने कहा जो आप पिलादो चाची बोली पक्का ना बाद में मना मत कर देना राजा मैंने कहा नहीं चाची बोली ठीक है अभी तो चाय पीले वादे वाली चीज बाद में पिला उंगी .चाची चड्डी और चोली में ही रसोई की और चली गयी मेरी तो हालत ही ख़राब थी और लंड था की बेठने का नाम ही नहीं ले रहा था ..
मैंने कुछ देर सोचा और फेसला किया की एक बार हिला ही लेता हूँ और चाची के बिस्तर पर बेठ कर सलवार को नीचे किया ,,
और अपना लंड हिलाने लगा दिमाग में चाची की नंगी चूत ही आ रही थी और मेरा हाथ पूरी स्पीड में अपना काम कर रहा था और करीब सात मिनिट में ही मेरा पानी निकलने को आया में चाची के बेड पर था और मेरा मुंह दरवाजे के सामने ही था ….!
और अचानक दरवाजा खुला और मेरा पानी निकल कर दरवाजे में आ रही चाची की और चला गया और तो और पानी सीधा जाकर चाची के मुंह पर गिरा,,, !
चाची बुरी तरह से हडबडा गयी और उनके हाथ से चाय की प्याली गिर गयी मेरी तो हालत ही ख़राब हो गयी चाची ने मेरी तरफ देखा और जो ही चाची की नजर मेरे लंड पर पड़ी वो अवाक् रह गयी,,
में आप लोगो को बतादू मेरा लंड करीब 10” का था और उसकी मोटाई करीब 2” की थी . ..!
चाची की नजरे मेरे लंड से चिपक कर रह गयी और चाची धीरे से मेरी तरफ आई और बोली जावेद इतना बड़ा हथियार छुपा रखा है और हमको खबर भी नहीं और चाची ने मेरा लंड पकड़ लिया मुझे करंट सा लगा चाची के चेहरे पर मेरे पानी की चिपचिपाहट मोजूद थी और पानी बह बह के चाची के मुंह की और जा रहा था और चाची उसे अपनी जीभ से चाट रही थी.
और चाची ने कहा – जावेद तुम हाथ से ये सब करोगे तो तेरा लंड ख़राब हो जायेगा और तुम कमजोर भी हो जायोगे क्या तुम्हारी किसी लड़की से दोस्ती नहीं है क्या ,मैंने कहा नहीं चाची मेरी कोई लड़की से दोस्ती नहीं है चाची बोली – मतलब तुने अभी तक चूत नहीं मारी है राजा मैंने कहा चाची मैंने आज पहली बार ही आपकी चूत देखि है और में अपने आप को रोक नहीं पाया हूँ मुझे माफ़ कीजिये प्लीज . चाची बोली ऐसे केसे माफ़ करदू और तुने मेरा मुंह भी तो ख़राब किया है उसका क्या …!
चाची धीरे – धीरे मेरे लंड को हिला रही थी और चाची ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मुझपर सवार हो गयी और मेरी मुंह को चूमने लगी और अपने होंठ से मेरे होंठ चूमने लगी और मेरे मुंह में अपनी जीभ घुसाने लगी उनके मुंह के अंदर मेरा ही पानी था जिसका स्वाद मुझे भी मिल रहा था . और चाची बोली – जावेद चाची का मुंह ख़राब कर दिया अब में तेरा लंड ख़राब करुँगी अपनी चूत से और चाची ने मेरे दोनों हाथ पकड़ कर मेरे उपर आ गयी…?
और मेरे निप्पल चूसने लगी मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर चाची ने अपनी चड्डी को उतर दिया और बोली आजा राजा अब तू असली मज़ा ले ले और चाची ने अपने छेड़ पर मेरा लंड अड़ा दिया और ताड़ ब तोड़ धक्के मारने लगी (जेसे फिल्मो में रेप होता है वेसे ही मेरे साथ हो रहा था फर्क सिर्फ ये था फिल्मो में विलेन उपर होता है और यहाँ चाची उपर थी )
में हवा में उड़ने लगा और अपनी पहली चुदाई की लज्जत महसूस करने लगा . चाची बोल रही थी – हरामी साले कमीने यहाँ तेरी चाची गाजर से काम चलती है और तू भोस्डिके इतना बड़ा हथियार हाथ से हिलाता है . आआआआआआआआआआआआ मुंह हा हा ह मार ले चूत मार ले कमीने तेरी चाची ही हूँ कोई दूसरी नहीं और पता नहीं क्या क्या बोल रही थी में अब चुदाई के नशे में नहा चूका था और मैंने अब चाची को बेड पर दाल दिया और अपना लंड चाची की चूत में डालने लगा
लेकिन मेरे अनाड़ी पाने की वजह से मुझे चूत की जगह गांड मिल गयी . तभी चाची ने एक हलकी सी थप्पड़ मारी और बोली हरामी साला अपनी चाची की गांड मारना चाहता है और चाची ने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया . अब में धक्के लगा रहा था और करीब बीस मिनिट की तूफानी चुदाई के बाद जब हम झड़ने को आये तो मज़े के मारे चाची ने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून लगा दिए और मेरे होंठो पर भी अपने दांत लगा दिए लेकिन मुझे वो मज़ा मिला जिसके आगे ये सब क्या पूरा जहाँ लुटाया जा सकता था .करीब आधे घंटे तक हम युहीं पड़े रहे, एक दूजे की बाँहों में बाहें डाले…! और फिर चाची ने चुप्पी तोड़ी और बोली जावेद आज पहली बार असली मज़ा आया है…! तेरे चाचा का लंड बहुत ही छोटा है, और वो जल्दी ही झड भी जाते है ,लेकिन तेरे चाचा मुझे बहुत ही प्यार करते है मुझे हर तरहा से संतुस्ट करने की कोशिश भी करते है,,,. और वो ये भी कहते है की निगार में जानता हूँ की मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है लेकिन तुम अगर इससे खुश नहीं हो तो कोई दुसरा रास्ता करते है..! और जावेद उन्होंने मुझे शहर से ये रबड़ का लंड भी लाकर दिया है और वो इसको अपनी गांड में भी डलवाते है (में ये सब सुन कर चोंक गया ) …?
ये देख कर चाची बोली जावेद तेरे चाचा बचपन से ही गांड मरवाने के शोकीन है…! और तो और उनको ओरतो के कपडे पहनने का भी बहुत शोक है,, जब भी वो शहर से आते है , तो रात को वो लड़की बनते है और मुझे मर्द बनने को कहते है..! और फिर हम सेक्स करते है फिर वो नकली लंड से मुझसे अपनी गांड भी मरवाते है और दिन में भी वो चड्डी चोली पहने रहते है और जावेद शहर में उनका एक दोस्त जो उनके ही रूम में रहता है वो भी तेरे चाचा की गांड रोजाना मारता है और तेरे चाचा इस बार उसको यहाँ लेकर भी आने वाले है चाचा शायद मेरी चूत भी उससे मरवा देमें ये सब सुन कर बहुत ही हेरान था और सोच रहा था की चाचू को इन सब में क्या मज़ा आता होगा ,
तभी चाची बोली जावेद मुझे पेशाब लग रहा है जरा मुझे उठा कर पेशाब तो करवा दे ..
मैंने आज तक किसी ओरत को पेशाब करते नहीं देखा था आज ये भी देख लेता हूँ और मैंने चाची को अपनी गोद में उठा लिया और गुसलखाने की तरफ ले गया ,
गुसल खाने में अंग्रेजी तरीके का कमोड था . जिसकी सीट पर चाची बेठ गयी वो एकदम मेरे सामने थी में उनके सामने खड़ा था मेरे लंड के सामने उनका गोल चेहरा था और उन्होंने मूतना
चालू किया…! में देखने लगा हलकी सिटी जेसी आवाज आ रही थी और पेशाब की धार मेरे पेरों को भिगो रही थी मेरे भी पेशाब की हाजत हो रही थी करीब चार मिनिट तक चाची का मूतना जारी रहा ,
फिर चाची बोली तुम भी मूत लो जावेद मैंने कहा जी चाची आप खड़ी तो हो जाओ चाची बोली पागल यहीं मूत ले मेरे चेहरे पर में तो अवाक् रह गया,, और चाची ने मेरा लंड पकड़ कर अपने चेहरे पर रख लिया और बोली मुतो मेरे राजा मेरे से रहा ना गया और मेरे मूत की धार चाची के चेहरे पर गिरने लगी और चाची के पुरे शारीर को भिगोने लगी .
फिर चाची बोली चल अब स्नान कर लेते है और चाची ने फुन्वारा चालू कर दिया चाची ने मेरे हाथ में साबुन दे दिया और बोली मेरे शारीर पर लगाओ .
दोस्तों वो जन्नत का एहसास था में अपनी सपनो की रानी के शरीर के हर हिंसे को छू रहा था महसूस कर रहा था और उनकी चूत और गांड के छेदों की भी अच्छे से सफाई की ,
फिर चाची ने मुझे भी नहलाया क्या एहसास था मुझे तो ऐसा लग रहा था की कोई सपना देख रहा हूँ ….गुसल से बहार निकाल कर चाची ने मुझे तोलिये से अच्छी तरह पोंछ दिया और चाचा का खुशबूदार इतर मेरे जिस्म पर लगा दिया और फिर चाचा का एक नाईट सूट दे दिया पहनने को …
और खुद भी एक ढीला ढाला गाउन पहन लिया.
और चाची बोलने लगी – जावेद केसा लगा तुम्हे ये सब , मैंने कहा चाची बहुत ही अच्छा लगा और में चाची से लिपटने लगा .
चाची बोली थोडा सब्र कर पुरे दो दिन है हमारे पास और शायद बाद में भी हमें इसके लिए बहुत मोके मिलेंगे . तभी दरवाजे की घंटी बजी चाची ने उठ कर दरवाजा खोला तो बाजु वाली पड़ोसन आई थी वो कहने लगी – निगार मेरी अम्मी की तबियत अचानक ख़राब हो गयी है और में और तेरे भाईजान को तीन चार दिन के लिए बाहर जाना पड़ रहा है ,
और घर पर रूबी अकेली है उसे भी साथ ले जाते लेकिन परसों उसका स्कूल में टेस्ट है इसके लिए तुम रूबी को अपने यहाँ रख लो बहिन ,
चाची बोली कोई बात नहीं है ये भी तो उसी का घर है आप उसे मेरे पास छोड़ देना और कोई चिंता मत करना आपकी अम्मी को कुछ नहीं होगा और रूबी तो मेरी बेटी जेसी है और चाची ने उसको लिपटा कर धीरज दिया और वो चली गयी .
धन्यबाद ….

Wednesday, 19 April 2017

Behen ko banayi meri personal randi

प्रेषक : रजत ,

हेल्लो दोस्तो क्या हाल है आपका। मेरा नाम रजत है और मैं हरीयाणा मैं रहता हूँ। ये मेरे पहली कहानी है जो अपनी बहन के साथ किये हुए सेक्स की है। अगर कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज माफ़ करना hindi chudai kahani।

और अब में बता रहा हूँ। मेरी उम्र 22 साल की है। और हमारे घर पर मेंरे पापा मम्मी और मेरी एक छोटी बहन है जिसका नाम पायल है और वो 1st ईयर मैं पडती है। उसकी उम्र 20 साल की है। मेरे पापा व्यपारी है और मम्मी बैंक मैं नोकरी करती है।

और मुझे क्रिकेट का बहुत शोक है। मैं क्रिकेट खेलता भी हूँ। और मेरी बहन मुझसे हमेशा लडती थी। और कहती है की भाई आप क्रिकेट मत खेला करो। आपके कपड़े खराब हो जाते है और बाद मैं आप मुझे अपनी क्रिकेट की कहानी बताते हो। फिर भी मैं जब भी क्रिकेट खेल कर आता था तो उस को बताता था। और वो मुझसे नाराज़ हो जाती थी।

एक दिन की बात है। मैं क्रिकेट खेल कर घर आया तो मैं सीधा पायल के कमरे पर चला गया। और मैने देखा कि बाथ कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला था। और पायल नहा रही थी तो मैंने पायल को नहाते देखा तो मैं दंग रह गया। पूरा नंगा बदन था और उस पर उसकी चड़ती जवानी थी उफ़ क्या बात है। ये गोरी गोरी और मोटी गांड और गुलाबी चूत और वो भी पानी में गीली। मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया और मेरा दिल कह रहा था कि अभी जाकर अपनी ही बहन को चोदूँ मगर मेरी हिम्मत ही नही हुई तो मैं वापस अपने कमरे मैं चला गया वहाँ जाकर पायल के बारे मैं सोचने लगा और उसके नाम की मुठ मारने लगा hindi kahani।

मुठ मारते ही मैने सोच लिया था। कि मैं अब अपनी बहन को चोदूँगा। चाहे कुछ भी हो जाए। एक दिन में अपने कमरे मैं लेटा हुआ था तब में पायल के बारे मैं सोच रहा था। और मेरा लंड खड़ा था तो इतने समय मैं दरवाजा खुलने की अवाज़ आई और मैंने आंखे बंद कर ली। इतने मैं पायल अंदर आई और मेरा खड़ा लंड देख कर एक दम बोल पड़ी भईया ये क्या है और ये बोल कर बाहर आ गई। और मैंने आँख खोली तो वो कमरे से जा चुकि थी। मैं बिस्तर से उठ कर कमरे के बाहर चला गया और नहा कर दोस्तों के साथ घूमने चला गया और वहाँ मैंने अपने एक अच्छे दोस्त सौरव से बात की और उसको मैने ये नही बताया कि वो लड़की मेरी बहन है या कोई और मैंने कहा मैं एक लड़की को चोदना चाहता हूँ। तो कैसे चोदू तब उसने बताया की वो भी किसी लड़की को चोदना चाहता था। मैंने पूछा कैसे तो उसने कहा यार मैने एक कमरे लिया था। और रात को वहाँ टीवी का चेनल ही ऐसा था कि वो भी राज़ी हो गयी। अच्छा यार मगर मैं तो बहुत डरता हूँ। सौरव ने कहा यार डरोगे तो कुछ भी नही कर पाओगे एक बार उसे बाहर लेकर जाओ। और वहा कोई अपना नही हो मैने कहा ठीक है। फिर मैं घर आया और मैंने पायल को कहा कि इंडिया का मैच दिल्ली मैं है। क्या तुम मेरे साथ दिल्ली चलोगी प्लीज तो पायल ने कहा मैं नही आ सकती हूँ तुम्हारे साथ desi kahani ।

मेरे बार बार मनाने पर उसने कहा पापा और मम्मी नही मानेंगे। तो मैने कहा कोई बात नही मम्मी को मैं मना लूँगा और पापा को तुम मना लेना। पायल ने कहा पागल हो क्या? मैं पापा से बात करूंगी मुझे पागल कुत्ते ने काटा है क्या? तो मैने कहा प्लीज तो उसने कहा ठीक मैं कोशिश करती हूँ। पापा मानेंगे या नही फिर मैं अपने कमरे में आ कर सो गया और पायल भी सो गयी फिर सुबह हुई तो पायल पापा के पास गई पापा को मनाने के लिए। और मैं मम्मी के पास गया मम्मी को मनाने के लिए मम्मी तो मान गई। मगर पापा नही माने और मैने मम्मी को कहा प्लीज हमारी छुट्टीया है।

bur ki kahani और अभी दो महीने बाकि है कालेज खुलने मैं आप पापा को कहो ना प्लीज एक महीने की तो बात है ना प्लीज मम्मी। तो मम्मी ने पापा को भी माना लिया। तब एक दिन हम दिल्ली जा रहे थे कि अचानक सौरव ही मिल गया। मैं परेशान हो गया अगर सौरव को पता चल गया की ये अपनी ही बहन को चोदना चाहता है तो मैं मर जाऊंगा। तभी सौरव ने कहा क्या बात है? कहाँ जा रहे हो मैने कहा यार दिल्ली जा रहा हूँ। मैंने तुम्हारी तरकीब इस्तमाल की थी मगर एक प्रॉब्लम है यार मेरे साथ मेरी छोटी बहन भी है। उसको भी साथ मैं लेकर ही जाऊंगा, क्या करूँ। सौरव ने कहा यार क्या करे तेरे ही घर वाले नही चाहते कि तू उसके साथ जाये। ये बोल कर वो चला गया तो मैं घर आया और सामान पेक करके मै पायल को लेकर हम लोग बस पर आए और मम्मी पापा हमे छोड़ कर चले गये। मैने पायल को देखा तो वो बहुत खुश थी।

मैंने पायल को कहा मैं होटल मैं फोन कर लूं जब मैने दिल्ली फोन किया तो मैनेजेर ने कहा कि हमारे पास सिर्फ़ एक ही कमरा है। तो मैने पायल को नही बताया और बस मैं बैठ गये और दिल्ली आ गये। दिल्ली आते ही होटल की तरफ़ से एक लड़का आया और हमको होटल ले गया वहाँ जाने के बाद पायल को पता चला कि एक ही कमरा खाली है। तो मैंने कहा कि क्या करूँ? तो पायल ने कहा कोई बात नही भाई एक ही कमरे मैं रहेंगे हम दोनो। हम कमरे मैं आ गये और मैने पायल को कहा कि बेड एक ही है क्या करें?

अब तो उसने कहा भाई कोई बात नही है। मैं तो खुश हो गया हम लोग दिल्ली की होटल में रहे वहाँ की शाम भी बड़ी निराली थी। इस होटल में एक क्लब भी था। जिसमैं सेक्सी डांस होता था। मैने सोचा कि क्यू ना पायल को ऐसी जगह घुमाऊ जिससे उसको सेक्स का शोक हो। तो मैं अगले ही दिन उस को मैं घुमाने लेकर गया जहाँ अँग्रेज़ भी थे। जो कि सिर्फ़ ब्रा मैं और पेंटी मैं थे। वहाँ का माहोल बिल्कुल सेक्सी था। तो मैने कहा पायल चलो नहाते है। तो पायल ने कहा भाई मैं नही नहाउंगी मुझे शर्म आती है। आप ही नहा लो तो मैंने उस को कहा कि हम दूर चलकर नहाते है ठीक है। तो उसने कहा ठीक है तो हम बहुत दूर आ गये।

वहाँ आकर मैने अपनी शर्ट उतारी और अपनी जीन्स भी उतार दी। अब मैं सिर्फ़ चड्डी मैं था पायल देख कर बोली भाई आप को शरम नही है। कि मैं यहाँ हूँ और आपने अपने कपडे उतार दिए। तो मैंने कहा वो सब भी तो चड्डी मैं ही है ना तो क्या हुआ अगर मैं भी चड्डी मैं हूँ तो। उनको देख सकती हो और मुझे नही तो वो चुप हो गयी और बोली जो मन मैं आये करो ठीक मैने उसको कहा तुम भी नहा लो प्लीज मज़ा आएगा लेकिन वो नही मानी।

sex kahaniyaऔर मैं चलता गया पानी मैं। मेरी सफेद कलर की चड्डी थी। मैं नहा कर वापस पायल के पास आया तो पायल ने मेरी चड्डी की तरफ देखा तो एक दम देख कर खड़ी रह गई मैने कहा क्या हुआ? अब तो उसने कहा भाई आप कपड़े पहन लो। मैने जब नीचे देखा तो मेरी चड्डी मैं से मेरा लंड सॉफ नज़र आ रहा था। जिसको देख कर वो बोली की भाई आप कपडे पहन लो प्लीज। तभी मैने कपड़े पहन लिए अब हम वापस होटल मैं आए तो मैने कहा तुमको डांस आता है। तो उसने कहा नही तो मैंने कहा चलो आज हम क्लब जायेंगे उसने कहा नही भाई पता नही वो कैसी जगह है। मुझे अच्छा नही लगेगा मैने कहा मेरे कहने पर आज चलो प्लीज तो वो मान गयी। हम लोग रात को 11:00 बजे क्लब मैं आए तो हम हैरान हो गये कि लडकियाँ लड़कीयाँ डांस करती करती अपनी गांड लड़कों के लंड पर लगा रही है। पायल ने कहा भाई तुम ये किस गन्दी जगह लेकर आए हो मैं जाती हूँ। मैने कहा सिर्फ़ थोड़ी देर प्लीज तो वो रुकि इतनी देर मैं एक लड़की मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी और अपनी चूत मेरे लंड पर लगाने लगी तो पायल देख कर वाहा से गुस्सा हो कर चली गयी। मैं वापस कमरे मैं गया तो देखा कि वो रो रही थी मैंने कहा कि क्या हुआ तो उसने कहा भाई आप मुझे कैसी कैसी जगह लेकर जाते हो। मैने कहा ठीक है मुझे माफ़ करो मैं तुम को अब नही लेकर जाऊंगा। तो उसको चुप करवा कर मैने खान खाने के लिये बोला।

और खाना खा कर हम दोनो सोने लगे इतने मैं पायल को नींद आ गयी। और मुझे नींद नही आ रही थी। मैने देख कि पायल सो गई है तो मैने अपनी एक टांग उसकी टाँगों के उपर रख दी और अपना एक हाथ उसकी छाती पर रख दिया और मेरा हाथ बिल्कुल उसकी छाती पर था। मगर डर भी लग रहा था कि वो उठी तो क्या कहेगी। मैं उसकी छाती को मसलने लगा और लंड को भी आगे पीछे करने लगा। तभी उसकी आँख खुलने लगी तो मैंने सोने का नाटक किया और उसको जब ये महसूस हुआ कि मेरा लंड उसकी चूत के उपर और मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर है। तब वो उठ कर बैठ गई और थोड़ी देर कुछ सोचने के बाद फिर सो गई। अब वो सीधी सो गई उसे नींद आ गई और फिर मैने उसकी छाती के उपर अपना हाथ रख दिया hindisexstories ।

और हल्के से दबाने लगा और मैं भी सो गया सुबह उठा तो मैं देखा कि वो उदास बैठी है। मैं पायल के पास गया और उससे पूछा पायल क्या हुआ तुम को क्या नींद नही आई? तब वो बोली नही भाई एसी बात नही है। तो मैने कहा क्या हुआ? वो बोली कुछ नही हुआ। तो मैने कहा आज हम कही घूमने चलते है। उसने कहा नही भाई तुम गंदी जगह लेकर जाते हो मैं नही चलूंगी। तो मैने कहा नही यार आज हम लोग शॉपिंग करेंगे चलोगी हम लोग सिटी सेंटर आये जहाँ उसने अपने लिए शॉपिंग की antarvasna।

और मैने पूरा दिन उसको अच्छी अच्छी जगह घुमाया। शाम को वापस आये तो मैने कहा कि तुम कमरे मैं चलो मैं आता हूँ। उसने कहा तुम जा रहे हो मैंने कहा जहाँ तुम नही जाती हो। पायल ने कहा भाई मत जाओ वो गंदी जगह है। मैने उससे पूछा कि वो गंदी जगह कैसे है तुम बताओ उसने कहा वहाँ लडकियाँ कैसे कर रहीं थी। मैने कहा वो तो उनका काम है। और उनको अच्छा भी लगता है। तो इस मैं दिक्कत क्या है। ये बोल कर मैं चला गया। वहाँ एक लड़की से मेरी मुलाकात हुई। और वो मुझे अपने साथ अपने कमरे पर लेकर जा रही थी। और उसका कमरा हमारे कमरे के पास ही था। वो लड़की फ्रेंच थी वो हिन्दी नही समझती थी। और उसने अपने कमरे का दरवाजा खोला।

तो इतने मैं पायल ने भी दरवाजा खोला तो हम दोनो को देखकर बोली भाई ये क्या है ये कौन है? तो मैने कहा मेरी दोस्त है मैं उसके साथ उसके कमरे मैं चला गया पायल भी ये सुन कर अपने कमरे मैं चली गई। तब थोड़ी ही देर मैं मैने उसको चोदना शुरु किया तो दरवाजा हल्का खुला और पायल हमको देख रही थी और हमको पता नही था कि कोई हमे देख रहा है। मैं चोदकर अपने कपड़े पहनने लगा। तब देखा कि पायल दरवाजे के पीछे से हमको देख रही थी। और मुझे देखा तो वो अपने कमरे मैं चली गई। मैं कमरे मैं गया और पायल को कहा कि तुम वहाँ क्या कर रही थी। तो उसने कोई जवाब ही नही दिया और बेड पर लेट गई और मै बात करके चला गया। और वापस आया तो देखा कि वो सो गई है। और मैं उसके पास ही सो गया।

और मुझे नींद आ गई रात 3:00 आँख खुली तो वो जागी हुई थी। मैने कहा क्या हुआ तुम सोई नही उसने कहा भाई मुझे नींद नही आ रही है। आप सो जाओ मैने कहा कि कोई दिक्कत है क्या बताओ। उसने कहा कुछ नही तो मैने उसका हाथ पकड़ कर कहा बताओ ना। वो चुप रही मैने उसे कहा कि तुम बिस्तर पर लेट जाओ नींद आ जायेगी। और वो बिस्तर पर आई और मैने कहा तुम आज बहुत चली हो इस लिए तुम्हारी टाँगों मैं तकलीफ़ हो रही है ना। उसने कहा हाँ इस लिए मगर बात कुछ और ही थी। मैने कहा अच्छा सीधी लेटो मैं तुम्हारे पेरों को दबाता हूँ। उसने कहा नही भाई ये आप क्या कर रहे हो। मैंने कहा कुछ नही तुम मेरी प्यारी बहन हो ना तो चुप हो जाओ वो चुप हो कर लेट गई। और मैं उसके पेरों को दबाता हुआ उसकी टाँगों तक आया। और टाँगों की हल्की हल्की मालिश करने लगा तो उसको मज़ा आ रहा था। मैने कहा कि अच्छा लग रहा है ना उसने कहा हाँ भाई और करो ना मालिश करते करते मेरा लंड एक दम लोहे का हो गया।

उसकी मालिश करते समय मेरा लंड उसकी टाँगों को टच करने लगा। पायल को भी महसूस हुआ कि भाई का लंड खड़ा है। वो चुप हो कर लेटी रही मैं मालिश करते करते उसकी चूत तक चला गया और उसको भी मज़ा आ रहा था। और मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत तक हाथ लगाया। उसकी आँख बंद होने लगी और मैने उसकी चूत तक हाथ पहुँचाया। तो उसको हल्की हल्की मालिश करने लगा तो उसे अब बहुत मज़ा आने लगा मैने उसकी चूत को जैसे ही मसलना शुरु किया। तो उसने कहा भाई तुम क्या कर रहे हो? ये सभी बंद करो मैंने कहा तुमको अगर इसमें मज़ा नही आये तो मैं कुछ नहीं करूंगा। मगर तुमको अच्छा लग रहा है। तो मैं भी खुश हूँ मुझे सिर्फ़ तुम्हारी खुशी चाहिये और अब तुम चुप रहना कुछ नही बोलना ठीक है। तो वो बोली भाई मैं तुम्हारी बहन हूँ मैने कहा अगर मेरी जगह पर कोई तुम्हारा दोस्त होता तो तुम उसको रोकती क्या? उसने कुछ नही कहा और चुप हो कर लेट गई और मैं फिर शुरु हो गया।

मेरे तो तन बदन में आग लगी थी। मैं तो इसी समय का इंतज़ार कर रहा था। कि और वो मान गई फिर मैं उसको किस करने लगा और उसके दूध दबाने लगा और वो मस्त हो गई और वो बहुत गर्म हो चुकि थी। मैने अपने कपड़े उतार दिये और बिल्कुल नंगा हो गया उसकी आंखे बंद थी। और जब उसने आँख खोली तो उसके मूँह से एक अवाज़ आई ओह ये क्या है? भाई इतना बड़ा है मैं मर जाउंगी मैने कहा नही मरोगी तुम अब चुप हो कर मजा लो तुमको मज़ा आ रहा है या नही उसने कहा हाँ मज़ा तो आ रहा है। लेकिन भाई मैने कभी ये सब नही किया है । भाई डर लग रहा है। मैंने कहा मेरी प्यारी बहन कुछ नही होगा में हूँ ना। तो वो चुप हो गयी मैने उसके कपड़े उतारे और उसको बिल्कुल नंगा कर दिया अब वो बिल्कुल नंगी थी। मैं एक दम रुक गया और उसकी छाती को देख रहा था।

और उसकी चूत को देख रहा था। मेरे तो मूँह मैं पानी आ गया फिर मैं उसके बूब्स को चूसने लगा चूसते चूसते वो और भी गरम हो गई। उसके मुहँ से आहह ऊऊऊऊ हाहहहहहा ओफ भाई कुछ करो मुझे पता नही क्या हो रहा है। मैं मर जाऊगी प्लीज भाई कुछ करो ना। ओफआअहह ये अवाजे आ रही थी। फिर मैने उसकी टॅंगो को खोला और उसकी नरम नरम चूत पर अपनी जीभ रख कर चाटने लगा। चाटते चाटते 15 मिनट के बाद उसके मुहँ में पानी आया और वो एक दम ठंडी हो गई। और मैने उसका सारा पानी पी लिया और फिर मैने पायल को कहा अब मेरा लंड अपने मुहँ में लो और उसने कहा नही भाई ये ठीक नही है। मैने कहा अरे यार मैने भी तो तुमको मज़ा दिया ना अब तुम भी तो मुझे थोड़ा मज़ा दो।

और तुमको तो और भी मज़ा आएगा उसने कहा अच्छा। मैने हाँ कहा और वो मान गई। उसने मेरे 8 इंच के लंड को पकड़ कर अपने मुहँ मैं लिया। और चूसने लगी थोड़ी देर के बाद उसने कहा भाई ये तो बहुत अच्छा है। वो 20 मिनट तक चूसती रही और एक जोर की पिचकारी निकली और उसके मुहँ मैं चली गयी। उसने कहा भाई ये क्या है मैंने कहा क्यों अच्छी नही है। उसने कहा नही भाई ये बहुत अच्छी है।

तो हम बेड पर लेट गये और बाते करने लगे तो उसने कहा भाई बहुत मजा आया मैने कहा अब तो और भी मज़ा आएगा। उसने कहा वो कैसे मैने फिर उसे किस किया और उसकी चूत मसलने लगा। और वो गरम हो गई और मैंने उसको कहा अब तुमको जन्नत की सैर करवानी है। करोगी उसने कहा हाँ तो मैंने कहा थोड़ा दर्द होगा सहन करना। फिर तुमको इतना मज़ा आएगा कि तुम सोच भी नही सकती हो।

उसने कहा अच्छा तो मैने कहा तुम तैयार हो उसने कहा मेंरी जान जा रही है। तुमको जो भी करना है करो मेरी आग ठंडी करो प्लीज। तो मैने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और मसलने लगा। तब वो अपनी चूत को उपर उठा कर मेरे लंड पर मसल रही थी। और उसने कहा भाई जल्दी करो मैंरी जान जाएगी ओफफफफ्फ़ तो मैने ये सुन कर अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा। लेकिन उसकी चूत बहुत ही छोटी थी इस लिए लंड नही जा रहा था।

तो मेंने अपने बेग से लोशन निकला और उसकी चूत और अपने लंड पर लगाया और पायल की चूत बहुत टाईट थी और फिर उसकी चूत पर अपना लंड रख कर एक जोर का झटका लगाया और मेरा लंड थोड़ा अंदर गया तो वो एक दम ही बिस्तर से खड़ी हो गई। और कहने लगी माँ मैं मर गई आआआ भाई मर गई। मैने फिर एक और जोर का झटका लगाया तो मेरा लंड थोड़ा और अंदर गया। अब तो उसकी आंखे ही बाहर आ गयी।

और उसकी आँखों में से पानी आने लगा और मैं रुक गया और उसने कहा भाई दर्द होगा और मुझसे नही होगा मैं मर जाऊगी। ओफफफ की अवाज़ आ रही थी उसकी। उससे मैंने कहा अब मैं आराम से करूंगा फिर मैने उसकी चूत कि तरफ़ देख तो उसकी चूत लाल हो चुकि थी। डर से मेंने उसको नही बताया और वो अंदर बाहर करने लगी थोड़ी देर मैं उसे भी मज़ा आने लगा वो बोली कि बहुत मज़ा आ रहा है। और जोर से करो ना। तो मैने एक और झटका लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत मैं चला गया था। अब वो बहुत जोर से चिल्लाई और मैं नही रुका और अपने लंड की गति वही रखी और अंदर बाहर करता रहा।

तो उसे मज़ा आने लगा भाई जोर जोर से करो मज़ा आ रहा है। जोर जोर से करो और में बहुत जोर जोर से करने लगा। इतने में कुछ देर के बाद उसका पानी निकला। और वो ठंडी हो गयी और साथ में मेरा भी वीर्य निकल रहा था। मेने अपना लंड उसके मुहँ मैं डाल दिया और वो सारा पानी पी गई। और हम दोनों किस करने लगे। और सो गये जब हमारी आँख खुली तो दिन के 2:00 बजे का समय था। मैं उठा और पायल को कहा कि पायल उठो दिन के 2 बजे है। तो वो बोली नही भाई में आज आपके साथ हूँ तो अच्छा लग रहा है। सो जाओ मैने कहा नही अभी नही रात को फिर करेंगे। उसने कहा भाई एक बार प्लीज् फिर दुबारा करो। इस बार तो एक घंटा लग गया चुदाई में फिर हमने पूरा महीना चुदाई का मजा आ गया।

धन्यबाद …

Tuesday, 18 April 2017

Mami ki dhamakedar desi chudai

प्रेषक:मिलन ,

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मिलन है और में गांधीनगर का रहने वाला हूँ. में सेक्स कहानियो नियमित पाठक हूँ और में इस साईट को बहुत पसंद करता हूँ और मुझे इस साईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है वैसे में इस साईट पर बहुत सारी कहानियाँ पड़ चुका हूँ वो मुझे बहुत अच्छी लगी. दोस्तों वैसे यह स्टोरी मेरी मामी के साथ मेरे सेक्स की है और यह उस समय की है जब मेरे सबसे छोटे मामा की शादी हुई और हम लोग मेरी छोटी मामी को अपने घर लाए. वो सबसे ज़्यादा मिलती जुलती नहीं थी और में भी उनसे ज़्यादा बात नहीं करता था.. लेकिन धीरे धीरे हम दोनों के बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी. फिर में उनसे एक दोस्त की तरह बातचीत करने लगा और धीरे धीरे उनसे सारी बातें शेयर करने लगा और वो भी मुझसे कुछ बातें करती थी और उसके बाद मुझे मामा के घर पर जाने को बहुत मन करने लगा. फिर एक दिन दशहरे में वो हमारे घर पर आई sexy story..

desi chudaiक्योंकि मेरे मामा का घर गावं में हैं तो वो पूजा देखने के लिए आई थी.. मेरे मामा ट्रांसपोर्ट सर्विस में हैं तो उन्होंने मामी को हमारे घर पर छोड़कर तीन चार दिनों के लिए आउट ऑफ मध्यप्रदेश चले गये और में बहुत खुश था.. क्योंकि मामी हमारे घर पर थी. फिर एक दिन के बाद हमारे गावं की कुछ समस्या के लिए मेरे मम्मी पापा बाहर चले गये.. लेकिन मुझे पता नहीं था कि वो बाहर गये हैं.फिर में उस दिन स्कूल गया था.. लेकिन उस दिन स्कूल ब्रेक टाईम में हमारी छुट्टी हो गई तो में घर पर चला आया और मैंने आकर देखा कि दरवाजा खुला है तो में सीधा घर के अंदर चला गया और जब में बेड रूम में पहुँचा तो मैंने देखा कि मामी ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने खड़ी थी और साड़ी पहन रही थी. उस दिन मैंने पहली बार किसी औरत को इतने कम कपड़ो में देखा और उन्हें देखते ही मेरा लंड पेंट के नीचे से जाग उठा और फिर मुझे उनके बूब्स को देखते हुए देखकर उन्होंने पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं और में वहाँ से जाकर तुरंत ही बाथरूम में मुठ मारने लगा.

फिर उन्होंने लंच किया और सोने के लिए चली गई और सोते वक़्त मामी ने कहा कि ला में तेरे पैर दबा देती हूँ और में भी बहुत थका हुआ था तो मैंने कहा कि ठीक है.masti kahaniya तो उन्होंने मेरे पैर दबाते हुए धीरे धीरे मेरी जाँघो तक पहुँच गई और फिर से मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया और लंड जागने लगा और उस समय मैंने अंडरवियर भी नहीं पहना था.तो मेरी पेंट के अंदर से तंबू खड़ा हो गया और जब वो मेरी मामी की नज़र में पड़ा तब उन्होंने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया और कहा कि यह क्या है? तो मैंने कहा कि खुद ही देख लो. तो उन्होंने पेंट के साईड से मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और इतने मोटे लंड को देखकर एकदम डर गई.

फिर उन्होंने उसे थोड़ा धीरे धीरे हिलाना और सहलाना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और में 10वीं क्लास तक पॉर्न फिल्म देखने में मास्टर डिग्री हासिल कर चुका था और अब में इसके आगे क्या होगा? यही सोच सोचकर बहुत खुश हो रहा था.. लेकिन ठीक उसके एक मिनट बाद मेरे माता, पिता उसी टाईम घर पर पहुँच गये और मेरे सभी सपने.. सपने ही बनकर रह गए. फिर उसके दो दिनों के बाद मामी चली गयी और में प्यासा ही रह गया. फिर में 12वीं में बोर्ड की वजह से में मामा के घर पर नहीं जा सका और जब मेरे 12वीं के पेपर ख़त्म हुए तब में सबसे पहले मामा के घर पर भागा चला आया. फिर वहाँ पर पहुँच कर जब में मामी से मिला तो मैंने उन्हे प्रणाम किया वो बहुत हॉट, सेक्सी, सुंदर दिख रही थी और साथ ही मैंने उनके बूब्स दबा दिए mast story.

तो वो हंसते हुए बोली कि मिलन तुम भी ना.. फिर हमने साथ में लंच किया और गप्पे मारने लगे.. लेकिन मेरा मन तो कुछ और करने को कह रहा था जो कि सिर्फ़ हम दोनों को ही पता था. फिर में थोड़ी ही देर सभी से मिला और फिर उसके कुछ घंटो के बाद मेरी बड़ी मामी अपने रूम में सोने चली गयी. फिर मैंने सही मौका देखकर छोटी मामी के बूब्स को थोड़ा दबा दिया और फिर उन्हें किस करने लगा. तभी उन्होंने मुझे धीरे से धक्का दिया और कहने लगी कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि जो काम हमारा पहले अधूरा रह गया था.

तो वो बोली कि इतनी जल्दी भी क्या है? तो मैंने देर ना करते हुए उन्हें नीचे लेटा दिया और धीरे धीरे उनके बूब्स को सहलाने लगा और जब मुझे लगा वो अब गरम हो चुकी है तो में उनकी बालों भरी चूत की तरफ बड़ा और चूत को उंगली से सहलाने लगा और धीरे धीरे उंगली को अंदर बाहर करने लगा. दोस्तों मैंने पहली बार किसी की चूत को छुआ था और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था.फिर वो सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्ह्ह उह्ह्ह और वो मेरे लंड को हिलाने लगी और मुझसे पूछने लगी कि कैसा लग रहा है मेरी जान? तो में बहुत जोश में आ गया और मैंने उन्हे एक ज़ोर का किस कर दिया. फिर हम दोनों उनके बेडरूम में चले गये. उस दिन मेरे दोनों मामा घर पर नहीं थे और वो रात से पहले आने वाले भी नहीं थे और मेरी बड़ी मामी की नींद इतनी गहरी है कि अगर ढोल भी बजे तो भी वो नहीं उठेगी mastram ki kahaniya in hindi.

फिर हम दोनों बेडरूम में पहुंचे और मैंने वहाँ पर पहुंचते ही मामी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनके रसीले होंठो को चूसने लगा. जैसे कि उनके होंठो से कोई शहद झड़ रहा हो और अब उनकी तरफ से भी वैसा ही जवाब आ रहा था. फिर मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दिए और अब वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी. में क्या बताऊँ दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था जैसे स्वयं काम देवी मेरे सामने खड़ी हैं और उस वक्त मुझे उनकी बालों से भरी चूत में भी स्वर्ग दिख रहा था. तभी उन्होंने बोला कि अब क्या देख रहे हो जान? अब तो इस शरीर से सारा रस निचोड़ ही लो.तो मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और अब में उनके बूब्स को चूसते चूसते चूत तक पहुँचा और जब मैंने उनकी चूत को जीभ से चाटना शुरू किया तो मानो वो तो जैसे पागल हो गयी और मेरे सर को ज़ोर ज़ोर से पकड़ कर चूत में दबाती रही और थोड़ी ही देर में उन्होंने सारा चूत का रस मेरे मुहं में छोड़ दिया और अब मेरी बारी थी.

desistories तो उन्होंने मेरी पेंट को निकालकर पूरे लंड को मुहं में ले लिया और पहली बार किसी की गरम गरम जीभ के स्पर्श की वजह से मेरे शरीर में पूरा करंट दौड़ गया और वो तो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कि वो कोई लोलीपोप हो. फिर चूसते चूसते थोड़ी ही देर में पूरा लंड अपना सर खड़ा करके उठ गया. तभी मामी ने कहा कि अब मुझे चोद ही दो अब और नहीं रहा जा रहा है.. hindi six story यह मेरा पहला मौका था तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उन्हे बेड पर सीधा लेटाकर उनकी चूत के पास अपने लंड को रखकर एक ज़ोर का झटका दिया.. तो मेरा आगे वाला हिस्सा अंदर घुस गया.वो चिल्लाई में मर गई रे.. फाड़ दिया रे मेरी चूत को. तो में उन्हे किस करने लगा कि कहीं मेरी बड़ी मामी जाग ना जाए फिर और एक झटका मारा तो पूरा का पूरा लंड अंदर घुस गया और कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा. फिर जब मामी का दर्द थोड़ा कम हुआ तब मैंने धीरे धीरे झटके मारने शुरू किए तब वो भी मेरा साथ देने लगी और अपनी गांड को उठा उठाकर चुदवा रही थी..

लेकिन वो लगातार चिल्ला रही थी कि चोद दो मुझे और ज़ोर से हाँ चोद अपनी मामी को तेरे मामा तो इस चूत को शांत कर नहीं पाते तू ही कर दे.. और ज़ोर से चोद. फिर कुछ 15 मिनट के बाद में झड़ने वाला था और तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उनकी चूत में ही अपने वीर्य को छोड़ दिया.. तो उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहं में लिया और अच्छे से चाटकर साफ कर दिया और हम दोनों बाथरूम में नहाने के लिए गये और वहाँ फिर से मैंने एक बार उन्हे खड़ा करके चोदा.. में वहाँ पर 4 दिन रहा और उन्हें करीब 7-8 बार चोदा फिर अपने घर पर चला आया ..

धन्यबाद ….

Ek aurat ki bhukhi chut ki tadap part 2

पार्ट 1 से कंटिन्यू होते हुए अगर आप पार्ट 1 का मजा अभी तक उठाया नहीं है ,तो यहाँ से शुरु कीजिये adult hot story part 1

सुषमा: देखिये आपको सुबह १० बजे यह ओ पि डी पे आ जाना हे और अपनी केबिन में बैठ नंबर वाइज पेशेंट का चेक उप करना हे और जरुरी हो उसे अस्पताल में भरती करवाना हे. जिसे अस्पताल में भरती करवाना हे उसका केश पेपर्स और रिपोर्ट्स आप सपना को बुलाके उसे दे देदोगे….(में एक टक उसकी चुचिया देख था..वो थोडा हल्का गुस्सा करते हुए)

सुषमा: कम ओंन विक्की…. कहा खो जाते हो…..(उसने मुझे अपनी चुचिया ताकते हुए देख लिया. वो शर्मा के लाल होते हुए अपनी साडी ठीक करने लगी..) अब कुछ काम की बाते करे sex ko enjoy …

में: यह काम ही तो…मुझे पागल कर रहा हे…(में दोहरे अर्थवाली भाषा में आँखों में आंख डालते हुए बोला)

सुषमा: ओह्ह बाबा तुम…यंग लोग… क्या कभी कुछ देखा नहीं…क्या यार तुम भी.. काम समजो….

में: काम समज ने से अच्छा में आप के साथ ही कुछ ऐसा काम करू के फिर मुश्किल न आये..(वो मेरी दो अर्थ वाली भाषा समज गयी…)

सुषमा: अच्छा तो यह बात हे? सुनो बाबा.. में तुम्हारी बॉस हु, वफादार रहोगे तो सब सिखा दूंगी.. पर पहले मेरा विश्वास तो जित के दिखाओ..आज कल के यंग लोग का कोई भरोशा नहीं.. सब कुछ..शिख के अपनी अलग पार्टी कर लेते हे, और हमें छोड़ कही और ….

में: (बिच में ही बोल पड़ा) अरे मेंम आप मुझे काम करना शिखा के तो दिखये.. हम सदेव आपके आभारी रहेगे…और ये जिन्दगी आप की अमानत रहेगी. वफादारी का दूसरा नाम विकी है. (मैंने टेबल के निचे से अहिस्ता से अपना पैर उसके मुलायम पैर पे रखा उसकी निशीली आँखों में आंखे डालकर उसका मखमली हाथ दबाया…)

सुषमा: सी सी सी विकी कोई आ जायेगा….तो?

(में दिल ही दिल में खुश हो गया…की ये बात हे.. पार्टी तो अपने लिए तैयार हे…केवल किसीके आने का डर हे..) desi sex

में: ओह्ह सुष्माजी यहाँ अपने केबिन में कौन आएगा? सबको पता हे की आज से आप हमारी ट्रेनिंग ले रही हे. (मैंने अहिस्तासे अपने पैर को उसके पैर के ऊपर की तरफ जाने दिया…तो एक मस्त अजीब सा एहसास..हुआ क्या मांसल और चिकना पैर था साली का!!!)

सुषमा: ओह्ह्ह तुम भी क्या..? तुम्हारी कोई गल फ्रैंड नहीं? डॉक्टर ऐसे ही बन गए..?

वो शर्मा जरुर रही थी पर उसने अपना पैर वापिस नहीं लेके जैसे मुझे सिग्नल ही दे रही हो के लगे रहो. और मैंने भी अपना पैर टेबल के निचे से ही उसकी मांसल चिकनी गोरी जांघो तक पंहुचा दिया था…

सुषमा: देखो विकी सपना और सहिस्ता अक्सर काम लेके मेरे पास आ जाती हे.. तुम यार कंट्रोल करो…और काम की बात करो..यार तुम मुझे बदनाम करोगे..(मतलब बदनाम होने का डर था वर्ना प्रोब्लेम नही.., मेरा होसला और बढ़ा.) sushma ki gand

में: ओह बॉस मेरा पहला दिन और आप मेरी पहली दोस्त हे. आपका हर तरह से ख्याल रखना ड्यूटी ही नहीं आज से में अपना कर्तव्य समजुगा..(मैंने अपने पैर और आगे बढाया तो मेरे पैर का अंगूठा उसकी दो चिकनी जांघो के बिच में आके अटका हुआ था. मैंने प्यार से अहिस्ता आहिस्ता अपना पैर उसकी जांघो पे रगड़ना सुरु किया तो उसने सिसकी ली.

सुषमा: स सीस सी सीस….विकी….सीधे बेठोना को…ई… आ..ए..गा…बाबा सीधे बैठो..

(उसने अपनी जांघो को थोडा और चौड़ा करते हुए कहा. पर साथ साथ उसने मेरे पैर को आगे जाने का रास्ता जैसे दिखा दिया हो. वो बोल कुछ रही थी और कर कुछ और रही थी. उसके होठो पे ना थी पर आंखे और बदन सायद हां कह रहे थे. उसकी आँखों में अजीब सी प्यास और बदन गज़ब की बैचेनी देखि मैंने) जेसे ही उसने अपने पैरो को फैलाया…मेरे पैर का अंगूठा उसकी सिल्की पेंटी से जा टकराया और वहा सट गया. वहा मेरे अंगूठे को उसकी मुलायम मक्खन जैसी बुर की गरम और गीली पंखुड़िया महसूस हुई. में उसे अहिस्ता अहिस्ता अपने पैर के अंगूठे से मर्दन करने लगा.

सुषमा: (अपनी आंखे मूंदते हुए सिसयाई) स्स्स्स सी सीस…अआह्ह्ह यार तू भी मरेगे और मुझे भी मरवाएगा…इतना बावला क्यों हो रहा हे…सीधा बैठ न. फुसस स्सीस क्या कर रहे हो….उफ्फ्फ्फ़ सीस सु सस को…ई…. दे….ख…ले गा. यार तुम सीधे बैठो न…

मैंने उसकी पेंटी (निकर) की पट्टी को अपने पैर के अंगूठे से हटाके थोडा और अन्दर घुसेड दिया तो..

सुषमा: वि….की….तू… क…हा….त क… प..हो..च गया….आआह्ह्ह छोड़…अपना पैर निकाल…

में: (उसकी हथेलियो को कसते हुए) नहीं आज तो अपनी दोस्ती पक्की कर के ही रहगे मेम…(मैंने अंगूठे को फिसलाते हुए उसकी गरम गीली चूत को रगड़ना शुरू कर दिया तो उसने टेबल के निचे से अपने एक पैर को मेरे पेंट के अन्दर तने हुए लंड पे दबाया…)

में: आप तो मेरे बेस्ट गुरु बनने वाली हो. आपकी सेवा और सुख मेरा कर्तव्य हे.. आप चिंता ना करे में अपने गुरु की इज्ज़त बढ़ाऊंगा.

सुषमा: (अब मानो वो मेरी जिद और मेरे सामने जैसे जुक गयी हो..अहिस्ता से सिसयाते हुए) सी..स… जरा धीरे बा..बा… तुम्हारा नाख़ून चुभता हे.. (अपने पैर से मेरा लंड दबाया). मेरे लंड में भी सनसनाहट और जोर की गुद गुदी हो रही थी…पेंट के ऊपर मेरे लंड ने तम्बू बना रखा था. मुझे भी लग रहा था की कही जड़ न जाऊ..

में: ओह्ह तुम भी मेरे गियर को दबा रही हो..

सुषमा: गियर नहीं..ब्रेक दबा रही हु और गाड़ी रोक रही हु.. स…प…ना ऊउफ़्फ़ सी…सी आ….ने… ही… वा…ली हो…गी, सी………..धे बै..ठो…आह्ह्ह्ह ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़ वि…की….में ह ह ग ईई (वो आंखे मूंदते हुए अपनी जांघो के बिच मेंरे पैर को दबाते हुए जड़ गयी और चेयर पे फ़िसल पड़ी. मेरे लंड के उपर से उसका कसाव कम हो गया..और उसने अपना पैर मेरे लंड से हटा लिया)

सुषमा: अ..ब….ब…स..भी करो….(मैंने भी अपना पैर बहार निकाल लिया. मेरे पैर का अंगूठा गिला और एकदम चिकना हो चला था..) वो एकदम ढीली हो गयी थी sali ki gand mari ..

सुषमा: यार तू तो एकदम चालू हे. पर साला तू तो जादूगर हे, तेरे पैर में इतना जादू हे तो…(अचानक सपना केश की फाइल ले के चैम्बर में आ गयी…(अच्छा था हम दोनों सीधे बैठ गए थे वरना आज सुषमा की पोल खुल जाती..

सपना: हेल्लो डॉक्टर्स,, क्यों सुषमाजी नये साब कुछ शिख रहे हे…(आंख मारते हुए).

सुषमा: हां.. कुछ जल्दी ही शिख रहे हे और हमें भी कुछ सिखा रहे हे. ये शाब कुछ जल्दी ही शिख रहे हे और इसे शिखाने ज्यादा देर नहीं लगती, बहोत तेज हे और इसे शिखाने में बड़ा मजा आ रहा हे. तू भी कुछ नया शिखेगी?

सपना: अगर आप साथ देके शिखाये तो हमदोनो मिल के कुछ नया और मस्त शिखेगे क्यो डॉक्टरसाब? मेंने ठीक कहा ना? (सपना ने अपने सेक्सी अन्दाज़ में मुझे आंख मारते हुए कहा) शायद इन लोगो ने मेरी आँखे पढ़ ली थी.

बस यु मैंने पहले ही दिन सुषमा की चूत की गरमी महसूस कर ली… यहाँ मजे होने वाले हे यही सोचने लगा..

दोस्त अब चुदाई का महाजंग छिड़ने वाला हे, आप बस थोडा सा इंतजार करे और अपनी इस कहानी के बारे और अपनी काम समस्या को लेके मुझे मेल करे…..मुझे इंतजार होगा……

धन्यबाद ,,,,,

ek aurat ki bhukhi chut ki tadap part-1

हेल्लो दोस्तों में आपका विकी… में एक यंग डॉक्टर हु और अब की बार एक बहोत अजीबो गरीब कहानी लेके आया हु. दोस्तों ये कहानी ज्यादातर काल्पनिक है पर जिन जिन पात्रो को में बता रहा हु उसको मैंने वास्तव में भरपूर चोदा हे, यह बात सो फी सदी सत्य है. मेरी कहानी एक एक शब्द आपके मन में अगर मेरी चुदाई का चित्र खड़ा न करे तो आपके लंड या चूत से पानी कैसे बहेगा..उसमे आग कैसे लगेगी. तो मेरी कहानी जरा धीरज रखे हुए ध्यान से पढ़े. अपने मन की इच्छाओ को संतुष्ट करना कोई बुरी बात या पाप नहीं, लेकिन औरतो की इज्ज़त करना भी एक बड़ी बात हे. वो कोई बदनाम न हो इस लिए मैंने केवल शहर और पात्रो के नाम बदले है. पर मेरी हर कहानी की तरह यह पूरी सीरीज आपको बड़ी रोचक और लंड, चूत सुजानेवाली बड़ी ही रोचक लगेगी यह मेरा वादा हे. वासना शरीर में नहीं मन में होती हे…अगर यह कहानी आपके दिल के साथ साथ अगर आपके लंड या चूत को छू जाये तो दोस्तों आप मुझे मेल अवस्य करे. मुझे आपके मेल अच्छे लगते है. हां अपनी काम समस्या मुझे अवश्य बताए..(आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी यह मेरा दिल से आपको वादा हे दोस्तों..)

पढाई में अव्वल आने में केवल ११% कम होनेकी वजह से मुझे बम्बई की जगा राजस्थान की एक अस्पताल में डॉक्टर की जॉब मिली. तब में शायद २४ साल के आस पास का हो चूका था और मेरे डॉक्टर होने पर पापा ने खुश होके मुझे कार दिलवाई थी. में अपना सामान लेके अहमदाबाद से जयपुर तक अपनी कार लेके सुबह १० बजे पंहुचा. मुझे १२ बजे अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. दस्तूर से मिलना था. में सुबह वहा पहोच कर पहेले एक होटल में शेव, स्नान करके चिकना तैयार हुआ और पंहुचा राजस्थान की बहेतारिन हॉस्पिटल में.

रिसेप्शन पे एक २२ साल की सुन्दर लड़की (साहिस्ता) ने मुझे स्माइल देते हुए वेलकम कर, गुड मोर्निंग कह मेरी अच्छी खातिरदारी की. मैंने अपना अपॉइंटमेंट लैटर देके डॉ. अमित दस्तूर से मिलने को कहा..

साहिस्ता: (मुझे ऊपर से लेके निचे तक बड़ी अजीब से निगाहों से देखते एक मादक स्माइल दिया और बोली) ओह्ह सर तो आप डॉक्टर है?

में: हा….मेम, सिविल सर्जन साब से आज १२ बजे मेरी मुलाकात होनी हे क्या आप बताएगी वो कहा मिलेगे?

साहिस्ता: ओह्ह्ह सॉरी.. डॉ दस्तूर एक इमरजेंसी ऑपरेशन में गए है आप अपने जूते वहा डॉक्टर रूम में निकाल वहा से डॉक्टर्स की स्पेशल चप्पल होगी उसे पहेनकर डॉ. सुषमा की केबिन में जाए और उसे यह लैटर दे में उनसे इंटरकॉम से बात कर लेती हु. पहले सर आप प्लीज वहा जाइए और जूते उतारके अन्दर जाये. मेने उसके सामने देखा…तो वो बोली, सॉरी.. सर..पर यहाँ अस्पताल में डॉक्टर्स जूते नहीं पहेनते यही नियम हे..प्लीज जरा अपने जूते और सॉक्स वहा उतर कर ही जाये. थैंक्स..

में: ओके थैंक यू….मेम…..(सोचने लगा कही कपडे भी न उतार ने पड़े)

में जूते उतार के चप्पल पहेनकर डॉ. सुषमा के पास चल दिया (उसने इन्टरकॉम से डॉ. सुषमा में मेरे आने की सुचना दे के मुझे वहा भेज दिया.)

में: (केबिन को नॉक करते हुए) क्या में अन्दर आ सकता हु…?

सुषमा: (मादक हसी के साथ) अररररे हां डॉक्टर आप पुरे के पुरे अन्दर आ जाइये (हम दोनो हंस पड़े)

में: गुड मोर्निंग डॉक्टर..(वो बिच में ही…हां में डॉ सुषमा सेठ, आपका लैटर मैंने ही भेजा था, आइये)

सुषमा: वैरी गुड मोर्निंग डॉ, हमारे मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में आपका बहोत बहोत स्वागत हे. (उन्हो ने सुन्दर मुलायम गोरा हाथ मेरी तरफ मिलाने को बढाया)

मैंने उस से हाथ मिलाते हुए उनकी सामनेवाली चेर पर बैठा. उनके गुलाबी कोमल हथेली को छुआ तो मुझे बिजली का करंट लगा, वो मुस्कान बिखेरते हुए….हां लाइए…जी…

मैंने अपना अपोइटमेंट लेटर उसे दिया और कहा..

में: हेल्लो में… अपना नाम बताया और डॉ. दस्तूर से मेरी अपोइन्टमेंट हे.., यह लैटर……..(वो बिच में ही..)

सुषमा: हां पता हे बैठये और चाय पानी तो पीजिये सब होगा… साब बिजी हे…. बाबा…
उसने कोफ़ी मंगवाई.. और अपनी आंखे नाचते हुए..

सुषमा: (कोफ़ी पीते हुए) तो डॉ. कैसा लगा अपना अस्पताल? चलो में तुमे अपने अस्पताल से परिचय करा दू porn story .

(वो मेरी तरफ जरा जुक के बैठी तो उसकी मांसल चुचिया मेरी आँखों के सामने लचक्के जुल पड़ी, उसने पारदर्शी साडी पहनी थी तो उसमे से उनके ब्लाउज के अन्दर छुपी उसकी मस्त मांसल गोरी चुचिया साफ़ दिखाई दे रही थी). में एक नज़र उसे ताक ही रहा था और उसके बदन से मदमस्त खुश्बू में डूब रहा ही था की…)

सुषमा: (मेरी तरफ शरारत से देखते हुए), सुनिए आप ठीक हे ना? कहा खो गए…(में जपक के जागा) सुनो..यंग मेन, इस अस्पताल में ३५ कमरे १५० बेड्स, ४ ऑपरेशन थिएटर, ७ विभाग, ३२ नर्सेज, २४ डॉक्टर्स, आपको मिलकर अब २५, और ५ लोग कारभारी लोग हे. इसके अलावा १० सफाई कामदार और ३ पयोन हे. में तो उसकी मस्त अदाए देख रहा था, और उसकी नशीली आँखों में डूब रहा था, उसकी बातो में मेरा ध्यान ही नहीं था. उसने सबसे पहेले मुझे सारा अस्पताल दिखया, जोकि पूरा सेंट्रली ऐ.सी है. ग्राउंड फ्लोर पे OPD और जनरल चेकउप, डॉक्टर्स केबिन, मेडिकल स्टोर, कॅश विभाग, रिसेप्शन हे. फर्स्ट फ्लोर इनडोर पेशेंट्स और ऑपरेशन थिएटरस के लिए, सेकंड फ्लोर नर्सेज और डॉक्टर्स के रेसिडेंट के लिए हे.

अस्पताल को देख मुझे बड़ी ख़ुशी हुइ. वैसे तो अस्पताल में दुखी लोग होते हे पर वो फर्स्ट फ्लोर्र पे थे और यहाँ स्टाफ को देखके लगा की समां बहोत रगीन हे, अभी दोपहर के करीब १.१५ हो गए थे तो सुष्माजी मुझे केंटिन में ले गयी और कहा चलो विकीसाब आजका लंच हमारी तरफ से….और वहा हमें करीब करीब पुरे स्टाफ से मुलाकात भी हो जाएगी. में आपका उन सब से परिचय भी करवा दू (दोनों मुस्कुराऐ और में उनके पीछे उनके मटकते चूतडो को निहारता केन्टीन की और चल दिया….

केंटिन भी एसी था.. और काफी अच्छा था. वहा खाना खाते हुए सुष्माजी जिन लोगो का अपने तरीके से परिचय करवाया और मैंने जिस तरीके से उन लोगो अपनी नजर से देखा यह आपको बता दू….. सबसे पहेले डॉ. सुषमा…

xxx stories डॉ. सुषमा ४० वर्षीय स्मार्ट सुन्दर, पेशे से स्किन स्पेशयालिस्ट डॉक्टर, शादीशुदा दो बचो की माँ, ५-७ इंच मस्त लम्बी, बिना रोमवाली मक्खन सा मुलायम और चिकने बदनवाली, ३७-२३-३८ का जबरदस्त सेक्सी फिगरवाली हसीना थी वो. उसकी नशीली काजलमली बड़ी सुदर बड़ी बड़ी आंखे जो भी नजर मिलाये वो उसके नशे में डूब जाये, शादीशुदा होने के बावजूद उन्नत कठोर भारी पके आम जैसी मस्त लचीली चुचिया. और लचीले भारी भरकम पपीते जैसे चुतड उसकी सुन्दरता में चार चाँद लगते हे. वो चले तो उसके मांसल कुल्हे ऐसे थिरकते हे के देखने वाले का लंड उसे बिना नंगी देखे पेंट में दस्तक देने लगे. शायद हमेशा वो लो कट स्लीवलेस ब्लाउज और पारदशी साडी पहनती है जिससे उसके सुड़ोल स्तनों के दर्शन बड़ी आशानी से हो जाते हे. हां दोस्तों मुझे उनकी एक बात बहोत ही अच्छी लगी. वो बड़ी खुले मनवाली और हेल्पींग नेचर की हे. हम पहली बार मिले पर १५ मिनट के बाद वो मेरे साथ अनजान नहीं रही.

 डॉ. सबनम कुरैशी, ३५ वर्षीय डीवोर्सी औरत हे जो पेशे से एक गाईनेकोलोजिस्ट डॉक्टर, करीब ६ फिट लम्बी, शायद मुझसे थोड़ी ऊँची हे. उसका हल्का काला, पर नागिन सा मुलायम चिकना बदन, बॉब कट काले घने बाल, ३६-२४-३६ का परफेक्ट फिगर, मस्त भरी हुई उन्नत एवं कठोर चुचिया, सरबती ओठ, सेब जैसे मस्त गाल, नशीली आंखे, हमेशा मुश्कुरता मस्त चहेरा. एकदम स्मिता पाटिल जैसी लगती हे, वो हमेशा हाई हील सेंडल और जीन्स-टी शर्ट में रहती हे. उसके बदन से एक सेट की मादक खुश्बू आती थी. टी शर्ट से उसके लचकते स्तनों को में जिस नज़र से देख रहा था वो शायद उसने देख लिया था.. वो गजब की सेक्स अपीलवाली मस्त खुस मिजाज औरत हे… उसने पहली मुलाकात में ही मेरा गजब मजाक उडाके मेरी फिरकी ले डाली. वो आज ही मेरी अच्छी दोस्त बन गयी. वो यहाँ अस्पताल में अपनी माँ और छोटी बहन शमीम के साथ रहती थी.. वो उसे पढ़ाने यहाँ नौकरी कर रही है.

 दिल तो मेरा तब मचला जब सुषमा ने आंख नचाके मुझे हेड नर्स सपना से मिलाया. सपना एक सेक्स मिसाइल की तरह मेरे दिल पे आके टकराई और मेरा दिल और लंड दोनो को हिला के रख दिया..जब उसने हेल्लो सर करके मुझसे हस्तधुनन किया. तो लगा वो मेरा लंड ऐसे पकड़कर मेरा हस्तमैथुन कर रही हे, वो एक निशिली शराब जैसी करीब ३० साल की चिकनी मस्त जवान, गोरी चीटी मखमल की कश्मीरी गरम शोल जैसी. कोकाकोला की बोतल सा मस्त गोलाईवाले गदराये बदनवाली, ५-६ इंच लम्बी, संतरे चिर जैसे मुलायम कोमल लाल चटक होठ, तीखी नाक, सुराहीदार गर्दन, ३६-२३-३७ का फिगर, adult short stories उसपे दो बड़े तरबुच जैसे गोल उन्नत कठोर चुचिया जैसे ही मैंने देखि तो उसे दबाके चूसने का मन हो गया और मेरा लंड निकर मेंसे मुझे दस्तक देके बगावत करने लगा. उसके स्तनों मध्य में दो मस्त निप्पले उसकी ड्रेस के ऊपर स्पष्ट उभरी दिखती थी. क्योंकि उसने नर्सवाला वाइट स्कर्ट घुटनों तक पहना था तो उसके मखमली चिकने बिना रोमवाले (रुए) पैरो की गुलाबी घुटने उसका बदन अन्दर से कितना चिकना होगा….उसका आशानी से आप अंदाज़ लगा सकते हो. अआहा में तो मदहोस हो गया. उसने मुझसे हाथ मिलाया तो मैंने उसे कसके दबाया.. आह्ह्ह क्या चिकनाई के कोमलता वा..ओ… मन करता था उसे वही पकड़ के चोद लू. पर क्या करू? इसके अलावा में करीब ७-८ स्टाफ मेम्बर्स को मिला पर मेरा दिल सपना पे जा अटका देख था वो देख सुषमा ने कहा eritic stories ..

सुषमा: चलो साब अब तो हमलोगो रोज़ यहाँ मिलेगे, चलो ऑफिस में जाये..? शायद डॉक्टर दस्तूर ऑपरेशन करके आ गए होगे..

में: (ठंडी आह बरते हुए) हा चलो मेम.. लेडीज फर्स्ट…. (वो मुस्कुराके मेरे आगे और में उसके पीछे चलने लगा).

सुषमा ने शायद मेरी आँखों में सपना के लिए मेरी सेक्स अपील महसूस करली थी..उसने मेरी नज़र में सपना को लेके जो प्यार और नशा था वो देख लिया था, आखिर डॉक्टर थी वो. मेरी मचलती निगाहों को न समजे उतनी अनाड़ी भी नहीं..

में उसके पीछे चलने लगा, जहा मौका मिला, चलते चलते उसके मटकते कुलहो पे में अपने हाथ से अहिस्ता से चपत मार लेता जैसे अनजाने में हुआ हो, जैसे ही मेरा उसे छूता तो वो पीछे देखती, में.. सॉरी मेम्म…कह देता जैसे गलती से हुआ हो.. वो भी मस्त स्माइल देते हुए आगे मचलती हुई अपनी गांड को मटकाते हुए चलती रहती.. हम ऑफिस में गए तो डॉ दस्तूर आ चुके थे.. उसने मुझे वेलकम किया, हाथ मिलाया और मेरे अपोइन्टमेंट लैटर पे अपने दस्तखत कर, मुझे अपने केबिन दिखया, जोकी डॉ. सुषमा की बिलकुल बगल में था और बिच में एक ग्लास डोर जिससे एक केबिन से दूसरी माँ आ जा सके.. में और भी खुश हुआ क्योंकि सुषमा जैसी मस्त माल मेरी बगल में ही बैठनेवाली थी.

डॉ. दस्तूर: देखो आज से आप ज्वाइन कर लो डॉ.सुषमा आपकी हेड हे. वो आपको आपके काम के बारे में बता देगी जो आप उनसे अच्छे से समज लो, और उसे शिकायत का कोई मोका न देना. खास बात, यहाँ बारी बारी छुटी नहीं मिलती. तो मेरे पास छुटी कोई कोई दरखास्त लेके मत आना. आपका क्वाटर ऊपर हे. हलाकि अभी आप जूनियर डॉक्टर हे तो आपको नर्सिंग स्टाफ के पास रहना हे, आपका क्वाटर हेड नर्स सपना के बगल वाले नर्सिंग क्वाटर्स में १३ नंबर का रहेगा..आपको किसी चीज़ की जरूरत हो तो सुष्माजी को बताओ. ठीक हे.? आपका की कोई परेशानी या सवाल हो तो आप सीधे मुझे मिल सकते हो…

एकदम पॉइंट पॉइंट बात करके वो लंच के लिए चल दिए और में सुषमा ले साथ बड़ा खुश होता हुआ चल दिया.. (दिल में फूलजडिया छुट रही थी, दिल करता था जोर से चिलाऊ… याहू….)

free erotica सुषमा: चलो….. लगता हे भगवान् ने बड़ी फुरसत में आपकी तक़दीर लिखी हे… आओ आप को आपकी जगह और काम बता दे.. मालूम होता हे काम तो आप अपने तरीके से करोगे पर मेरे हिशाब से काम केसे करना हे वो में आपको बतादू…(बड़ी चुभती नजरो से देखते हुए वो मुझे अपनी केबिन ले गयी… असली किस्सा तो अब शुरू होनेवाला था.

दोस्त अब चुदाई का महाजंग छिड़ने वाला हे, आप बस थोडा सा इंतजार करे और अपनी इस कहानी के बारे और अपनी काम समस्या को लेके मुझे मेल करे…..मुझे इंतजार होगा……