मेरा नाम दीपक है।मई आज अपना desi story आप के साथ शेयर करने जा रहा हु। मई इंजीनियरिंग कॉलेज का स्टूडेंट हु। और मई छूटी से कॉलेज ब्यापास जोयन करने के लिए अ रहा था। मेरा ट्रैन का सीट जो था कन्फर्म था।
मेरा सब दोस्त जो था आलरेडी ब्यापास अ चूका था ,इसीलिए मई अकेला ही लौट रहा था ,मुझे लग रहा था की जर्नी जो है बोहोत ही बोरिंग होगा। इसीलिए मई अपने साथ सो चार desi story का किताब ले लिया सोचा टाइम पास हो जायेगा ,और लैपटॉप में दो चार मूवी देख लूंगा।
मेरा निचे का सीट था खिड़की से बोहोत ही अच्छा नज़राना देखनो को मिलेगा ,और मुझे वोह जाएगा बोहोत ही पसंद था ,मई इंतज़ार कर रहा था कब ट्रैन छूटे ,इसी दौरान एक कॉलेज स्टूडेंट वोह भी फीमेल थी ,जो मेरे सीट के ऊपर वाला बर्थ उसको मिल गया था ,मई सोचा चलो काम से काम ऊपर वाला सुन तो लिया ,मई सोचा काम से काम बात न हो देखते देखते ही सफर काट जायेगा अच्छे तरीके से।
वोह लड़की भी इंजीनियरिंग स्टूडेंट थी ,देख के पता चल रहा था ,वोह पेहेले दफा मुझे देख के मुस्कुराई ,है उसका अदा देख के मई उधर ही फ़िदा हो गया ,सोचा देखने से काम नहीं चलेगा उसके साथ तो पक्का बात ही करना पड़ेगा ,उसने पूछा ,”क्या निचे वाला सीट आपका है ?”
मई बोला ,”हांजी मेरा ही है। पर कुछ नहीं जी जब तक सब सेटल न हो जाये आप इधर सामान अपना रख सकते हो। ”
उसने बोला ,”आपकी कोई तकलीफ तो नहीं होगा। ”
मई ने मुस्कुराते हुए कहा ,”सो तो होगा पर क्या करे। आप बैठिये ना। ”
मई मन ही मन बोल रहा था बेबी तुम्हारे लिए तो बोहोत सारे तकलीफ उठा सकता हु ,ये तो बोहोत ही छोटी सी बात है ,अगर मुझे कुछ मेबा खाने को मिल जाये उसमे हर्ज़ क्या है?”
फिर उसने ही पूछा की आप कहा जा रहे है ? और क्या करते है ?
तो उसने बोला की चेन्नई जा रही है जॉब मिल गया है उधर तो मई भी बोला ,मुझे तो चेन्नई एक्सप्रेस वाला फीलिंग्स आगेया था ,मई सोचा टिकेट तो खरीद लिया हु ,अब सीट और लण्ड पकड़ के चुप चाप ट्रैन में बैठ जायु।
उस छोटे बेड पर में अपनी दोनों आंखे बंद करके की सुंदरता और उनके भरे हुए गोरे गठीले कामुक बदन के बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया.फिर रात को करीब 12:30 बजे मैंने अपने गाल पर कुछ महसूस किया और अपनी दोनों आंखे बंद किए में कुछ देर तक उसको समझने की कोशिश करता रहा, लेकिन मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया, इसलिए मैंने अपनी आँख खोलकर देखा तो में देखकर एकदम चकित रह गया, क्योंकि वोह भाभी अब अपना बेड मेरे बेड के पास लाकर उनके बेड पर ही लेटकर अपने एक हाथ को आगे बढ़ाकर मेरे गाल को सहला रही थी.
मैंने भाभी से पूछा कि आप यह क्या कर रही हो, बच्चे नींद से जाग जाएँगे, तब भाभी जी कहने लगी कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो कोई भी नहीं जागेगा और इतना कहकर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर रज़ाई के अंदर से ही अपने बूब्स पर रख दिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
में भी वो ठीक मौका समझकर उनकी मेक्सी के अंदर अपने हाथ को डालकर उनके बूब्स को अब सहलाने लगा. उसके गोल बड़े आकार के बूब्स की गोलाई को छूकर उसको महसूस करके मन ही मन बहुत खुश होने लगा था और मेरे सहलाने हाथ घुमाने की वजह से कुछ ही मिनट में भाभी के निप्पल तनकर खड़े होने लगे थे और अब चाची जोश में आकर मुझसे कहने लगी उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ ना क्या धीरे धीरे बच्चों की तरह खेल रहे हो, हाँ थोड़ा इससे भी ज्यादा दम लगाओ.
अब में भाभी के कहने पर जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को दबाने और निप्पल का रस निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से हम दोनों ही बहुत कम समय में पूरी तरह से जोश में आकर मज़े मस्ती करने लगे और अब वो मेरे गाल को सहलाने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ मेक्सी के अंदर से ही नीचे करते हुए अब सीधा उनकी चूत पर ले गया और उस समय मैंने छूकर महससू किया कि उनकी पेंटी चूत वाले हिस्से से पूरी गीली हो चुकी थी, क्योंकि वो अब बहुत जोश में आ चुकी थी.
मैंने बिना देर किए तुरंत उनकी पेंटी में अपने उस हाथ को डाल दिया और अब में उनकी कामुक उभरी हुई चूत की लंबी लंबी झांटो को सहलाने लगा और गीली चूत में अपनी एक ऊँगली को डालकर में चूत के दाने को सहलाने लगा था, जिसकी वजह से अब उनके मुहं से सिसकियों की आवाज़ आईईईईईईइ उफफ्फ्फ्फ़ आने लगी थी और वो मुझसे अब आहे भरते हुए कहने लगी थी आह्ह्हह्ह्ह उफ्ह्ह्हह्ह प्लीज तुम अब अपनी इस उंगली को मेरी चूत में पूरा अंदर तक डाल दो ना, क्यों मुझे इतना तरसा रहे हो? प्लीज थोड़ा जल्दी करो मुझे कुछ हो रहा है.
अब मैंने उनसे कहा कि यहाँ से मेरा हाथ ठीक तरह से वहां पर नहीं पहुँच रहा है, इसलिए अब आप भी मेरे बेड पर आ जाओ और फिर वो मेरी बात को सुनकर धीरे से उठकर मेरे बेड पर आ गई और एक दूसरी रज़ाई को लेकर उन्होंने हम दोनों पर डाल दिया और हम उसमें घुस गये.
उसकी इस रगड़ाई के कारण मेरा पानी छूटने वाला था मेने उसे कहा की अपनी गांड में जल्दी से डाल लो में छोड़ने वाला हूँ उसने अपने नरम हाथ से मेरी मूठ मारी और जब निकलने लगा तो अपनी गांड में 2 इंच तक अंदर डाल लिया मेरा बहुत ज़्यादा माल निकला और उसके चूतडो से होता हुआ सलवार को गीला करने लगा.
उसने कहा में ये सारा माल अपनी चूत में चाहती हूँ मेने उसका फ़ोन नम्बर लिया और अपना उसे दे दिया तब तक स्टेशन आ गया था आंटी ने अपने कपड़े ठीक किये और हम उतरने लगे बार बार मेरा लंड मनीषा को छू रहा था और फिर से खड़ा हो गया हम किसी तरह शादी में पहुँचे और प्रोग्राम अटेंड किया उस रात मेने आंटी को उसी की खाट पर तीन बार बुरी तरह से चोदा ओर तीनो बार पानी उसकी चूत में छोड़ा. दोस्तों ये कहानी बस यहाँ पर समाप्त होती है, अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करना. आपके रेस्पोंस के बाद आगे की कहानी लिखूंगा.
मेरा सब दोस्त जो था आलरेडी ब्यापास अ चूका था ,इसीलिए मई अकेला ही लौट रहा था ,मुझे लग रहा था की जर्नी जो है बोहोत ही बोरिंग होगा। इसीलिए मई अपने साथ सो चार desi story का किताब ले लिया सोचा टाइम पास हो जायेगा ,और लैपटॉप में दो चार मूवी देख लूंगा।
मेरा निचे का सीट था खिड़की से बोहोत ही अच्छा नज़राना देखनो को मिलेगा ,और मुझे वोह जाएगा बोहोत ही पसंद था ,मई इंतज़ार कर रहा था कब ट्रैन छूटे ,इसी दौरान एक कॉलेज स्टूडेंट वोह भी फीमेल थी ,जो मेरे सीट के ऊपर वाला बर्थ उसको मिल गया था ,मई सोचा चलो काम से काम ऊपर वाला सुन तो लिया ,मई सोचा काम से काम बात न हो देखते देखते ही सफर काट जायेगा अच्छे तरीके से।
वोह लड़की भी इंजीनियरिंग स्टूडेंट थी ,देख के पता चल रहा था ,वोह पेहेले दफा मुझे देख के मुस्कुराई ,है उसका अदा देख के मई उधर ही फ़िदा हो गया ,सोचा देखने से काम नहीं चलेगा उसके साथ तो पक्का बात ही करना पड़ेगा ,उसने पूछा ,”क्या निचे वाला सीट आपका है ?”
मई बोला ,”हांजी मेरा ही है। पर कुछ नहीं जी जब तक सब सेटल न हो जाये आप इधर सामान अपना रख सकते हो। ”
उसने बोला ,”आपकी कोई तकलीफ तो नहीं होगा। ”
मई ने मुस्कुराते हुए कहा ,”सो तो होगा पर क्या करे। आप बैठिये ना। ”
मई मन ही मन बोल रहा था बेबी तुम्हारे लिए तो बोहोत सारे तकलीफ उठा सकता हु ,ये तो बोहोत ही छोटी सी बात है ,अगर मुझे कुछ मेबा खाने को मिल जाये उसमे हर्ज़ क्या है?”
फिर उसने ही पूछा की आप कहा जा रहे है ? और क्या करते है ?
तो उसने बोला की चेन्नई जा रही है जॉब मिल गया है उधर तो मई भी बोला ,मुझे तो चेन्नई एक्सप्रेस वाला फीलिंग्स आगेया था ,मई सोचा टिकेट तो खरीद लिया हु ,अब सीट और लण्ड पकड़ के चुप चाप ट्रैन में बैठ जायु।
उस छोटे बेड पर में अपनी दोनों आंखे बंद करके की सुंदरता और उनके भरे हुए गोरे गठीले कामुक बदन के बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया.फिर रात को करीब 12:30 बजे मैंने अपने गाल पर कुछ महसूस किया और अपनी दोनों आंखे बंद किए में कुछ देर तक उसको समझने की कोशिश करता रहा, लेकिन मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया, इसलिए मैंने अपनी आँख खोलकर देखा तो में देखकर एकदम चकित रह गया, क्योंकि वोह भाभी अब अपना बेड मेरे बेड के पास लाकर उनके बेड पर ही लेटकर अपने एक हाथ को आगे बढ़ाकर मेरे गाल को सहला रही थी.
मैंने भाभी से पूछा कि आप यह क्या कर रही हो, बच्चे नींद से जाग जाएँगे, तब भाभी जी कहने लगी कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो कोई भी नहीं जागेगा और इतना कहकर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर रज़ाई के अंदर से ही अपने बूब्स पर रख दिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
में भी वो ठीक मौका समझकर उनकी मेक्सी के अंदर अपने हाथ को डालकर उनके बूब्स को अब सहलाने लगा. उसके गोल बड़े आकार के बूब्स की गोलाई को छूकर उसको महसूस करके मन ही मन बहुत खुश होने लगा था और मेरे सहलाने हाथ घुमाने की वजह से कुछ ही मिनट में भाभी के निप्पल तनकर खड़े होने लगे थे और अब चाची जोश में आकर मुझसे कहने लगी उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ ना क्या धीरे धीरे बच्चों की तरह खेल रहे हो, हाँ थोड़ा इससे भी ज्यादा दम लगाओ.
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मैंने बिना देर किए तुरंत उनकी पेंटी में अपने उस हाथ को डाल दिया और अब में उनकी कामुक उभरी हुई चूत की लंबी लंबी झांटो को सहलाने लगा और गीली चूत में अपनी एक ऊँगली को डालकर में चूत के दाने को सहलाने लगा था, जिसकी वजह से अब उनके मुहं से सिसकियों की आवाज़ आईईईईईईइ उफफ्फ्फ्फ़ आने लगी थी और वो मुझसे अब आहे भरते हुए कहने लगी थी आह्ह्हह्ह्ह उफ्ह्ह्हह्ह प्लीज तुम अब अपनी इस उंगली को मेरी चूत में पूरा अंदर तक डाल दो ना, क्यों मुझे इतना तरसा रहे हो? प्लीज थोड़ा जल्दी करो मुझे कुछ हो रहा है.
अब मैंने उनसे कहा कि यहाँ से मेरा हाथ ठीक तरह से वहां पर नहीं पहुँच रहा है, इसलिए अब आप भी मेरे बेड पर आ जाओ और फिर वो मेरी बात को सुनकर धीरे से उठकर मेरे बेड पर आ गई और एक दूसरी रज़ाई को लेकर उन्होंने हम दोनों पर डाल दिया और हम उसमें घुस गये.
उसकी इस रगड़ाई के कारण मेरा पानी छूटने वाला था मेने उसे कहा की अपनी गांड में जल्दी से डाल लो में छोड़ने वाला हूँ उसने अपने नरम हाथ से मेरी मूठ मारी और जब निकलने लगा तो अपनी गांड में 2 इंच तक अंदर डाल लिया मेरा बहुत ज़्यादा माल निकला और उसके चूतडो से होता हुआ सलवार को गीला करने लगा.
उसने कहा में ये सारा माल अपनी चूत में चाहती हूँ मेने उसका फ़ोन नम्बर लिया और अपना उसे दे दिया तब तक स्टेशन आ गया था आंटी ने अपने कपड़े ठीक किये और हम उतरने लगे बार बार मेरा लंड मनीषा को छू रहा था और फिर से खड़ा हो गया हम किसी तरह शादी में पहुँचे और प्रोग्राम अटेंड किया उस रात मेने आंटी को उसी की खाट पर तीन बार बुरी तरह से चोदा ओर तीनो बार पानी उसकी चूत में छोड़ा. दोस्तों ये कहानी बस यहाँ पर समाप्त होती है, अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करना. आपके रेस्पोंस के बाद आगे की कहानी लिखूंगा.
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