Friday, 31 March 2017

पुलिसवाले ने दबोचा

ये forced sex kahani है एक अबला गाँव की लड़की की। जो अपनी ज़िन्दगी सवारने शहर आती है पर आते ही ज़िन्दगी उसे अलग ही मंज़र दिखा देती है। पढ़िए नीरा की मस्त sex story..

नीरा गांव में अपने परिवार के साथ रहती थी जिसमें उसके माता पिता और एक छोटा भाई था और वो खेती करके बडी मुश्किल से अपना गुजारा करते थे। पर एक साल सुखे की वजह से उनकी खेती पुरी तरह से चौपट हो गई और उनके पास खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे उपर से बैंक से उन्होने बीज और दवाई का कर्ज
ले रखा था वो अलग। आखिर में जब उनके पास कोई चारा नहीं बचा तो नीरा के पिताजी ने उसे शहर में अपने भाई के पास भेज दिया जिसने उनसे वादा कर रखा था की नीरा को शहर में कोई काम दिला देगा जिससे वो अपना घर चला सकेंगे और कर्ज भी चूका देंगे। नीरा इससे पहले कभी गांव से भी बाहर नहीं गई थी लेकिन अपने घर की हालत देखकर उसके पास कोई और चारा नहीं बचा था। उसके माता पिता ने उसे शहर जाने वाली गाडी में बेठा दिया और नर्म आंखो से विदा किया। नीरा अन्दर से बहुत डर रही थी लेकिन लेकिन वो अपना दिल मजबूर करके रेलगाडी में बैठ गई और लगभग 36 घंटे के लम्बे सफर के बाद वो रात के 11 बजे शहर पहुची। रेलगाडी से उतरने के बाद वो स्‍टेशन पर खडी होकर उसके चाचा के आने का इंतजार करने लगी जिन्होने उसे कहा था की वो उसे लेने आ जायेंगे। लेकिन एक घंटा स्टेशन पर इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं आया तो उसने सोचा क्या पता उसके चाचा स्टेशन के बाहर उसका इंतजार कर रहे हो। जब वो स्टेशन से बाहर निकली तो रात के 12.30 बज चुके थे और बाहर बिल्कुल शांति छाई हुई थी। वो स्‍टेशन के बाहर खडी हो गई और रोड के दोनो तरफ देखने लगी लेकिन वहा कोई नहीं था सिर्फ कुछ लफंगे लडको के जो वहा खडे सिगरेट पी रहे थे। जैसे ही उन्होने एक अकेली लडकी को स्टेशन पर खडे देखा तो वो उसके पीछे आकर खडे हो गये और गंदे गंदे इंशारे करने लगे। नीरा का दिल अब जोर जोर से धडका रहा था और उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे। उसके पास उसके चाचा के घर का पता था तो उसने सोचा खुद ही टेक्सी करके चली जाती हूँ लेकिन वहा उसे कोई टैक्सी नजर नहीं आई। वो उन लफंगो से बचने और टैक्सी देखने के लिए रोड पर चलने लगी तो वो लडके भी उसके पीछे चलने लगे। फिर वो रोड की साईड में एक पान की दुकान के पास आकर खडी हो गई और टैक्सी का इंतजार करने लगी। वो बडी बेसर्बी से रोड के दोनो तरफ देखती की शायद कोई टैक्सी आ जाये लेकिन लेकिन सब बेकार। तभी वो लडके उसके पीछे पीछे पान की दुकान तक आ गये और अपने शरीर को उसके शरीर से रगडते हुए उसके पास से गुजर गये और पान की दुकान पर जाकर बैठ गये। तभी एक कार उसके सामने आकर रूकी और खिडकी से एक आदमी ने अपनी गर्दन बाहर निकली और नीरा को सिर से पैर तक गौर से देखा और उससे बोला
”चल आ बैठ जा, कितना लेगी एक रात का”
नीरा ”जी में वो”
आदमी ”बोल जल्दी”
अब आदमी कार से बाहर निकला और नीरा के सामने आकर खडा हो गया और उसको चारो तरफ से घूमकर देखकर बोला ”क्या मस्त फिगर है तेरा, और क्या मासूम चेहरा है चल 10000 रूपये ले लेना” और उसने नीरा का हाथ पकड कर कार में बैठाने लगा। नीरा ने एक झटके से उससे हाथ छुडाया और रोने लगी।
आदमी ”अरे क्यो नखरे कर रही है चल 12000 ले लेना”
तभी सामने से एक पुलिस की जीप दिखाई दी और उसे देखते ही कार वाला और बाकी लडके वहा से रफुचकर हो गये। जीप में सिर्फ एक पुलिस वाला था उसने जीप नीरा के आगे रोकी और उसके पास आकर बोला ”क्या कर रही है इतनी रात को यहा”
नीरा ”जी में टैक्सी का इंतजार कर रही हूँ”
पुलिसवाला ”झुठ बोलती है साली रंडी, धंधा करती है”
नीरा और जोर से रोते हुए ”जी नहीं में सच बोल रही हूँ”
पुलिसवाला ”तेरी जैसी बहुत देखी है, चल बेठ गाडी में और चल थाने”
उसने नीरा को गर्दन से पकडा और लगभग धक्का देते हुए गाडी में बैठा लिया। नीरा गाडी में बैठ गई लेकिन उससे गिडगिडानी लगी ”साहब में कोई धंधा नहीं करती छोड दिजिए मुझे”


नीरा का कोरा जिस्म

पुलिसवाला ”वो तो बाद में पता चलेगा”
गाडी एक होटल के आगे रूकी और पुलिसवाले ने नीरा को नीचे उतरने का आदेश दिया।
नीरा ”आप मुझे यहा क्यों लाये है”
पुलिसवाला ”चुपचाप अंदर चल वरना ऐसी दफा लगाउंगा की जिन्दगी भर जेल में सडती रहेगी”
पुलिसवाला सीधे उसे होटल के एक कमरे में ले गया ओर होटल वाला भी उसे पहले से जानता था इस लिए उसके कमरे में आते ही शराब की बोतल भी वेटर कमरें में दे गया। पुलिसवाले ने बोतल उठाई और आधी खाली कर दी और बाकी नीरा के मुह में ठुसने लगा जब नीरा ने मना किया तो उसने उसके गाल पर जोर का तमाचा जमाते हुए कहा ”आज रात मुझे खुश कर दे नहीं तो जेल में जिन्दगी भर धंधा करना पडेगा”
नीरा समझ गई थी की उसके पास और कोई चारा नहीं है। जैसे ही उसने शराब के दो घूट पीये उसका गला कडवाहट से भर गया ओर वाे जोर जोर से खासने लगी। पुलिसवाला उसकी इस हालत को देखकर हसने लगा और वाकी की बोतल भी उसने खुद ही खाली कर दी फिर वो अपनी वर्दी उतारने लगा और नीरा डर के मारे कमरे के एक कौने में जाकर दुबक गई। उसने अपने पुरे कपडे उतार दिये और उसका लंड पहले से ही सख्त हो चुका था लगभग 8 इंच लम्बा था वो नीरा के सामने लहराने लगा और उससे बोला ”चल अपना मुह खोल और चूस इसे” इससे पहले नीरा ने पहले कभी सैक्स नहीं किया था और ना ही देखा था इसलिए उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे। वो अपनी गीली आंखो से पुलिसवाले को देखने लगी की शायद उसे कोई दया आ जाये लेकिन बदले में उसे सिर्फ गाल पर एक जोरदार थप्पड ही मिला। वो गर्जते हुए बोला ”चूस इसे”। नीरा ने चुपचाप अपना मुह खोला और उसने अपना मोटा काला लंड सीधे उसके गले तक उतार दिया। अब वो अपने लंड को उसके मुह के अन्दर बाहर करने लगा। उसका लंड इतना बडा था की सीधे नीरा की गले की दिवार से टकरा रहा था और नीरा का दम घोट रहा था। नीरा उसके लंड से आजाद होने के लिए छटपटाने लगी लेकिन उसने नीरा के बाल पकड लिये और जोर जोर से उसके सिर को अंदर बाहर करने लगा। उसका लंड नीरा के थूक से पुरी तरह से सन चुका था और पत्थर की तरह सख्त हो चुका था। फिर उसने नीरा को बालो से पकड कर उपर उठा लिया दर्द के मारे नीरा के मुह से चीख निकल गई। उसने उसकी साडी का पल्लू नीचे गिराया और उसके ब्लाउज के उपर से ही उसके स्तनों को मसलने लगा। फिर उसने नीरा को जोर से बेड पर पटक दिया और आदेश देते हुए बोला ”चल फटाफट कपडे उतार” लेकिन नीरा ने अपने कपडे नहीं उतारे तो उसने तडा तड दो तीन थप्पड उसके गालो पर जड दिये और बोला ”उतार नहीं तो फाड दूंगा”। नीरा खडी हुई और अपनी साडी उतारने लगी और धीरे धीरे उसके सारे कपडे फर्श पर पडे थे और वो पुरी तरह से नंगी उसके सामने खडी थी। उसकी चूत और बगलें बालों से भरी हुई थी। वो नीरा के पास आया और उसने उसकी चूत के बालों को जाेर से पकड कर खीचते हुए बोला ”साली रंडी, जंगल भी साथ ही लेकर घूम रही है”। बाल खीचने का दर्द असेहनीये था और दर्द के वजह से नीरा की आंखो में आसू आ गये। फिर उसने अपने हाथ से नीरा के दोनो हाथ पकडे और दिवार के पास लेजाकर उसके हाथ उपर कर दिये। फिर वो बेतहाशा उसके गालों को, होठो को, स्तनों को, चूचों को और उसकी बगलों को बुरी तरह से चुमने और चाटने लगा। नीरा का पुरा शरीर उसके चाटने की वजह से गीला हो चुका था। फिर उसने जोर से नीरा को बेड पर पटक दिया और और जनवरों की तरह उसके पुरे शरीर को काटने लगा। नीरा दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी लेकिन उसे उसके चीखने की कोई प्रवाह नहीं थी जैसे वहा उसे कोई सुनने वाला ही नहीं था। उसने उसकी चूचों को उसके गालों को उसकी कमर को अपने दांतो से बुरी तरह से काटा की उसके दांत के निशान उसके गोरे गोरे बदन पर साफ देखे जा सकते थे। फिर वो उसकी चूत के पास आया और उसकी बालो भरी चूत को अपनी चूत से बेतहाशा चाटने लगा। उसकी इस हरकत से नीरा की चूत भी पानी छोडने लगी थी जो की अब तक इस तरह के अहसास से अनजान थी। फिर उसने एक ही झटके में अपनी तीन उंगली उसकी चूत के अन्दर घूसेड दी और जोर जोर से उसकी चूत को सहलाने लगा। नीरा का दर्द के मारे बुरा हाल था और उसकी इस हरकत से उसकी चूत से खून निकलने लगा था। फिर उसने अपना लंड उसकी चूत के आगे रखा और एक ही झटके में उसकी चूत में उतार दिया। नीरा का दर्द के मारे बुरा हाल था और उसने उसकी पीठ को जोर से पकडा लिये जिससे उसके नाखून के निशान उसकी पीठ पर छप गये। अब वो तेजी के साथ उसकी चूत को चौदने लगा। हर झटके के साथ नीरा का पुरा शरीर आगे जाता और फिर पीछे आता। हर झटके के साथ नीरा की सिसकिये और भी ज्यादा तेज होती जा रही थी। उसने लगभग आधे घंटे तक इसी तरह नीरा को चौदा फिर उसने नीरा को उलट किया और अपनी उंगली नीरा की गांड के अन्दर बाहर करने लगा। नीरा को समझ नहीं आ रहा था की वो उसकी गांड के साथ क्या करना चाहता है। उनकी उसकी उंगली से उसकी गांड में बहुत दर्द हो रहा था और वो लगतार ”नही नही नही” बडबडा रही थी। फिर उसने अपना लंड नीरा की गांड में घूसेड दिया और जैस ही उसका लंड ने उसकी गांड फाडी दर्द के मारे नीरा को लगा की उसकी जान ही निकल जायेगी। अब वो गला फाड फाड के रोने लगी। अब वो उसकी गांड को अन्दर बाहर करके चौदने लगा। काफी देर तक उसकी गांड को चौदने के बाद उसने फिर से अपना लंड बाहर निकला और बेड पर लेट गया और नीरा को अपने उपर बैठ कर अपना लंड फिर से उसकी चूत में बेठा दिया। अब वो नीचे से जोर जोर से झटके देकर नीरा को चौदन लगा और हर झटके के साथ नीरा का शरीर उपर उछल जाता और फिर नीचे आता और फिर उपर उछल जाता और फिर नीचे आता। अब तक नीरा दर्द के मारे लगभग अपने होश गवा चूकी थी और वो किसी गुडिया की तरह उसके हाथ का खिलौना बन चुकी थी। काफी देर इसी तरह नीरा को चौदने के बाद उसने झट से उसे नीचे पटका और अपना लंड उसके मुह में डालकर उसे तेज से अन्दर बाहर करने लगा और फिर उसने अपना सारा माल उसके मुह में उतार दिया तो कि सीधे ही नीरा के गले के नीचे उतर गया। अब वो दोनो बेड पर निढाल होकर पड गये। सुबह जब नीरा की आंख खुली तो वो कमरे में बिल्कुल अकेली थी उसने झट से अपने कपडे पहने और होटल से बाहर निकल आई और रोड पर खडी होकर टैक्सी का इंतजार करने लगी लेकिन रात को जो भी हुआ वो अभी भी उसकी आंखो के सामने घूम रहा था।

Thursday, 30 March 2017

कामवाली को पटाया

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम किशन हैं नई दील्ली का रहनेवाला हूँ और इस साईट का बड़ा फेन हूँ. कम समय में यहाँ पर मेरी पसंद की कहानियां पढ़ के अब मैं यहाँ रोज आता हूँ. एक दिन मैं सोचा की क्यूँ ना अपनी कहानी भी आप लोगों को बताऊँ. मैं 23 साल का हूँ और यह कहानी मेरी और मेरी कामवाली की हैं. बहुत ही नशीली आँखे थी उसकी, मैंने तय किया कि इस रांड की चूत लेनी है पर पटा के.. एक मस्त kaamwali sex story पढ़िए..

उसका नाम सरोज हैं, उसकी उम्र 20 के करीब थी और वो तब वर्जिन थी. दोस्तों सरोज का फिगर बड़ा ही सेक्सी था और उसकी पतली कमर और थोड़ी बड़ी गांड देख के मेरा मन डोलने लगता था.

मेरा मन तो करता था की साली को पकड के पेल दूँ जब वो झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी और उसकी गांड पीछे बहार निकलती थी.

एक दिन की बात हैं जब मेरे घर पर मेरे अलावा कोई नहीं था और मैं लेपटोप के ऊपर बैठ के काम कर रहा था. तभी सरोज आई कमरे में झाड़ू लगाने के लिए. आज उसने स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था (फेशन वाला नहीं लेकिन जो गरीब घर की लड़कियां पहनती हैं सस्ते वाला). उसने रूम में झाड़ू लगाना चालू किया और मेरे हाथ लंड सहलाने लगे. उसके टॉप के पीछे उसकी काली ब्रा दिख रही थी जिसे देख के मैं लंड को और भी सहलाने लगा. मन तो किया की उसे जकड़ लूँ अपनी बाँहों के अंदर लेकिन ऐसा नहीं किया मैंने. और फिर वो कमरे से चली गई.

मैंने कुछ सोचा और सरोज को आवाज दी. वो रूम में आये उसके पहले मैं छिप गया. वो रूम में मुझे देखने लगी. वो आगे बढ़ी और मैंने पीछे से आके अपने हाथ उसकी आँखों पर रख दिए. मैं उसके कान के पास गया और उसे हलके से कहा, सरोज आई लव यु. उसने गुस्से से मेरे हाथो को हटा दिया और चली गई रूम से. मैं उसके पीछे गया और उसके पास माफ़ी मांगने लगा.

सरोज ने कहा की आप माफ़ी क्यूँ मांग रहे हो.

मैंने कहा की तुम नाराज हो इसलिए.

मैं नाराज नहीं हूँ, बस सोच रही हु जवाब देने का.

मैंने कहा, हां कह दो ना डार्लिंग.

उसने थोडा आगे जाके पीछे मूड के देखा और फिर नजाकत से मुंडी हिला के हाँ कह दिया. मैंने उसे फट से हग कर लिया और उसकी चूत के ऊपर मेरे गरम लंड का अहसास देने लगा. वो निचे भाग गई और मैंने अपने आप से कहा, की कहाँ तक भागोंगी मेरे लंड से पेलूँगा मैं जरुर तुम्हें.

बस उस दिन से हमारा प्यार स्टार्ट हो गया. हम अक्सर मेरे रूम में हग करते और मैं उसे सस्ते से गिफ्ट देने लगा. फिर मैंने उसे एक नोकिया का फोन भी पर्चेस कर के दे दिया और मैं उसे फोन करने लगा. वो फोन को अपने बूब्स कके ऊपर ब्लाउज के अंदर छिपा के घर ले जाती थी. उसने कहा की अगर किसी ने फोन देखा तो पंगे हो सकते थे. मैंने उसे कहा की हमेंशा फोन को साइलेंट ही रखे. हम रोज 10-15 मिनिट बात करते थे और मैं उसके बदन की खासकर उसकी गांड और बूब्स की तारीफ़ करता था. पहले तो वो शर्माती थी लेकिन अब वो भी थोड़ी गंदी बातें करने लगी थी मुझ से.

और मौके वाला दिन आ ही गया. एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था और मैं ऊपर अपने कमरे में बेड में सोया था. तभी सरोज आई और उसने मुझे कन्धा पकड के हिलाया. मैंने उसका हाथ पकड़ के उसे अपने बेड में खिंच लिया. उसके बूब्स मेरे मुहं के सामने थे और उसके ब्लाउज के ऊपर से आधे बूब्स बहार लटक गए थे जैसे.

उसने कहा, क्या कर रहे हो किशन?
हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम किशन हैं नई दील्ली का रहनेवाला हूँ और इस साईट का बड़ा फेन हूँ. कम समय में यहाँ पर मेरी पसंद की कहानियां पढ़ के अब मैं यहाँ रोज आता हूँ. एक दिन मैं सोचा की क्यूँ ना अपनी कहानी भी आप लोगों को बताऊँ. मैं 23 साल का हूँ और यह कहानी मेरी और मेरी कामवाली की हैं. बहुत ही नशीली आँखे थी उसकी, मैंने तय किया कि इस रांड की चूत लेनी है पर पटा के.. एक मस्त kaamwali sex story पढ़िए..

उसका नाम सरोज हैं, उसकी उम्र 20 के करीब थी और वो तब वर्जिन थी. दोस्तों सरोज का फिगर बड़ा ही सेक्सी था और उसकी पतली कमर और थोड़ी बड़ी गांड देख के मेरा मन डोलने लगता था.

मेरा मन तो करता था की साली को पकड के पेल दूँ जब वो झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी और उसकी गांड पीछे बहार निकलती थी.

एक दिन की बात हैं जब मेरे घर पर मेरे अलावा कोई नहीं था और मैं लेपटोप के ऊपर बैठ के काम कर रहा था. तभी सरोज आई कमरे में झाड़ू लगाने के लिए. आज उसने स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था (फेशन वाला नहीं लेकिन जो गरीब घर की लड़कियां पहनती हैं सस्ते वाला). उसने रूम में झाड़ू लगाना चालू किया और मेरे हाथ लंड सहलाने लगे. उसके टॉप के पीछे उसकी काली ब्रा दिख रही थी जिसे देख के मैं लंड को और भी सहलाने लगा. मन तो किया की उसे जकड़ लूँ अपनी बाँहों के अंदर लेकिन ऐसा नहीं किया मैंने. और फिर वो कमरे से चली गई.

मैंने कुछ सोचा और सरोज को आवाज दी. वो रूम में आये उसके पहले मैं छिप गया. वो रूम में मुझे देखने लगी. वो आगे बढ़ी और मैंने पीछे से आके अपने हाथ उसकी आँखों पर रख दिए. मैं उसके कान के पास गया और उसे हलके से कहा, सरोज आई लव यु. उसने गुस्से से मेरे हाथो को हटा दिया और चली गई रूम से. मैं उसके पीछे गया और उसके पास माफ़ी मांगने लगा.

सरोज ने कहा की आप माफ़ी क्यूँ मांग रहे हो.

मैंने कहा की तुम नाराज हो इसलिए.

मैं नाराज नहीं हूँ, बस सोच रही हु जवाब देने का.

मैंने कहा, हां कह दो ना डार्लिंग.

उसने थोडा आगे जाके पीछे मूड के देखा और फिर नजाकत से मुंडी हिला के हाँ कह दिया. मैंने उसे फट से हग कर लिया और उसकी चूत के ऊपर मेरे गरम लंड का अहसास देने लगा. वो निचे भाग गई और मैंने अपने आप से कहा, की कहाँ तक भागोंगी मेरे लंड से पेलूँगा मैं जरुर तुम्हें.

बस उस दिन से हमारा प्यार स्टार्ट हो गया. हम अक्सर मेरे रूम में हग करते और मैं उसे सस्ते से गिफ्ट देने लगा. फिर मैंने उसे एक नोकिया का फोन भी पर्चेस कर के दे दिया और मैं उसे फोन करने लगा. वो फोन को अपने बूब्स कके ऊपर ब्लाउज के अंदर छिपा के घर ले जाती थी. उसने कहा की अगर किसी ने फोन देखा तो पंगे हो सकते थे. मैंने उसे कहा की हमेंशा फोन को साइलेंट ही रखे. हम रोज 10-15 मिनिट बात करते थे और मैं उसके बदन की खासकर उसकी गांड और बूब्स की तारीफ़ करता था. पहले तो वो शर्माती थी लेकिन अब वो भी थोड़ी गंदी बातें करने लगी थी मुझ से.

और मौके वाला दिन आ ही गया. एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था और मैं ऊपर अपने कमरे में बेड में सोया था. तभी सरोज आई और उसने मुझे कन्धा पकड के हिलाया. मैंने उसका हाथ पकड़ के उसे अपने बेड में खिंच लिया. उसके बूब्स मेरे मुहं के सामने थे और उसके ब्लाउज के ऊपर से आधे बूब्स बहार लटक गए थे जैसे.

उसने कहा, क्या कर रहे हो किशन?


कामवाली जान बन गयी..

मैं हंस के कहा, अपना हक ले रहा हूँ मेरी जान.

अरे इसकी क्या जरुरत हैं, कोई देख लेगा तो गजब हो जायेंगा.

ऐ घर में कोई होगा तब देखेंगा ना, और मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए. सरोज भी रिस्पोंस देने लगी और मुझे चूसने लगी. मैंने पहले उसके ऊपर के होंठ को चखा और फिर निचे के होंठ के ऊपर कस के किस दे दी. सरोज की साँसे मेरी साँसों से टकराने लगी थी. मेरे हाथ उसकी गर्दन के पीछे और दूसरा हाथ कमर के ऊपर था. अब मैंने एक हाथ से उसको कमर से पकड़ा और दुसरे हाथ को धीरे से उसके बूब्स पर ले गया. ब्लाउज में बूब्स ऐसे भरे थे जैसे उन्हें ठूंस ठूंस के भरा गया था. सरोज आह आह करने लगी और मैं उसके बूब्स को मसलने लगा. सरोज के मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी और मैंने उसे और भी जोर से बाहों में दबोच लिया ताकि वो अपनेआप को छुड़ा ना सकें. वो भी मुझे जोर जोर से चूम रही थी होंठो पर और उसके हाथ मेरे गले में थे. मैंने अब हाथ को ब्लाउज के ऊपर से ही अंदर किया और अंदर रखे मोबाइल को निकाल के निचे बेड पर फेंका. अब मैं हाथ से उसकी बूब्स की त्वचा को मसलने लगा. सरोज की सिसकियाँ बढ़ने लगी थी अब…!

मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और उसकी लाल ब्रा में उसके बूब्स दिखने लगे. मैं बूब्स देख के और भी गरम हो गया और ब्रा को मैं पीछे से खोल दिया. सरोज ने अपने हाथ से बूब्स को ढंकने का प्रयास किया लेकिन वो मेरे हाथ को रोक नहीं पाई बूब्स का पर्दा हटाने से. मैंने उसके हाथ पकड लिए औ उसके जवान चुन्चो को मैं अपने अपनी जबान से जोर जोर से चाटने लगा. सरोज की सिसकियाँ और भी बढ़ गई. अब मैंने उसके बाकी के कपडे भी उतार दिए और उसे बेड में फेंक दिया. सरोज अपनी चूत को हाथ से छिपा रही थी. मैंने जैसे ही अपने कपडे खोले वो मेरे लंड की और देखने लगी.

अब मैं भी नंगा हो के बेड में आ गया. मैंने अपना लंड उसके मुहं के पास रखा और 69 पोजीशन बना ली. मैं उसकी चूत में अपना मुहं डाल के चूसने लगा और सरोज मेरे सुपाड़ें को चूसने लगी. बहुत मजा आ रहा था उसके लंड को चूसने से. और फिर उसने हिम्मत कर के अपने मुहं में लंड को पूरा ले लिया. मेरे बदन में जैसे की करंट का झटका दौड़ गया. सरोज अब मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत की को चटवाने लगी. मैंने अब अपनी एक ऊँगली चूत के छेद पार रख दी और उसे सहलाते हुए अपनी जबान से चाटने लगा. सरोज सिसकियाँ उठी और लंड को गले तक लेके चूसने लगी. मैंने ऊँगली उसकी चूत में डाली और उसकी चूत के रस को बहार निकाल कर चखने लगा. उसकी चूतबहुत ही खारी थी और उसे चाटने का मजा ही कुछ और था. सरोज अब हद से ज्यादा कामुक हो गई थी और उसने अब अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिसना चालू किया. उसकी चूत के कटे हुए बाल घिस रहे थे और मैं जबान को चूत के अंदर ही दबा के हिला रहा था. और सरोज की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. मैंने उसका पानी पी लिया और उठ गया. अब मैंने अपने हाथ से उसका मुहं पकड़ा और मैं उसके मुहं में लंड से झटके देने लगा. वो भी होंठो से लंड को कस के दबाए हुए थी जिस से दो मिनिट में ही मेरी भी छुट हो गई. सरोज ने सभी वीर्य को अपने गले के निचे उतार लिया.

कामवाली जान बन गयी..

मैं हंस के कहा, अपना हक ले रहा हूँ मेरी जान.

अरे इसकी क्या जरुरत हैं, कोई देख लेगा तो गजब हो जायेंगा.

ऐ घर में कोई होगा तब देखेंगा ना, और मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए. सरोज भी रिस्पोंस देने लगी और मुझे चूसने लगी. मैंने पहले उसके ऊपर के होंठ को चखा और फिर निचे के होंठ के ऊपर कस के किस दे दी. सरोज की साँसे मेरी साँसों से टकराने लगी थी. मेरे हाथ उसकी गर्दन के पीछे और दूसरा हाथ कमर के ऊपर था. अब मैंने एक हाथ से उसको कमर से पकड़ा और दुसरे हाथ को धीरे से उसके बूब्स पर ले गया. ब्लाउज में बूब्स ऐसे भरे थे जैसे उन्हें ठूंस ठूंस के भरा गया था. सरोज आह आह करने लगी और मैं उसके बूब्स को मसलने लगा. सरोज के मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी और मैंने उसे और भी जोर से बाहों में दबोच लिया ताकि वो अपनेआप को छुड़ा ना सकें. वो भी मुझे जोर जोर से चूम रही थी होंठो पर और उसके हाथ मेरे गले में थे. मैंने अब हाथ को ब्लाउज के ऊपर से ही अंदर किया और अंदर रखे मोबाइल को निकाल के निचे बेड पर फेंका. अब मैं हाथ से उसकी बूब्स की त्वचा को मसलने लगा. सरोज की सिसकियाँ बढ़ने लगी थी अब…!

मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और उसकी लाल ब्रा में उसके बूब्स दिखने लगे. मैं बूब्स देख के और भी गरम हो गया और ब्रा को मैं पीछे से खोल दिया. सरोज ने अपने हाथ से बूब्स को ढंकने का प्रयास किया लेकिन वो मेरे हाथ को रोक नहीं पाई बूब्स का पर्दा हटाने से. मैंने उसके हाथ पकड लिए औ उसके जवान चुन्चो को मैं अपने अपनी जबान से जोर जोर से चाटने लगा. सरोज की सिसकियाँ और भी बढ़ गई. अब मैंने उसके बाकी के कपडे भी उतार दिए और उसे बेड में फेंक दिया. सरोज अपनी चूत को हाथ से छिपा रही थी. मैंने जैसे ही अपने कपडे खोले वो मेरे लंड की और देखने लगी.

अब मैं भी नंगा हो के बेड में आ गया. मैंने अपना लंड उसके मुहं के पास रखा और 69 पोजीशन बना ली. मैं उसकी चूत में अपना मुहं डाल के चूसने लगा और सरोज मेरे सुपाड़ें को चूसने लगी. बहुत मजा आ रहा था उसके लंड को चूसने से. और फिर उसने हिम्मत कर के अपने मुहं में लंड को पूरा ले लिया. मेरे बदन में जैसे की करंट का झटका दौड़ गया. सरोज अब मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत की को चटवाने लगी. मैंने अब अपनी एक ऊँगली चूत के छेद पार रख दी और उसे सहलाते हुए अपनी जबान से चाटने लगा. सरोज सिसकियाँ उठी और लंड को गले तक लेके चूसने लगी. मैंने ऊँगली उसकी चूत में डाली और उसकी चूत के रस को बहार निकाल कर चखने लगा. उसकी चूतबहुत ही खारी थी और उसे चाटने का मजा ही कुछ और था. सरोज अब हद से ज्यादा कामुक हो गई थी और उसने अब अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिसना चालू किया. उसकी चूत के कटे हुए बाल घिस रहे थे और मैं जबान को चूत के अंदर ही दबा के हिला रहा था. और सरोज की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. मैंने उसका पानी पी लिया और उठ गया. अब मैंने अपने हाथ से उसका मुहं पकड़ा और मैं उसके मुहं में लंड से झटके देने लगा. वो भी होंठो से लंड को कस के दबाए हुए थी जिस से दो मिनिट में ही मेरी भी छुट हो गई. सरोज ने सभी वीर्य को अपने गले के निचे उतार लिया.

हम दोनों ही बेड में नंगे लेट गए. वो मेरे सामने देख के हंस रही थी और मैं उसके पेट के ऊपर सो गया. फिर मैंने उसके बूब्स को मसलना चालू किया. सरोज भी मेरे सोये हुए लंड को सहलाने लगी और उसे खड़ा कर दिया. लंड खड़ा हो गया और सरोज उसे मुठ्ठी में दबाती रही.

फिर वो बोली, अब इस राजा को उसके महल में डाल दो ना किशन.

मैं फट से उठा और उसकी टाँगे फैला के उसके बिच में बैठ गया. उसकी टाईट चूत के ऊपर अपना लंड रख के मैंने एक झटका दिया और उसकी चूत से खून निकल के लंड को मैला करने लगा. सरोज रोने लगी, बाप रे मर गई, बहुत दर्द हो रहाआआआआ है मुझेईईईईईईईईईस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सईईई….!

मैंने उसकी आवाज को अनसुना कर दिया और उसी वक्त और एक झटके में लंड को आधे से ज्यादा चूत में परो दिया. चूत से खून निकल के चद्दर को ख़राब करने लगा. सरोज अभी भी कराह रही थी. मैंने उसके दर्द को कम करने के लिए उसके निपल्स को चुसना चालू कर दिया. सरोज के हाथ अब मेरे बालों में थे और वो उसे सहला रही थी.

उसकी चूत में अब दर्द कम हो गया और मैं धीरे धीरे उसकी चूत में अपने लंड को अंदर बहार करने लगा. सरोज अब जरा भी सिसकियाँ नहीं ले रही थी और उसका दर्द गायब हो चूका था. वो अपनी गांड को धीरे धीरे हिला रही थी और मुझे सेक्स का मजा दे रही थी. मैंने उसकी दोनों निपल्स को चूसा बारी बारी और अपने लंड को चूत के अंदर बहार करने लगा. सरोज भी अपनी गांड को हिलाने लगी और फिर से मेरे लंड पर उसने चूत को रगड़ना चालू किया. मैंने उसे कमर के पास से पकड़ा और अपनी चुदाई एक्सप्रेस चालू कर दी. मैं जोर जोर से अपना लंड अंदर बहार करने लगा और सरोज भी उतनी ही गति से चूत को घिसने लगी मेरे लंड पर. हम दोनों ही सेक्स के असीम सागर में गोते लगा रहे थे.

सरोज की टाँगे अब मैंने उठा के अपने कंधो आर रख दी और उसे फिर से दर्द का अहसास हुआ लेकिन वो भी अब जानती थी की दर्द कुछ देर के लिए ही होता हैं सेक्स के अंदर. मैं उसकी चूत में अंडकोष तक लंड डालने लगा और वो एक मिनिट में एडजस्ट हो गई उसके साथ. वो भी लंड  को मजे देने के लिए अपनी चूत रगड़ने लगी उतनी ही गति से.

मेरे लंड से तभी वीर्य निकल के उसकी चूत पर गिरने लगा. वीर्य की धार निचे गांड की और भी गई थी क्यूंकि दूसरी बार की चुदाई में वीर्य उतना गाढ़ा नहीं रहता हैं. सरोज भी तृप्त हो गई थी. हमने खड़े हो के कपडे पहने और वो खून वाली चद्दर को धोने के लिए चली गई. जब वो बाथरूम से वापस आई तो मैंने उसे पोर्न मूवी दिखाई अपने लेपटोप के ऊपर. और हमने वही दिवार के साथ लग के खड़े खड़े चुदाई की. सरोज बहुत खुश हैं मेरे से आज भी. यह घटना को तो अब दो साल हो गए हैं लेकिन आज भी वो मेरे लंड से उतना ही प्यार करती हैं…! पिछले साल उसकी शादी हो गई और वो ब्याह के अपने ससुराल चली गई. उसकी जगह उसकी छोटी बहन रजनी काम पर आती हैं, मैं सोचता हूँ की सरोज की मदद से उसकी चूत का ढक्कन भी खोल दूँ…!

———समाप्त———

सरोज तो गयीर अब उसकी छोटी बहन पे मेरी नज़र है, देखते क्याता है. उम्मीद है आपको ये kaamwali sex story  पसंद आई हो..

Wednesday, 29 March 2017

इकोनॉमिक्स की मेम

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम विजय है मैं एक मध्यम बांधे का गेहूँवन का लड़का हूँ, मेरी उम्र 21 साल है | मैं आज आपको मैंने अपनी इकोनॉमिकस की टीचर की चुदाई की तब की कहानी बताऊंगा, टीचर क्या थी जैसे कॉलेज की स्टूडेंट हो.. कमसिन, शानदार फिगर और क्या सूरत. आह..याद दिला दी आपने | लो अब मेरी ये teacher sexy kahani पढ़िए.

यह टीचर का नाम स्वाति है | वैसे तो मैं कोलेज के पिछले दो सालो मैं कितनी ही इंडियन औरत और इंडियन गर्ल्स की चुदाई कर चूका था लेकिन मेरे लिए यह इंडियन चूत बहुत अलग थी और यह इंडियन चूत शायद मैं जिंदगी भर याद रखूँगा |

हमारे कोलेज मैं स्वाति मेम का पहेला दिन मुझे आज भी याद है, वह किसी कोलेज गर्ल के जैसी ही लाग रही थी और यही धोखा सभी को हुआ था, कितनो ने तो उस दिन इस इंडियन सेक्सी लड़की को पटाने के तरीके भी सोचे थे, लेकिन जब पता चला की यह तो नई नई पढाई ख़त्म कर के बनी हुई प्रोफ़ेसर है तो कितनो के दील टूट गए थे | वैसे इस इंडियन सेक्सी मेडम के क्लास को कोई मिस नहीं करता था और लड़के तो कभी नहीं….! एकाद महिना हो गया इस सेक्स बम को क्लास में पढ़ाते हुए और उसकी और मेरी अच्छी जमने लगी थी, वोह अक्सर मुझे अपने पर्सनल काम के लिए बुलाती थी, लेकिन आज तक इसने मुझे अपने घर नहीं बुलाया था किसी भी काम से….उसके सारे काम स्टाफ रुम स्टेशनरी वगेरह के ही रहेते थे | मैं मनोमन सोचने लगा बस एक बार चांस दे दो तुम्हारी इंडियन चूत बजा ना दूँ तो मेरा नाम भी विजय नहीं |

उस दिन सुबह सवेरे मेरी किस्मत खुल गई, स्वाति मेडम ने मुझे केंटिन के बहार ही पकड़ा और कहा, “विजय आज मेरे घर आओगे. मुझे घर पे कुछ काम है ?”

मेरे मन मे लड्डू फूटने लगे थे, मैंने कहाँ, “जरुर मेडम, पर मैंने आपका घर नहीं देखा है….!”

स्वाति मेडम, “एक काम करेंगे, शाम को मैं तुम्हे अपनी स्कूटी पर ही लिफ्ट दे दूंगी”

दोपहर ही हुई थी और मेरे लिए एक एक पल निकालना भारी था, मैंने बाथरूम जा के एक बार लंड को अपने हाथ में लेकर इंडियन पोर्नस्टार सनी लियॉन और स्वाति मेडम के साथ थ्रीसम के ख़याल करते हुए हस्तमैथुन कर दियां | लंड एक घंटे में फिर से मुझे हेरान कर रहा था, मैं सोच रहा था की कब मैं मेडम के साथ जाऊं और कोई चांस शायद निकल आयें | शाम उस दिन बहुत देर से हुई, आखिर कार शाम के कुछ 5 बजे स्वाति मेडम लायब्रेरी से निकली और बोली, “चलो विजय”

उसने अपनी स्कूटी निकाली और वह अपने गोल गोल कूले इस स्कूटी की सिट पर रख के बैठ गई, मैं पीछे बैठ गया | मेरी नजर कभी उसके कूलों पर पड़ती तो कभी उसके कंधो पर, साड़ी के ब्लाउज़ के उपर के भाग में इस इंडियन टीचर के गोरे कंधे का भी अपना नशा था, मेरा लंड अब फिर से पेंट में ऊँचा हो रहा था | हम लोग मेईन मार्केट से होते हुए निकले और रास्ते में गर्दी होने के कारण कई बार ब्रेक लगाना पड़ा, मेरे दिमाग में शैतानी सूझी और मैं धीरे से आगे सरक गया, अब जब भी मेडम ब्रेक लगाती वह ना चाहते हुए भी मुझ से अपनी कमर टकरा देती थी | उसका घर आ गया और हम निचे उतरे, मेरा लंड मेरी जींस में भी काट रहा था |
economics ki mam teacher sexy kahani

इकोनॉमिक्स की कामुक टीचर

घर में दाखिल होते ही मेडम ने कहा, “मेरे मम्मी डेडी दो दिन से इंदोर गए है और मेरे पीसी मेरे डेड के पीसी में शायद वायरस आ गया है तो मुझे वह ठीक करवाना था तूम से | मैंने तुम्हे अक्सर लायब्रेरी के पीसी पर देखा है और सोचा की तूम यह कर लोगे |”

मैंने कहा, “देखते है मेडम…!”

उसने मुझे पीसी पर से कवर हटा के दिया और मैं वही कुर्सी में बैठकर पीसी चालू कर के चेक करने लगा, स्केन के रिज़ल्ट देख के मेरी आँखे खुली रह गई, मेडम ने उस पे हिंदी सेक्स स्टोरीस और वीडियो ही नहीं बल्क़ि पोर्न वीडियो वाली साइटें भी खोली थी और उसके डेड ने की हुई सेटिंग की वजह से फायरवाल ने इंटरनेट डिसेबल कर दिया था | मुझे लगा, इसमें इस इंडियन प्रोफ़ेसर की क्या गलती है…..हरेक जवान लड़की को चुदाई के अरमान होते है | लेकिन जब मैंने इन लिंक्स को देखा तो चोंक जरुर गया क्यूंकि इनमे गेंगबेंग और डीपथ्रोट के भी लिंक थे | मैंने लिंक डिलीट नहीं किये लेकिन सेटिंग चेंज कर के पीसी को सही कर दिया | स्वाति मेडम तभी चाय ले कर रूम में आई, मैंने उसे कहा, “यह हो गया है मेडम…आप चेक कर लो |”

मेडम निचे बैठी मेरी नजर अब उसके भारी इंडियन चुंचो पर थी, मैंने उसे कहा, “आप इंटरनेट ओन कर के देख लो”….मैं अभी भी उसके चुंचे ही देख रहा था….!

मेडम बोली, “विजय क्या देख रहे हो |”

मैं हडबडा गया और बोला, “कुछ नहीं मेडम”

अब मेडम जो बोली वह मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, उसने कहा, “खोल के दिखाऊं”

मैं हक्काबक्का था पर मेडम तो सच कहे रही थी क्यूंकि उसने तुरंत अपना ब्लाउज मुझे दिखाते हुए साडी का पल्लू एक तरफ कर दिया, उसके जवान चुंचे 34 की साइज़ के तो होंगे ही और वह बदन पर एकदम लचे हुए थे | मेडम और मेरी आँखे मिली और उसकी आँखों में मुझे वासना का कीड़ा नजर आ गया | मैं भी अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और उसके समीप जा कर मैंने उसके बड़े बड़े चुन्चो को हाथ में लेकर दबाने लगा | मेडम का एक एक चुंचा ढाई किलो का था और मेरे हाथ में नहीं आ रहा था, मैं अब दोनों इंडियन देसी स्तन को हाथ में ले कर दबाने लगा | मेडम ने अब ब्लाउज खोल दिया और साड़ी और एक एक कर के अपने सारे कपडे उतार दियें, मेरा लंड पेंट के अंदर ही उछल पड़ा, क्या साफ़ चूत थी यारो हलकी गुलाबी और उसके उपर बड़े बड़े दो लिप्स |

मैंने अपना हाथ अब मेडम के चूत के उपर रख दियां और मैं उसकी चूत को सहेलाने लगा, मेडम ने अब धीमे से मेरे शर्ट के बटन बिलकुल सेक्सी तरीके से खोलने शरु कर दियें, उसका हाथ शर्ट खोलने के बाद उसका हाथ मेरे लंड के उपर जींस निकालेबिना आ गया और वोह उसे दबाते हुए बोली, “विजय बंदूक तो बड़ी है तुम्हारी, गोलियां निकली है कभी इस से…!”

मेडम को ऐसा बोलते सुनके मुझे अजीब और उत्तेजक दोनों एक साथ लगा, मैं कुछ बोला नहीं और उसे जोर से अपने आगोश में ले दबोचा, मेडम के सेक्सी इंडियन चुंचे मेरे छाती से टकराने लगे और मैं जैसे उन्हें अपनी छाती से दबाता था मेडम के मुहं से आहिस्ता आहिस्ता सिसकारियाँ निकलती थी | मैंने अब धीमे से अपनी जींस निकाल दी और स्वाति मेडम तुरंत अपना हाथ मेरे लंड के उपर ले गई, उसने अंडरवेर उतारने का भी वक्त नहीं दिया और वह लंड को उपर से ही सहलाने लग पड़ी, मुझे उसके प्रत्येक स्पर्श से अलग ही रोमांच आ रहा था, अब मेडम ने मेरी चड्डी खोल दी और वह मेरे लंड को देख के मन ही मन हंस रही थी, उसे शायद आज अपनी साइज़ मिली थी क्यूंकि मेरा लंड बहुत ही तगड़ा था | मेडम ने मुहं खोल के आ किया और लंड को चोकोलेट बार की तरह चूसने लग गई | मैं इस सुखद आश्चर्य को कैसे हजम कर रहा था यह केवल मुझे ही पता था | मेडम इस इंडियन लोडे को जम के चूसने लग पड़ी और उसके हाथ मेरी गांड के उपर रखे हुए थे, मैंने अपना लंड मेडम के मुहं में धकेलना शरू कर दिया और मेडम चप्प्पप्प्प…चास्स्स्सस्स्स्स…..चोऊऊऊ…..चो…चो….करते हुए लंड को चुसे जा रही थी |

कॉलेज की बाई को चोदा

ये hindi sex kahani मेरे दिल के बहुत करीब है. कॉलेज में चूत की तलाश सबको रहती है पर मुझे चूत वहां मिली जहाँ मैंने सोचा नहीं था. माला बाई बहुत ही सेक्सी आइटम थी. एक बहुत ही हॉट bai sex story पेश है..

दोस्तों मेरी जिस घटना को में आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ वो करीब एक साल पहले हुई थी जब में अपने कॉलेज की क्लास में जाया करता था, लेकिन वो हमारे कॉलेज से थोड़ा दूरी पर थी और वो क्लास बहुत ही छोटी सी थी. उसमे करीब अलग अलग शिफ्ट में 100 बच्चे ही आते थे और वहां पर एक नौकरानी झाड़ू मारने के लिए आया करती थी, लेकिन वो दिखने में इतनी अच्छी नहीं थी, लेकिन उसकी नज़र बहुत कातिल थी और उसका नाम माला था. वो थोड़ी सी मोटी थी, बड़ी गांड और एक हाथ में भी ना आए इस आकार के बूब्स और वो जब झाड़ू मारती थी तो उसकी छाती बहुत आराम से दिख जाती थी और जब में उसके सामने देखता था तो वो मुझे कुछ अजीब तरीके से देखती थी. उसके चेहरे पर साफ लिखा था कि उसे कुछ चाहिए जो उसे मज़े दे सके?



तो एक दिन मुझे एक ऑनलाइन टेस्ट देना था और में सबसे पहले पहुंच गया, लेकिन हमारी क्लास के सर को उसी दिन कहीं किसी जरूरी काम से अचानक बाहर जाना था और मेरी उनसे बहुत अच्छी बनती थी. उन्होंने मुझे क्लास की चाबी दे दी क्योंकि उस दिन सिर्फ मुझे ही वहां पर सबसे पहले पहुंचना था और अपनी तैयारी करनी थी और फिर उन्होंने मुझसे बोला कि तुम टेस्ट देने के बाद लॉक कर देना और चाबी पास वाले ऑफिस में दे देना. में तो कंप्यूटर चालू करके सब कुछ देखने लगा और तभी माला आई और हाथ में अपना झाड़ू लिए उसने मुझसे पूछा कि क्यों आज साहब नहीं आए? मैंने बोला कि हाँ आज वो किसी काम से बाहर गये हुए है इसलिए वो आज नहीं आ सकते.



फिर उसने अपना काम मतलब कि झाड़ू मारना शुरू कर दिया, लेकिन अब मेरा ध्यान कंप्यूटर पर लगता ही नहीं था. में बीच बीच में उसकी तरफ देखने लगता था और अब सबसे मज़े की बात यह थी कि वो भी मुझे झाड़ू मारते मारते स्माईल देती जा रही थी. फिर कुछ देर बाद जब वो झाड़ू मारकर जा रही थी तो मैंने थोड़ी बहुत हिम्मत करके उससे पूछा कि आपका नाम क्या है?



उसने मुस्कुराकर बोला कि मेरा नाम माला है और अब उसकी आवाज़ सुनकर मेरे पूरे बदन में कुछ हो रहा था तो मैंने थोड़ी और हिम्मत करके उससे कहा कि हाँ में कब से आपका ही इंतज़ार कर रहा था? मेरे मुहं से यह बात सुनते ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो थोड़ा थोड़ा शरमाने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि अगर आपको देर ना हो रही हो तो क्या आप मुझसे थोड़ी देर बात कर सकती है? तो वो बोली कि हाँ क्यों नहीं और अब वो मेरे पास में पड़ी हुई एक बेंच पर बैठ गयी और फिर मेरे कुछ बोलने का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करने लगी.



फिर मैंने उसके बारे में सब जानकारी पूछना शुरू की और तब मुझे पता चला कि उसके पति की पिछले कुछ सालों पहले म्रत्यु हो चुकी है और वो अब अपने इकलोते बेटे के साथ रहती है और उसका बेटा करीब अब मेरी उम्र का है. दोस्तों वो जब बोलती थी तो मेरे बदन में एक आग सी लग जाती थी. मेरा मन करता था कि में इसे अभी पकड़कर चोद डालूं, लेकिन मैंने अपने आप पर बहुत काबू रखा. फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी तरफ एक और तीर मारा और मैंने उससे पूछा कि क्यों आपको आपके पति की कभी कमी महसूस नहीं होती?
college ki bai ko choda bai sex story

माला बाई की मस्त चूचियां

उसने झट से कहा कि हाँ होती तो है, लेकिन अब में क्या कर सकती हूँ? तो मैंने जल्दी से उसकी बात खत्म होते ही बोला कि में हूँ ना, में आपकी मदद करूँगा. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो मुझे बहुत ही अजीब तरीके से देखने लगी और बहुत देर तक इधर उधर की बातें करने के बाद वो बोली कि ठीक है अब में घर जाती हूँ और बाकी की बातें हम लोग कल करेंगे, लेकिन दोस्तों अब मेरा लंड मानने को तैयार ही नहीं था. उसे तो बस अब माला की चूत का रस चूसना था और अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उससे बोला दिया कि प्लीज थोड़ा और रुक जाओ ना, आपसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.



फिर उसने कहा कि वैसे भी हमने इतनी देर इतनी सारी बातें तो कर ली और अब क्या करें? मैंने बोला कि हाँ फिर भी मेरा मन नहीं मान रहा, आओ हम अंदर वाली क्लास में चलते है और फिर में उसे अंदर वाली क्लास में लेकर चला गया और फिर मैंने क्लास का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. मुझे वैसे तो बहुत डर लग रहा था कि कहीं मेरे सर आ गये तो मेरी तो आज शामत ही आ जाएगी, लेकिन मेरा माला को छोड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था और जैसा कि मैंने सबसे पहले आप सभी को बताया है कि मुझे आंटी बहुत पसंद है और उनको देखकर मुझे कुछ कुछ होने लगता है.



खेर फिर हम दोनों अंदर वाली क्लास में गये में तो उसे अचानक से पकड़कर अब जबरदस्ती चूमने लगा और उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन उसने मेरा कोई भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया और अब वो धीरे धीरे गरम हो रही थी. मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और चूमने लगा चूसने लगा. दोस्तों में आप सभी को अपने शब्दों में नहीं बता सकता कि माला के क्या रसीले होंठ थे, बहुत मजेदार, यम्मी. फिर में उसे बेंच के ऊपर बैठाकर उसके ब्लाउज पर हाथ घुमाने लगा और उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा. तो वो बस अब अपना मुहं खोलकर आहें भर रही थी और अब यह सब देखकर तो कोई भी लंड खड़ा होकर नाचने लगे.



फिर धीरे धीरे मैंने उसके ब्लाउज के एक एक बटन को खोलना शुरू किया तो मैंने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और मेरे सामने अब दो बड़े बड़े बूब्स लटक रहे थे. वाह दोस्तों क्या मस्त नज़ारा था वो में आप सभी को नहीं बता सकता में तो उसके बूब्स को मुहं में लेकर एक छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा. फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी उतार दिया तो मैंने देखा कि उसने अंदर पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी और में तो उसकी चूत देखकर अब बिल्कुल हैरान रह गया, क्योंकि मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम साफ चिकनी थी जिसे देखकर लग रहा था कि वो अपनी चूत के बालों को लगातर साफ करती है और में तो उसकी चूत को अब बिल्कुल पागल की तरह चूमने, चाटने लगा और जोश में आकर वो ज़ोर ज़ोर से आहे भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईईईईइ हाँ और ज़ोर से उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ हाँ और चूसो.



फिर में उसे घुमाकर उसकी बड़ी सी गांड को देखने लगा और अब उसके दो बड़े बड़े कूल्हे ठीक मेरी आँखो के सामने थे. में तो ज़ोर ज़ोर से उसके कूल्हों को दबाने लग गया. फिर उसे नीचे लेटाकर जब में पहली बार अपना लंड उसकी प्यासी चूत में डाल रहा था तो मैंने उससे पूछा कि क्यों यह सब ऐसे क्या सुरक्षित होगा? मेरा मतलब कि ऐसे ही बिना कंडोम के कैसे कर सकते है? तो उसने कहा कि तुम बिल्कुल सही कह रहे हो और फिर में उठकर भागकर नीचे दवाई की दुकान से एक चोकलेट फ्लेवर वाला कंडोम ले आया और मैंने उसे कंडोम दिया और कहा कि इसे मेरे लंड पर लगा दो, लेकिन वो तो मेरे लंड पर कंडोम लगाने से पहले ही मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी और फिर कुछ देर चूसने के बाद उसके लंड को छोड़ा और उस पर कंडोम लगाया. मैंने उसे ज़मीन पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रख दिए. उसकी चूत अब इतनी गीली हो चुकी थी कि बड़ी ही आसानी से मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा अंदर चला गया. अब वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और बोल रही थी कि में दस साल से राह देख रही थी कि कोई आए और मेरी चूत को फाड़ दे हाँ उह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे, आज तुम अह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी चूत को अपनी आईईईई समझकर चोदो, यह मेरी चूत आज से बस तुम्हारी है उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह माँ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे उईईईईइ माँ में बहुत सालों से में प्यासी हूँ.

Tuesday, 28 March 2017

मस्तानी भाभी की हुदाई

ये तब की कहानी है जब मई सूबा सम लड़की ताड़ते रहेता था और चाये की दुकान में सुट्टा मारता था .गर्ल्स कॉलेज के सामने बाइक लगाता था और आने जाने बाली लड़की ओ को पटाने के चक्कर में रहेता था .पर डाल कुछ गल नहीं रही थी तो सोचा क्यू न पुराना तुजुर्बा अपनाऊ .मई अपना कनेक्शन लगा दिया .अरोस परोस की जितने भी भाभी या थी उनकी करैक्टर कैसी है बगेरा बगेरा ,तोह जल्दी मुझे पता लग गया की एक भाभी है जो ये सब चिसो में एक्सपर्ट है .उसकी पति के साथ जमता नहीं और वोह बाहर लडको से चुद्वाता रहता है .मई सोचा क्यू न एक बार कोसिस करके देखू .अगर काम बन गया तो मेरा बात बन जायेगा .मई भाभी का घर का पता वोह दोस्त से ले लिया।
 पाता लगाया की भाभी की एक छोटी बेटी है ,जिसको छोरने वोह अक्सर जाया करती है .मई सोचा येही टाइम में उसके साथ बात कर लूँगा .स्कूल के बाहर उसको फॉलो करने लगा .भाबी का नाम था मल्लिका जो बाद में मुझे पता चला .देखने में बरी ही मस्त और जोली नेचर की थी .पूरा सॉलिड माल था .बाल ऑलमोस्ट घुटने तक आती थी .बूब्स भी मस्त और बोहोत बारा था।

Hindi chudai ki kahani भाभी एक दिन स्कूल के बाहर खरी थी ,तो मैंने जाके पूछा की स्कूल कितने बजे छुट्टी होगा .भाभी ने बताया ,उनोने पूछा ,”अप किसके लेने ए है ?”

मई बारा मुसीबत में पर गया ,मई बोल भी नहीं सकता की ,”तुझे पटाने के लिए आया .”तो मैंने बहाना बना दिया ,”की पास में एक लड़का रहेता है ,अज उसकी मम्मी की तबियत ख़राब है ,और घर में भी कोई नहीं है ,इसीलिए मई लेने अई हु .

फिर ऐसेही बातो बातो में मैंने उनका नंबर  पूछ डाला .पहेले तो देने में इंकार कर रही थी पर बाद में देने को राजी हो गयी तो मई सोचा चलो पहेले की बजी मर ली .

जाने के पहेले भाभी ने बोला कभी टाइम मिले तो घर भी आया करो .मेरे दिल में उम्मीद जगा ,मई सोचा अब तो मेरे काम होने से कोई रोक नहीं पायेगा
bhabhi ke sath chudai:

उसका नेक्स्ट दिन ही पोहोच गया भाभी के घर ,घर मेरे घर से बोहोत दूर नहीं था ,मई डोर का घंटी बजाया तो भाभी आके दरवाजा खोला .मुझे देख के मुस्कुरायी .मई बोला इधर से गुज़र रहा था मई सोचा अप से मिलते चालू .भाभी कहा अच्छा किया मई भी बोर हो रहा था ,आयो .मुझे सोफा पे बैठने दिया .

उनका घर एक दम मस्त था .देख लग रहा था की पति अच्छा खासा कमाता है ,घर एक दम मार्बल पत्थर से फर्निश्ड और काफी कीमती चीस से भरपूर .भाबी हाथ में सरबत का गिलास ले के आया और मेरे हाथ में पकड़ा दिया .

मल्लिका भाबी ,”तुम क्या करते हो ?”

मई ,”कुछ नहीं भाभी अभी तो कॉलेज कम्पलीट किया हु,और जॉब का तलाश कर रहा हु .अप के पास कोई काम हो गा तो बोलियेगा .

भाभी ,”मेरे पास तो बोहोत सारे काम है देबर जी ,पर अप सलारी कितना लेना चाहेंगे ?

मई ,”अप के लिए तो खुसी खुसी फ्री में कर दूंगा .

भाभी मुस्कुराते हुए ,”ऐसी बात है क्या ?

मई बोला अप बोल के तो देखिये .

भाभी और पूछा ,”तुम्हारा सादी हो गया है ?

मई ,”अब बेकार लड़के को कौन अपना लड़की पकराएगा

भाभी .’क्यू तुम्हारा कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है .तुम तो हैण्ड सम भी हो

मई ,’था न पर अब नहीं है ,ब्रेक उप हो गया है एक साल हुआ .क्या करू झूट बोलना परा .इज्जत की सवाल था .

भाभी बोला कभी गर्ल फ्रेंड के साथ कुछ किया एक्सपीरियंस है ,

मई बोला वोह ज्यादा हाथ नहीं लगाने देता है ,बोहोत टाइम इसी दौरान उसके साथ मेरा बात नहीं होती थी .

भाभी मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलने लगी ,मई तुम्हे करने दूंगी तो क्या करोगे मेरे साथ बताओ .

मेरे lund खड़ा हो गया था ,ऐसे गरमा गरम बाते सुनके सायद इसकी भनक भाभी को लग गया था .मई बोला ,”अप जो भी करवाना चाहते हो ,अप एक बार हुकुम कर के तो देखिये .

भाभी मेरे जीन्स की चैन पे हाथ बुला रहा था ,

भाभी ,”तुम्हारा तो काफी बारा मालूम परता है .आंख मारते हुए कहा अज ये चाहिए मेरे अंदर .

भाभी में जीन्स से बेल्ट को खोल दिया ,और jockey को निचे कर दिया मेरे  9 इंच का लुंड उसके सामने आ गया और वोह मु में लेके चूसने लागा जोर जोर से .

सोफा में बैठे बैठे ही मई चुसवा रहा था मेरा लंड .वोह बारे प्यार से मेरी लंड को मु में ले रहा था .

फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी मेरा लंड चूसो, तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर बहुत ज़ोर-ज़ोर से चुसकी लगानी शुरू कर दी। अब मेरा लंड तनकर 8 इंच लंबा हो गया था। फिर भाभी मेरा लंड देखकर हैरान हो गयी और बोली कि हाईईईईईईईई इतना बड़ा तो तुम्हारे भैया का भी नहीं है, में इसे कैसे लूँगी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा भाभी आराम से चला जाएगा, तुम तो बस अपने पैर फैलाकर लेट जाओ। फिर उन्होंने ऐसा ही किया और अपने पैर फैलाए और लेट गयी।

फिर मैंने भाभी की पेंटी उतारी, तो हाईईईईई में मर जाऊं, क्या गुलाबी चूत थी मेरी प्यारी भाभी की? एकदम गुलाब की पंखुडियों की तरह उनकी चूत के गुलाबी होंठ थे। फिर जब मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ रखा तो उनकी चूत एकदम से फड़फडा उठी और भाभी ने तेज़ सिसकारी ली, हाईईईईई, सीईई, हाईईईईईईईईईई और उनकी चूत का मुँह बार-बार खुलने और बंद होने लगा। अब उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि उनकी चूत मेरे लंड को निमंत्रण दे रही हो और कह रही हो कि आ जाओ मेरे राजा और मुझमें पूरा समा जा। अब उनकी चूत की ऐसी हालत देखकर मेरा लंड भी फड़फडा उठा और झटके खाने लगा था।

फिर पहले मैंने भाभी की चूत पर अपने होंठ रखे और उसे चूसना शुरू कर दिया। अब उनकी चूत भी जैसे मेरे होंठो का किस ले रही थी और बार-बार मेरे होंठो पर कस जाती थी। फिर मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत में घुसा दी, हाए क्या नमकीन चूत थी? उफफ्फ़ अब में तो जैसे स्वर्ग में था। फिर भाभी ने कसकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और अपनी गांड उछलाने लगी और तेज-तेज साँसे लेने लगी और फिर अचानक से उनका शरीर झटके खाने लगा और वो एकदम से चिल्लाई हाईईईईई में गयी और उनकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया, जिससे उनकी चूत भर गयी। फिर मैंने उनकी चूत का सारा पानी बड़े मज़े से चूसा, अब उनकी चूत काफ़ी चिकनी हो चुकी थी। फिर मैंने कहा कि मेरी प्यारी भाभी अब में तुम्हारी चूत में लंड डालना चाहता हूँ। फिर वो बोली कि मेरे प्यारे राजा आ जाओ, में भी तुम्हारा यह तगड़ा मोटा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूँ। मैंने आज तक ऐसा लंड नहीं खाया है, जरा प्यार से चोदना मुझे डर लग रहा है, मेरी चूत बहुत टाईट है। फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं भाभी अपनी प्यारी भाभी की प्यारी चूत को प्यार से ही चोदूंगा।

फिर मैंने भाभी के दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रख दिया। फिर उनकी चूत का स्पर्श पाते ही मेरा लंड फनफ़ना उठा और उनकी चूत भी लंड खाने के लिए लपलपा रही थी। फिर मैंने एक हल्का सा धक्का मारा तो मेरा लंड फिसलकर ऊपर को हो गया, क्योंकि उनकी चूत का मुँह कुछ ज़्यादा ही छोटा था और मेरा लंड मोटा था और यह हाल देखकर भाभी कुछ घबरा गयी और बोली कि देवर जी यह तो अंदर ही नहीं ज़ा रहा है। फिर मैंने कहा कि क्यों नहीं जाएगा? भाभी अभी डालता हूँ। फिर मैंने अच्छी तरह से अपना लंड उनकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा लंड उनकी चूत के अंदर थोड़ा सा चला गया। अब उनकी चूत का मुँह एकदम से खुल गया था और भाभी एकदम से चीखी, हाए में मररररर गइईई और उनके दाँत निकल गये, अब वो सीईईईईइ करने लगी थी। फिर मैंने एक धक्का और लगाया तो इस बार मेरा लंड भाभी की चूत में 5 इंच तक चला गया। अब भाभी की आँखों से आँसू निकल आए थे।

फिर में थोड़ी देर रुककर भाभी को किस करता रहा और फिर जब उनका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो इस बार मेरा पूरा 8 इंच लंबा लंड उनकी कसी हुई चूत में समा गया। फिर भाभी ज़ोर से चिखी हाईईईईईईई में मररर गइईईईईई, मुझे छोड़ दो, प्लीज अपना लंड बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और धक्के मारने लगा। अब भाभी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी कि मुझे छोड़ दो, में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकालो। अब मेरा लंड उनकी चूत में बहुत ही टाईट जा रहा था। फिर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, अब भाभी रोने लगी थी, लेकिन में नहीं रुका। अब कुछ देर बाद भाभी को भी मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी और अपनी चूत ऊपर करके चुदवाने लगी थी। अब उस पूरे रूम में फचक-फचक की आवाज़ें आ रही थी

कुछ देर बाद वोह अपना साड़ी ऊपर किया और बोला चल अब सोफे पे लेट जा ,मुझे तेरे ऊपर बैठना है ,मई धीरे से सोफे में लेट गया और वोह मेरे ऊपर उछालती रही ,आधा घंटा में मई उसके चूत को अपने सफ़ेद रंग से रंगा दिया .

अब भाभी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी हाए मेरे राजा और ज़ोर से चोदो, आज मेरी चूत को फाड़ दो, हाए आयी आयी, उउफफफफ्फ, सीईईईइईईईई, उम्म्म्मममह, हा हा आआहह और में बुरी तरह से चोद रहा था। फिर भाभी मुझसे बुरी तरह लिपट गयी और बोली कि हाए मेरे राजा में गयी, हाईईईईईई और फिर वो झड़ गयी। अब जब वो झड़ रही थी तो उनकी चूत मेरे लंड को ऐसे ज़कड़ रही थी कि बस पूछो मत, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रहा हो। अब भाभी की चूत लप-लप मेरे लंड को चूस रही थी। फिर उनकी चूत थोड़ी ढीली हो गयी और उनकी चूत क्या पूरा शरीर ढीला हो गया था?

हम दोनो ही थक्के सोफे पे लेटे हुए थे ,उस दिन और भी दो बार लगाया ,उसके बाद भाभी के घर में मेरा आना जाना लगे रहेता था .

Monday, 27 March 2017

अपनी ही स्टूडेंट की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम लोकेश है और में 25 साल का हूँ. सभी तड़पती चूत वाली भाभियों और आंटियों को मेरे लंड का नमस्कार, दोस्तों मुझे कुंवारी लड़कियों और सेक्सी आंटियों की प्यासी चूत को अपने लंड से संतुष्ट करना बहुत अच्छा लगता है, मेरा लंड 6 इंच लंबा है. दोस्तों बहुत लंबे समय में इतनी सारी सेक्सी कहानियां पढ़कर एक दिन मेरा भी मन हुआ कि में भी अपनी एक सच्ची कहानी आप सभी लोगो को सुना दूँ जिसमे मैंने एक स्टूडेंट के साथ सेक्स किया और उसकी तड़पती हुई चूत को अपने लंड से चोदकर शांत किया, वो मेरी चुदाई से इतनी संतुष्ट हुई कि उसने मुझे उस पहली चुदाई के बाद भी अपनी चुदाई के बहुत मौके दिए और मैंने उस कुंवारी चूत को अपने लंड से चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया और अब में आप सभी को अपनी स्टूडेंट के साथ मेरी वो student sex story पूरी विस्तार से सुनाता हूँ जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा.

दोस्तों यह कहानी करीब दो साल पहले की है जब में अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके में खुद भी एक अच्छे से कॉलेज में पार्ट टाईम नौकरी करने लगा. मुझे उस नौकरी से अपने खर्चो में थोड़ा सा सहारा मिल जाता था और में उस नौकरी को करके बहुत खुश था. दोस्तों वहां पर मुझे हर दिन तीन क्लास लेनी होती थी, लेकिन मेरी क्लास में बहुत कम स्टूडेंट थे जो मेरी क्लास में बैठने आते थे और ज़्यादातर लड़कियां ही मुझसे क्लास लेती थी, लड़को को मेरी क्लास में बैठना अच्छा नहीं लगता था.

फिर जब में पहले दिन उस कॉलेज में क्लास लाने गया तो वहां पर इतनी सुंदर सुंदर लड़कियों को देखकर में बहुत खुश हो गया, वो सभी लड़कियां अपनी 12th की पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में आई थी और वो सब कच्ची कलियाँ थी, लेकिन वो सब लड़कियां दिखने में एक से बढ़कर एक थी और उसी क्लास में एक लड़की सबसे हटकर थी जिसका नाम टीना था, वो दिखने में सबसे ज्यादा सुंदर, गोरी, उसकी बड़ी बड़ी गोल आखें, पतली सुराहीदार गर्दन, एकदम गुलाबी रस भरे होंठ, घने काले लंबे बाल जो उसकी गांड से भी नीचे तक लटके हुए थे, उसकी वो पतली कमर जिस पर थोड़ी सी उभरी हुई गांड और पूरे उस सेक्सी बदन पर छोटे आकार के कसे हुए बूब्स जिनको देखकर उसके अब तक कुंवारे होने का अंदाजा लगाया जा सकता था. दोस्तों उसने अभी अभी अपनी जवानी की पहली सीड़ी पर अपना पहला कमद रखा था, शायद उसकी चूत पर अभी ठीक तरह से बाल भी नहीं निकले होंगे और उसकी चूत अब तक वर्जिन थी.

यह सब मुझे उसकी पहली चुदाई करने के बाद पता चला. दोस्तों वो बहुत मासूम भोली भाली लड़की थी, लेकिन मैंने उसके ऊपर गौर किया कि वो हमेशा क्लास में बस चोरी छिपे मुझे ही घूरती रहती थी. उसका ध्यान अपनी किताब की पढ़ाई में कम और मेरे चेहरे पर कुछ ज्यादा रहता था इसलिए मुझे उसका इस तरह से लगातार घूरकर देखना बहुत अजीब लगता था, लेकिन यह मेरी पहली नौकरी थी इसलिए में उससे इस बारे में खुलकर बात भी नहीं कर सकता था और मुझे बहुत थोड़ा डर भी लगता था कि कहीं किसी को पता चलेगा तो मेरी बहुत बदनामी होगी और कॉलेज के मालिक भी मेरे पापा के एक बहुत अच्छे दोस्त थे, यह बात मेरे घर पर भी पहुंचने का मुझे बहुत डर था इसलिए में हमेशा बिल्कुल चुप रहा और मैंने उससे कभी भी कुछ नहीं कहा और ऐसे ही दिन बीतने लगे.

वो मेरी हर बात का मुस्कुराकर जवाब देती और क्लास में सबसे ज्यादा बार वो मुझसे हर कोई सवाल पूछती. उसका मेरी तरफ झुकाव अब धीरे धीरे कुछ ज्यादा बढ़ने लगा था और वो कॉलेज केंटिन में भी मेरे साथ बैठकर बातें करने के नए नए मौके देखने लगी और हर कभी मुझे देखकर हंसने लगी थी दोस्तों वैसे तो अब मुझे भी उसका यह सब करना बहुत अच्छा लगने लगा था और मुझे भी अब उसके साथ बैठना, बातें करना अच्छा लगने लगा था. फिर एक दिन की बात है टीना ने किसी से मेरा मोबाईल नंबर लेकर मुझे फोन किया और वो मुझसे कहने लगी कि सर आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो, में आपको मन ही मन चाहने लगी हूँ और आपको देखे बिना मेरा दिन नहीं बीतता, में आपको बहुत प्यार करती हूँ.

फिर मैंने उसे उसकी पूरी बात सुनकर डांट दिया और मैंने उससे कहा कि तुम मेरी स्टूडेंट हो और तुम्हे मेरे बारे में यह सब गलत बातें नहीं सोचना चाहिए. तुम्हारा मेरे लिए यह बात सोचना बहुत गलत बात है और मैंने उसे बहुत देर तक समझाया, लेकिन फिर वो भी नहीं मानी. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है हम बैठकर इस बारे में बात करेंगे और वैसे तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो, लेकिन में तुमसे यह बात कहने में बहुत समय से डरता था. में यह बात सोचता था कि इससे मेरी बहुत बदनामी होगी.

तभी उसने तुरंत कहा कि सर आप इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो. में आपके साथ हूँ और आपसे कोई भी कुछ नहीं कहेगा और उससे कुछ देर बात करने के बाद मैंने फोन कट कर दिया. फिर उसके दूसरे दिन हम दोनों कॉलेज केंटिन में मिले और हमने बैठकर बहुत देर तक बातें की उसने मुझे अपने मन की पूरी बात बताई और में भी सही मौका देखकर उसे अपने मन की सभी बातें बताने लगा और उस दिन के बाद से अब हम दोनों धीरे धीरे फोन सेक्स करने लगे. दोस्तों जितनी वो खुबसूरत थी उतनी ही उसकी आवाज़ मीठी थी.
apni student ki seal todi student sex story

वो मस्त कमसिन कलि

दोस्तों उसके बाद हमारे बीच अब बातचीत और मिलना बहुत हद तक बढ़ चुका था. अब हम दोनों घंटो तक फोन पर बातें चेटिंग करने लगे थे, इस बीच में उसे ब्लूफिल्म की डीवीडी दे देता था और वो उसे देखकर बहुत गरम हो जाती थी. फिर एक दिन की बात है उस दिन हमारी किस्मत से कॉलेज प्रॅक्टिकल क्लास में बस हम दोनों ही अकेले थे और मैंने सही मौका देखकर उसे किस किया, उसके गाल और होंठो को चूसा. दोस्तों उसके वो गुलाबी गुलाबी होंठ बहुत ही रसीले थे और फिर मैंने उस मौके का पूरा पूरा फायदा उठाते हुए ज्यादा देर ना करते हुए बूब्स भी दबाए. उसने लाल कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी.

मैंने दबाते समय महसूस किया कि उसके बूब्स बहुत छोटे, लेकिन एकदम कसे हुए थे. मेरा ऐसा करने से हम दोनों बहुत जोश में आ चुके थे, लेकिन कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और हमने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया, क्योंकि हम उस समय कॉलेज में थे और वहां पर कोई भी किसी भी समय आ सकता था, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे को पाने के लिए बहुत बेकरार थे और बस हम एक दूसरे की प्यास बुझाना चाहते थे. हम कोई अच्छे मौके की तलाश में थे और हम इस बीच मौका देखकर किस करते और में कभी कभी बूब्स भी दबा देता था, लेकिन बहुत दिन तक अपने आप पर कंट्रोल करने के बाद भी हमें कोई भी अच्छा मौका नहीं मिल रहा था और हम ऐसे ही थोड़ा बहुत एक दूसरे को चूमना, बूब्स को दबाना और फोन सेक्स करके अपनी आग को थोड़ा थोड़ा ठंडा करने लगे थे.

मैंने आपने बीवी को तीन लौन्डो से चुदवाया

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम आकाश है ,और मई एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हु। मई काफी दिनों से इस साईट में विजिट करते रेहता हु ,और ये स्टोरीज मुझे एक अलग ही दुनिया पे लेकर जाता है।

इससे मुझे बोहोत सारा आईडिया भी मिला है लड़की चोदनेका इन्फेक्ट मेरे बीवी को शादी के पेहेले इसी तरीके से एक होटेल में लेकर गेया था चोदनेके लिए। पर मेरी बीवी मस्त माल थी ,उसकी फिगर जो था बड़ा मस्त था। उसदिन की बात था जब मेरे कुछ दोस्तों को बुलाया था घर में खाने के लिए। उनके अभी तक शादी नहीं हुए ,और हम खाना ख़तम करने के बाद छत में जाके दारू पीने लागे।

अब पीने के बाद ही मन का सच्चा राज जो है सामने आता है। मेरे एक दोस्त अभिषेक ने उसदिन बोहोत पीलिया था ,तो उसने ऐसेही नशे के घोर में बोल दिया ,”यार तेरी बीवी तो मस्त है ?क्या नसीब बाला है तू। ”

तो दूसरा मेरा दोस्त उसे रोक के कहा ,”भाबीजी है तेरा ऐसा मत बोल यार ,हमारे दोस्त को चोट पोहोचेगा। आखिर भाबीजी ने हम देवरो के लिए इतना अच्छा खाना जो बनाया ,अब तू क्या चाहता है ,हमारे लिए बिस्तर भी गरम करे ?”

तो दूसरा दोस्त विशाल ने बोला यार बात तो एकदम सही है ,तू बोहोत लकी है। मैंने कहा ,”मेरे बीवी को चोदना चाहता है ?”मेरी मु से सुनके उनके तो जैसे होश ही उड़ गेया ,विशाल की तो जैसे दारू का नशा ही उत्तर गेया।
विशाल ने बोला ,”अरे यार हम तो मज़ाक कर रहे थे ,इतना भी दिल में मत ले ले भाई। ”

तो मैंने कहा ,”नहीं मई सीरियस हु ,अगर तुम लोग मेरे सामने मेरी बीवी को बिस्तर में लेटाके नंगा चोदना चाहते हो तो मेरी कोई अप्पति नहीं है ,बस मेरा एक सर्त है

दोस्तों मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है जो दिल्ली में ही रहता है, उसका एक दिन मेरे पास फोन आया उसने मुझसे कहा कि वो बेंगलोर में अपनी किसी ट्रैनिंग के लिए आना चाहता है तो क्या वो एक महीने के लिए हमारे यहाँ पर रुक सकता है अगर में उसको हाँ कहूँ तो?

अब मेरे मन में आया कि यह एक बहुत अच्छा मौका है और मैंने उसको तुरंत हाँ कर दिया एक हफ्ते के बाद मेरा वो दोस्त जिसका नाम अशोक है वो हमारे घर पर रहने के लिए आ गया मैंने उसको अपना पूरा घर दिखाया उसका कमरा दिखाकर उसमे अपने दोस्त का सामना भी रख दिया.

फिर दो चार दिन के बाद ही वो हमारे साथ बहुत अच्छी तरह से घुलमिल गया था और वो अब हमारे साथ एक परिवार के सदस्य की तरह हो गया था. अब हर रात को खाना खाने के बाद हम तीनो बैठकर बहुत हंसी मज़ाक किया करते थे और इधर मैंने गौर किया कि अब अशोक मेरी पत्नी सुमन की तरफ धीरे धीरे आकर्षित होने लगा था.

जब सुमन मेक्सी में होती तो वो उसके बूब्स को बार बार देखता था और अब मुझे लगने लगा था कि शायद मेरा वो सपना भी अब बहुत जल्दी साकार हो जाएगा. फिर में हर रोज रात को सुमन के साथ सेक्स करते समय उससे अशोक के बारे में बात करने लगा था और कभी में उससे कहता कि में अशोक हूँ और में उसकी चुदाई कर रहा हूँ.

अब जब मुझे लगने लगा कि सुमन को भी अशोक के बारे में बातें करनी अच्छी लगने लगी है तो में समझ गया था कि अब लोहा बहुत गरम हो चुका है और ऐसे ही करीब 15 दिन निकल गये. अगले दिन मैंने सुमन से पूछा कि क्या उसको अशोक से अपनी चुदाई करवाना पसंद है? तो उसने ना कहा और फिर मैंने सुमन से कहा कि क्यों ना अशोक से चुदवाकर देखा जाए, तुझे भी मज़ा आ जाएगा और मुझे भी.

वो मेरे बहुत बार कहने समझाने पर अशोक से अपनी चुदाई करवाने के लिए राज़ी हो गई. फिर मैंने उससे कहा कि वो अब अशोक को अपनी तरफ कैसे भी करके आकर्षित करें, वो सेक्सी कपड़े पहने बड़े गले की मेक्सी पहना करे और अगले एक दो दिनों तक सुमन मेरे बताए हुए तरीके से अशोक को अपनी तरफ आकर्षित करने लगी थी. वो कभी जालीदार मेक्सी तो कभी बिना बाँह की बड़े गले की मेक्सी पहनकर अशोक के पास बैठ जाती.

फिर उसके गोरे जिस्म का वो सेक्सी नजारा देखकर अशोक का लंड टाइट होने लगता था. उनकी नजर मेरी पत्नी के बदन से हटने को तैयार ही नहीं होती थी वो घूर घूरकर अपनी खा जाने वाली नजर से मेरी पत्नी को देखता. फिर मैंने सोचा कि अब मुझे अपना आखरी काम करना चाहिए इसलिए मैंने अपने मन में विचार बनाकर अशोक से कहा कि में दो दिन के लिए शहर से बाहर जा रहा हूँ तो इसलिए तुम मेरे पीछे से घर का और उसके साथ साथ अपनी भाभी का भी खयाल रखना. तब उसने कहा कि यह भी कोई कहने की बात है? अमन तुम बिना चिंता के चले जाओ कोई बात नहीं है घर पर में हूँ और सब सम्भाल लूँगा.

फिर में सुबह ही अपने घर से चला गया और शाम को में अशोक के आने से पहले ही घर में आ गया तब मेरी पत्नी भी उसकी एक दोस्त से मिलने गई थी और उसने यह बात मुझे पहले ही बता रखी थी.

फिर में पहली मंजिल जो की हमेशा बंद रहती है वहां पर से छत पर जाकर बाहर निकलने का भी एक गुप्त रास्ता है. में उस जगह चला गया और छुपकर नीचे बैठ गया और में उन दोनों के आने का इंतजार करने लगा. फिर शाम को करीब सात बजे अशोक और सुमन घर पर आ गए. शायद वो दोनों साथ में गए थे और वो बाज़ार से अपने साथ कुछ सामान भी लेकर आए थे. में वो सब कुछ ऊपर से देख रहा था.

दोस्तों सुमन जो कि बहुत शर्मीले स्वभाव की थी, वो आज मेरे दोस्त अशोक के साथ बड़ी हंस हंसकर बातें कर रही थी और जो सामान वो दोनों लेकर आए थे, उसमे से उन्होंने दो तीन पैकेट बाहर निकाले और फिर उनको उन्होंने एक एक करके खोले. तब मैंने देखा कि उसमे ब्रा और पेंटी सेट्स थे, जिसको देखकर में बहुत चकित हो गया था क्योंकि कुछ ही घंटो में मेरी पत्नी मेरी उम्मीद से ज्यादा इतनी आगे निकल जाएगी ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था.

अब अशोक मेरी पत्नी से कह रहा था कि भाभी यह आप पर बहुत अच्छा लगेगा यह आपके गोरे बदन को चार चाँद लगा देगी. फिर सुमन ने उससे कहा कि तुम पागल हो और यह ठीक नहीं है, तब अशोक ने सुमन से कहा कि भाभी ज़रा आप इसको पहनकर मुझे दिखाओ ना और इतना कहते हुए उसने सुमन को अपनी बाहों में ले लिया.

फिर सुमन उससे छूटने की कोशिश करने के साथ साथ कह रही थी कि तुम यह क्या कर रहे हो अशोक? तब उसने कहा कि भाभी प्लीज मुझे यह पहनकर एक बार दिखाओ ना, में देखना चाहता हूँ कि आप इन ब्रा, पेंटी में कैसी लगती हो? प्लीज मुझे एक बार दिखा दो. अब सुमन उससे दूर हटकर वो पैकेट लेकर अंदर चली गई और तब मैंने मन ही मन सोचा कि लगता है कि आज भी मेरा वो सपना तो अधूरा ही रह जाएगा सुमन तो गुस्सा होकर अंदर चली गई है, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मैंने देखा कि सुमन उस नई ब्रा, पेंटी को पहनकर अपने रूम से बाहर चली आ रही थी वो बहुत कमाल की सेक्सी लग रही थी.

अशोक ने जैसे ही उसको देखा वो उस पर लपक पड़ा अशोक और ने उसको अपनी बाहों में भर लिया. अब सुमन ने भी उसको अपनी बाहों में ले लिया और अब वो दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने में बिल्कुल लीन हो गए थे और कुछ देर बाद अशोक ने ब्रा को नीचे सरकाकर सुमन के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और सुमन ने अब अशोक का लंड अपने हाथ में ले लिया था और उसका लंड देखकर में भी हैरान रह गया. सुनम भी बहुत चकित थी, वो मेरे से कुछ ज्यादा बड़ा था और मोटा भी था. दोस्तों अब मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि यह वही सुमन मेरी पत्नी है जो कि हमेशा मेरे पूछने पर मना करती थी मेरी बात को बीच में ही काट देती थी.

उससे दूर हटकर वो पैकेट लेकर अंदर चली गई और तब मैंने मन ही मन सोचा कि लगता है कि आज भी मेरा वो सपना तो अधूरा ही रह जाएगा सुमन तो गुस्सा होकर अंदर चली गई है, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मैंने देखा कि सुमन उस नई ब्रा, पेंटी को पहनकर अपने रूम से बाहर चली आ रही थी वो बहुत कमाल की सेक्सी लग रही थी। अशोक ने जैसे ही उसको देखा वो उस पर लपक पड़ा अशोक और ने उसको अपनी बाहों में भर लिया। अब सुमन ने भी उसको अपनी बाहों में ले लिया और अब वो दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने में बिल्कुल लीन हो गए थे और कुछ देर बाद अशोक ने ब्रा को नीचे सरकाकर सुमन के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और सुमन ने अब अशोक का लंड अपने हाथ में ले लिया था और उसका लंड देखकर में भी हैरान रह गया। सुनम भी बहुत चकित थी, वो मेरे से कुछ ज्यादा बड़ा था और मोटा भी था। दोस्तों अब मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि यह वही सुमन मेरी पत्नी है जो कि हमेशा मेरे पूछने पर मना करती थी मेरी बात को बीच में ही काट देती थी। अब वो दोनों ही पूरे नंगे हो गए थे और फिर अशोक सुमन की चूत को चाटने लगा। वैसे मैंने कभी भी सुमन की चूत को नहीं चाटा था और अशोक सुमन की चूत चाट रहा था और सुमन को बहुत मज़ा आ रहा था। वो जोश में आकर आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हहह कर रही थी। अब उसने कहा कि अशोक प्लीज अब तुम मुझे जल्दी से चोदो ना आह्ह्ह्ह अब मुझे इतना मत तरसाओ आओ चोद दो मुझे, मेरी इस चूत को शांत कर दो। फिर अशोक ने अपना लंड सुमन की छोटी सी चूत के मुहं पर रखा और ज़ोर से धक्का दे दिया जिसकी वजह से लंड अंदर चला गया। अब वो हल्का सा चिल्लाई और फिर ऊफ्फ्फ्फफ्फ आह्ह्ह्हह्ह ज़ोर से धक्के मारो आईईईईइ और ज़ोर से अशोक। अब अशोक ज़ोर ज़ोर से धक्का लगा रहा था और सुमन उछल रही थी थोड़ी देर के बाद वो दोनों झड़ गए और सुमन ने अशोक को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपनी नरम गोरी बाहों में जकड़ लिया। में उसके चेहरे को देखकर तुरंत समझ गया था कि सुमन को मेरे दोस्त के साथ अपनी चुदाई करवाने के बहुत मज़ा आया है और यह सिलसिला अगले दिन रात को भी चालू रहा और उन दोनों ने बहुत जमकर मस्ती मज़े किए में उनको छुपकर देखता रहा और मज़े लेता रहा। फिर अगले दिन जब में अपने काम से जब वापस लौटकर अपने घर आया तो मैंने देखा कि सुमन तब बहुत खुश थी और उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी और उस रात को जब में सुमन के साथ लेटा हुआ था उनके निप्पल से खेल रहा था और में उसकी चुदाई करने वाला था। फिर उसने मुझे सब कुछ सच सच बता दिया कि अशोक के साथ उसने चुदाई की है सुमन के मुहं से यह बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि उसने यह बात मुझसे नहीं चुपाई है और उसके बाद हम लोगों ने अपने मिलने वाले से अदला बदली करके चुदाई के मज़े भी लिए। अब सुमन को यह सब अच्छा लगने लगा और में उसके सामने किसी की भी पत्नी गर्लफ्रेंड बहन कोई भी लड़की की चुदाई करता हूँ और वो भी मेरे सामने किसी से भी अपनी चुदाई करवाती है हमे अपना काम अपनी मर्जी से करने की पूरी पूरी अनुमति है

ट्रेन में हुआ एक गजब की experience

मेरा नाम दीपक है।मई आज अपना desi story आप के साथ शेयर करने जा रहा हु।  मई इंजीनियरिंग कॉलेज का स्टूडेंट हु। और मई छूटी से कॉलेज ब्यापास जोयन करने के लिए अ रहा था। मेरा ट्रैन का सीट जो था कन्फर्म था।

मेरा सब दोस्त जो था आलरेडी ब्यापास अ चूका था ,इसीलिए मई अकेला ही लौट रहा था ,मुझे लग रहा था की जर्नी जो है बोहोत ही बोरिंग होगा। इसीलिए मई अपने साथ सो चार desi story का किताब ले लिया सोचा टाइम पास हो जायेगा ,और लैपटॉप में दो चार मूवी देख लूंगा।

मेरा निचे का सीट था खिड़की से बोहोत ही अच्छा नज़राना देखनो को मिलेगा ,और मुझे वोह जाएगा बोहोत ही पसंद था ,मई इंतज़ार कर रहा था कब ट्रैन छूटे ,इसी दौरान एक कॉलेज स्टूडेंट वोह भी फीमेल थी ,जो मेरे सीट के ऊपर वाला बर्थ उसको मिल गया था ,मई सोचा चलो काम से काम ऊपर वाला सुन तो लिया ,मई सोचा काम से काम बात न हो देखते देखते ही सफर काट जायेगा अच्छे तरीके से।

वोह लड़की भी इंजीनियरिंग स्टूडेंट थी ,देख के पता चल रहा था ,वोह पेहेले दफा मुझे देख के मुस्कुराई ,है उसका अदा देख के मई उधर ही फ़िदा हो गया ,सोचा देखने से काम नहीं चलेगा उसके साथ तो पक्का बात ही करना पड़ेगा ,उसने पूछा ,”क्या निचे वाला सीट आपका है ?”

मई बोला ,”हांजी मेरा ही है। पर कुछ नहीं जी जब तक सब सेटल न हो जाये आप इधर सामान अपना रख सकते हो। ”

 उसने बोला ,”आपकी कोई तकलीफ तो नहीं होगा। ”

मई ने मुस्कुराते हुए कहा ,”सो तो होगा पर क्या करे। आप बैठिये ना। ”

मई मन ही मन बोल रहा था बेबी तुम्हारे लिए तो बोहोत सारे तकलीफ उठा सकता हु ,ये तो बोहोत ही छोटी सी बात है ,अगर मुझे कुछ मेबा खाने को मिल जाये उसमे हर्ज़ क्या है?”

फिर उसने ही पूछा की आप कहा जा रहे है ? और क्या करते है ?

तो उसने बोला की चेन्नई जा रही है जॉब मिल गया है उधर तो मई भी बोला ,मुझे तो चेन्नई एक्सप्रेस वाला फीलिंग्स आगेया था ,मई सोचा टिकेट तो खरीद लिया हु ,अब सीट  और लण्ड पकड़ के चुप चाप ट्रैन में बैठ जायु।

उस छोटे बेड पर में अपनी दोनों आंखे बंद करके की सुंदरता और उनके भरे हुए गोरे गठीले कामुक बदन के बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया.फिर रात को करीब 12:30 बजे मैंने अपने गाल पर कुछ महसूस किया और अपनी दोनों आंखे बंद किए में कुछ देर तक उसको समझने की कोशिश करता रहा, लेकिन मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया, इसलिए मैंने अपनी आँख खोलकर देखा तो में देखकर एकदम चकित रह गया, क्योंकि वोह भाभी अब अपना बेड मेरे बेड के पास लाकर उनके बेड पर ही लेटकर अपने एक हाथ को आगे बढ़ाकर मेरे गाल को सहला रही थी.

मैंने भाभी से पूछा कि आप यह क्या कर रही हो, बच्चे नींद से जाग जाएँगे, तब भाभी जी कहने लगी कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो कोई भी नहीं जागेगा और इतना कहकर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर रज़ाई के अंदर से ही अपने बूब्स पर रख दिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.

में भी वो ठीक मौका समझकर उनकी मेक्सी के अंदर अपने हाथ को डालकर उनके बूब्स को अब सहलाने लगा. उसके गोल बड़े आकार के बूब्स की गोलाई को छूकर उसको महसूस करके मन ही मन बहुत खुश होने लगा था और मेरे सहलाने हाथ घुमाने की वजह से कुछ ही मिनट में भाभी के निप्पल तनकर खड़े होने लगे थे और अब चाची जोश में आकर मुझसे कहने लगी उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ ना क्या धीरे धीरे बच्चों की तरह खेल रहे हो, हाँ थोड़ा इससे भी ज्यादा दम लगाओ.

अब में भाभी के कहने पर जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को दबाने और निप्पल का रस निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से हम दोनों ही बहुत कम समय में पूरी तरह से जोश में आकर मज़े मस्ती करने लगे और अब वो मेरे गाल को सहलाने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ मेक्सी के अंदर से ही नीचे करते हुए अब सीधा उनकी चूत पर ले गया और उस समय मैंने छूकर महससू किया कि उनकी पेंटी चूत वाले हिस्से से पूरी गीली हो चुकी थी, क्योंकि वो अब बहुत जोश में आ चुकी थी.

मैंने बिना देर किए तुरंत उनकी पेंटी में अपने उस हाथ को डाल दिया और अब में उनकी कामुक उभरी हुई चूत की लंबी लंबी झांटो को सहलाने लगा और गीली चूत में अपनी एक ऊँगली को डालकर में चूत के दाने को सहलाने लगा था, जिसकी वजह से अब उनके मुहं से सिसकियों की आवाज़ आईईईईईईइ उफफ्फ्फ्फ़ आने लगी थी और वो मुझसे अब आहे भरते हुए कहने लगी थी आह्ह्हह्ह्ह उफ्ह्ह्हह्ह प्लीज तुम अब अपनी इस उंगली को मेरी चूत में पूरा अंदर तक डाल दो ना, क्यों मुझे इतना तरसा रहे हो? प्लीज थोड़ा जल्दी करो मुझे कुछ हो रहा है.

अब मैंने उनसे कहा कि यहाँ से मेरा हाथ ठीक तरह से वहां पर नहीं पहुँच रहा है, इसलिए अब आप भी मेरे बेड पर आ जाओ और फिर वो मेरी बात को सुनकर धीरे से उठकर मेरे बेड पर आ गई और एक दूसरी रज़ाई को लेकर उन्होंने हम दोनों पर डाल दिया और हम उसमें घुस गये.

उसकी इस रगड़ाई के कारण मेरा पानी छूटने वाला था मेने उसे कहा की अपनी गांड में जल्दी से डाल लो में छोड़ने वाला हूँ उसने अपने नरम हाथ से मेरी मूठ मारी और जब निकलने लगा तो अपनी गांड में 2 इंच तक अंदर डाल लिया मेरा बहुत ज़्यादा माल निकला और उसके चूतडो से होता हुआ सलवार को गीला करने लगा.

उसने कहा में ये सारा माल अपनी चूत में चाहती हूँ मेने उसका फ़ोन नम्बर लिया और अपना उसे दे दिया तब तक स्टेशन आ गया था आंटी ने अपने कपड़े ठीक किये और हम उतरने लगे बार बार मेरा लंड मनीषा को छू रहा था और फिर से खड़ा हो गया हम किसी तरह शादी में पहुँचे और प्रोग्राम अटेंड किया उस रात मेने आंटी को उसी की खाट पर तीन बार बुरी तरह से चोदा ओर तीनो बार पानी उसकी चूत में छोड़ा. दोस्तों ये कहानी बस यहाँ पर समाप्त होती है, अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करना. आपके रेस्पोंस के बाद आगे की कहानी लिखूंगा.

वोह थी हवस की पुजारन

एक गुमनाम आशिक़ मेरा नाम काल्पनिक है।  और मई 99हिंदी सेक्स स्टोरी का एक नियमित उपबोक्ता हु।  आज पहली बार आप लोगो के सामने हाजिर हूँ अपनी जीवन की सच्ची कहानी लेकर जिसने पहली बार मुझे चुदाई का मज़ा दिया, इस घटना के बाद मै सेक्स के लिए पागल हो गया हूँ इसलिए यह कहानी आपलोगों के सामने पेश कर रहा हूँ| बात उन दिनों की है जब मै एक बार कुछ दिनों के लिए जम्मू गया हुआ था, जम्मू में मेरी एक दूर के रिलेशन की आंटी रहती थी, खैर उनके बारे में मुझे कुछ ज्यादा पता नहीं था जब घरवालो ने मुझे बताया की मुझे उनके पास जाना है फिर जाकर मुझे पता चला|

मै पहली बार जम्मू जा रहा था तो मुझे भी ठीक लगा की उनसे भी मिल लूँगा, मैंने उनसे एक बार फ़ोन पर बात की और जम्मू के लिए निकल गया| मै पहली बार जम्मू गया था तो जब मै स्टेशन पर उतरा तो आंटी मुझे लेने के लिए आई हुई थी, मै जैसे ही उनसे मिला उन्होंने मुझे गले लगा लिया| मेरा सर उनकी बड़ी चुचियों के बीच धंस गया था, अजीब लगा की पहली बार में कोई ऐसा करती है क्या? फिर मैंने उन्हें ध्यान से देखा तो पता चला वो गज़ब की सेक्सी थी|

दुबली पतली सी थी और उनकी गांड और चूचियां और भी मस्त थी, लेडीज या लड़कियों में सबसे पहले मै यही देखता हूँ, इसलिए मुझे आंटी बड़ी मस्त लगी और उनका गले लगाना मुझे और भी रोमांचित कर रहा था|

खैर उनकी कार में बैठकर हमलोग घर आये, आंटी ने कहा तुम्हारे अंकल कुछ दिनों के लिए बाहर गए है इसलिए हम दोनों ही है यहाँ! मैंने कहा कोई बात नहीं आंटी वैसे भी मै यहाँ जम्मू घुमने आया हूँ, आप ही घुमा देना, उन्होंने कहा हाँ यही ठीक रहेगा! आंटी ने मुझे फ्रेश होने के लिए कहा! मैंने पहली बार इतना बड़ा बाथरूम देखा था और उसमे आंटी की एक पैंटी भी थी शायद आज ही सुबह उन्होंने चेंज किया होगा| मै मौका देखकर उसको सूंघने लगा और मेरा लंड खड़ा हो रहा था लेकिन मैंने कण्ट्रोल कर लिया| फिर मै खाना खाने के बाद सो गया क्यूंकि शाम को हमलोगों को घुमने के लिए जाना था|

हमलोगों ने शाम को पूरी सैर करी और रात ९ बजे तक घर वापस आ गए! घर आकर खाना खाने के बाद उन्होंने मुझे एक टेबलेट दिया और कहा इसे खा लो, बहुत थक गए होगे इस से नींद अच्छी आएगी! मैंने उसे खा लिया थोड़ी देर में मेरे बॉडी में गर्मी होने लगी और मेरा लंड खड़ा होने लगा, शायद उन्होंने मुझे सेक्स की गोली खिला दी थी| मै सिर्फ अंडरवियर पहने हुए था! मेरा लंड धीरे धीरे काफी टाइट हो रहा था|

मै सोने की नाकाम कोशिश करने लगा, कुछ देर ऐसे गुजारने के बाद मै चुप चाप आंटी के रूम की तरफ बढ़ गया, मैंने अंदर झांक कर देखा तो आंटी सो रही थी, ये देख कर मै उदास हो गया और सोचने लगा की अब क्या करू मै? उनके पास जाने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी और लंड भी बहुत टाइट हो गया था इसलिए मै बाथरूम में गया और अपना अंडरवियर उतारकर मुठ मारने लगा, chodan story मुझे नहीं पता था की सेक्स की गोली का असर इतना होता है, मेरा लंड गरम हो गया था और जल रहा था, मै अपना लंड हाथ में लेकर आंटी के बारे में सोचते हुए दनादन मुठ मारने लगा, तभी मुझे अपने पीछे किसी की आहट सुनाई दी, मै चौक गया और पीछे घूमकर देखा तो वहां आंटी थी|

मै डर गया और अपने हाथों से अपने लंड को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगा, आंटी ने पूछा क्या हो रहा है यह सब? मै बोला कुछ नहीं आंटी….उन्होंने कहा क्या कुछ नहीं? मैंने बोला वो नींद नहीं आ रही थी… आंटी ने कहा “तो” नींद नहीं आती है तो यही सब करते हो? मै शर्म के मारे कुछ नहीं बोल नहीं पा रहा था….

Kamukta story यह कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है| मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, पहले तो उन्होंने रोकने की कोशिश की लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी, मैंने उनकी साड़ी अपने हाथों से उतार दी अब वो ब्रा और पैंटी में थी,

अब मैंने अपना लंड उनके मुहं से निकाला और उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, अब मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी, अब मैंने आंटी को अलग अलग पोजीशन से खूब चोदा, उस दिन हमलोगों ने करीब ३ बार चुदाई की|

मै ब्रा के ऊपर से ही उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा, उन्होंने मेरा सारा कपड़ा अपने हाथों से निकाल दिया और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड, लंड न होकर केला हो|

अब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और अब में थोड़ा डर गया था, लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि मैंने पहली बार उनकी त्वचा को छुआ था,

लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि सभी वहाँ बैठे हुए थे और में नहीं जानता था कि उनको अच्छा लगेगा या बुरा। फिर कुछ देर के बाद उन्होंने मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया, लेकिन मैंने अपना हाथ सरका लिया। अब मेरा हाथ उनकी चूत पर था और अब में बहुत गर्म हो गया था और उनकी चूत ढूँढने लगा था, लेकिन उनकी साड़ी की वजह से नहीं ढूँढ पा रहा था।

फिर मैंने धीरे-धीरे अपने पैर से उनके पैर को टच करना शुरू किया, उउउफफफफफ्फ़ क्या चीज़ थी मेरी मामी? में आपको नहीं बता सकता। अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। फिर में अपना पैर धीरे-धीरे उनके घुटनों तक ले आया, उफ़ क्या मखमली स्पर्श था? अब हम दोनों एक दूसरे को पैर से सहलाने लगे थे। फिर ये सिलसिला चलता रहा,

Sunday, 26 March 2017

बुआ की गजब की चुदाई

मई फिर से अगेया ,और ये साईट पे मैंने काफी स्टोरी दी है .मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र २२ साल कद ६’ २”, मेरा हथियार ८” लम्बा और २.५” मोटा है। मैं इस साईट का नियमित पाठक हूँ, इस साईट की सभी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ। आज मैं आप लोगों को अपना सच्चा अनुभव बताने जा रहा हूँ।

बात आज से लगभग ५ साल पहले की है जब मैं १८ साल का था। स्कूल में शीतकालीन छुट्टियां थी, मैं अपनी बुआ के घर दुर्ग गया था। मेरी बुआ के यहाँ पर कुल तीन लोग ही रहते हैं एक बुआ, उनकी सास और उनका छोटा लड़का श्याम भैया। बड़े भैया दूसरे शहर में नौकरी करते हैं और उनकी लड़की की शादी हो चुकी है। मेरे फूफा जी का देहांत बहुत पहले हो चुका है।

अब मुद्दे की बात पर आते हैं। एक रोज मैं सुबह सो कर उठा तो पाया कि श्याम भैया जिम जा चुके थे और दादी (बुआ की सास) अपने कमरे में थी। श्याम भैया और बुआ के कमरे के बीच एक खिड़की है जो कि ठीक से बंद नहीं थी। अचानक मेरी नज़र बुआ के कमरे में गई तो देखा कि बुआ बाथरूम से नहाकर आ रही हैं। उस समय बुआ ने केवल गाउन पहना था और आते ही अपना गाउन उतार दिया क्योंकि उन्हें स्कूल जाने की जल्दी थी। मेरी बुआ स्कूल टीचर हैं। उन्होंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था, मैं पहली बार किसी औरत को इतने पास से इस हालत में देख रहा था, बुआ के बड़े बड़े ३८” मम्मे, गोरा दुधिया जिस्म, मोटे गदराये चूतड़, काली काली झांटें मेरे दिलो दिमाग पर छा गए।

उस दिन के बाद मैं हमेशा बुआ के कमरे में ताकता रहता, जब भी बुआ झुक कर काम करती, उनके मम्मों और चूतड़ों को घूरता। कभी कभी जब बुआ घर पर नहीं होती तो उनकी ब्रा पैंटी से खेलता, बुआ को सोच कर मुठ मारता, मतलब कि अब मैं बुआ को चोदना चाहता था पर मेरी बुआ बहुत सख्त है इसलिए पहल नहीं कर पाया।

पर एक दिन मुझे मौका मिल गया। श्याम भैया की नाईट शिफ्ट थी, मैं बुआ के कमरे में मूवी देख रहा था, दादी अपने कमरे में थी। इतने में बुआ ने कहा कि उनके शरीर में दर्द हो रहा है और बुखार जैसा लग रहा है, तो उन्होंने मुझे अपने पैर दबाने के लिए कहा। पहले तो मैं उनके पैर को सिर्फ घुटनों के नीचे तक ही दबा रहा था, तो उन्होंने कहा कि दर्द थोड़ा ऊपर है। फिर जैसे ही मैंने उनकी जांघ पर हाथ लगाया, क्या एहसास था एकदम नरम नरम गदराये जंघे, मैं जोश मे आने लगा, धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर ले जाने लगा।

जैसे ही मैंने कूल्हों पर हाथ लगाये मुझे करंट लगा क्योंकि अन्दर पैंटी नहीं थी। उनके चूतड़ का स्पर्श पाकर मेरा लंड खडा हो गया। पर इतने में ही बुआ ने मुझे पैर दबाने से मना कर दिया। मैं थोड़ी देर मूवी देख कर बुआ के पास ही सो गया। मुझे नींद कहाँ आने वाली थी, लगभग एक घंटे बाद जब बुआ गहरी नींद में सो चुकी थी तब मैंने धीरे से अपनी एक टांग बुआ के दोनों टांगों के बीच में इस तरह डाल दी कि मैं नींद में हूँ। थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहने के बाद मैं अपनी जांघ उनकी जांघ पर रगड़ने लगा, मैं बहुत जोश में आ चुका था। मैं अब हाथ उनके मम्मों पर रख कर हल्के हल्के दबाने लगा। डर भी लगा रहा था और मज़ा भी आ रहा था।

फिर मैंने धीरे से अपनी हथेली उनकी चूत पर रख दी। अब मुझे उनकी झांटें महसूस हो रही थी। कुछ देर इसी तरह धीरे धीरे चूत सहलाने से शायद बुआ जाग गई थी पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। मेरा इरादा अब उनकी नंगी चूत देखने का हुआ। अब मैं धीरे धीरे उनका गाउन घुटनों के ऊपर करने लगा। ठीक चूत तक आ कर उनका गाउन पैर के नीचे अटक गया। नीचे से मैं उनकी चूत छूने लगा। अचानक बुआ ने मेरी तरफ मुहं करके करवट ले ली जिससे उनकी चूत अन्दर की ओर भींच गई। अब मुझे उनकी चूत छुते नहीं जम रहा था तो मैंने मम्मों को दबाना चालू कर दिया। बुआ ने अपना एक हाथ मेरे पीठ पर रख दिया। मुझे लगा कि बुआ भी तैयार है। अब मैंने मम्मों को जोर से दबाना चालू कर दिया। अचानक बुआ ने मुझे जोर का धक्का किया और मैं उनसे अलग हो गया। बुआ नींद से जाग चुकी थी। मुझे डर लगने लगा कि बुआ क्या बोलेगी और थोड़ी देर मैं सो गया।

रात को नींद में मुझे लगा कि कोई भारी सी चीज मेरे टांगों के ऊपर है। मैंने आँखें खोली तो बुआ ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर डाल रखी है और मेरा लंड उनके जांघ से रगड़ रहा है। धीरे धीरे मेरा लंड खड़े होने लगा पर मुझे डर भी लगा रहा था कि अब अगर बुआ जाग गई तो न जाने क्या करेगी इसलिए मैं वैसे ही चुपचाप सोया रहा पर लंड पर नरम नरम स्पर्श लंड को और भी खडा कर रहा था। नींद मुझसे कोसों दूर थी पर मैं कुछ करने से भी डर रहा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने सोचा कि मुठ मार कर शांत हो जाता हूँ पर लंड के ऊपर तो बुआ की जांघ थी। मुठ मारने के लिए मैंने बुआ की जांघ को थोड़ा और ऊपर करके अपने नाभि के ऊपर ले आया ताकि मैं लंड हिला सकूं।

धीरे धीरे मैं लंड हिलाने लगा, मेरे शरीर में सनसनी होने लगी, इतने में ही बुआ ने अपने जांघ पर हाथ फेरा तो उनका गाउन ऊपर हो गया क्योंकि अन्दर पैंटी नहीं थी, उनके चूतड़ बिल्कुल नंगे हो गए थे। मैंने धीरे से उनके चूतड़ों पर हाथ फिराया। बुआ मुझसे चिपकने लगी। अब मैं भी बुआ की तरफ मुँह करके उनसे चिपक गया और इन्तजार करने लगा कि बुआ पहल करेगी और हुआ भी यही। बुआ धीरे धीरे मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी। अब मैं उनके मम्मों को दबाने लगा, उनको चूमने चाटने लगा। हम दोनों काफी गरम हो गए थे अब मैं उनकी चूत को रगड़ने लगा।

बुआ भी मुझे जोरों से चूमने लगी और जोश में आ कर कहने लगी- तूने मेरी प्यास को फिर से जगा दिया है !

बुआ को पीठ के बल लिटा कर मैंने उनका गाउन निकाल दिया। अब बुआ बिलकुल नंगी मेरे सामने लेटी थी। मैंने उनसे पूछा तो बोली कि रात को सोते समय वो ब्रा, पैंटी नहीं पहनती हैं। मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए हिंदी देसी कहानी ।

पहले तो मैंने बुआ के होटों को चूमा, चूसा, अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी। बुआ की साँस जोरों से चलने लगी। मैं कभी उनके मम्मों को दबाता तो कभी उन्हें मुँह में लेकर चूसता, दांतों से काटता, बुआ के मुँह से सिस्कारियां निकल रही थी, वो मुझे अपने बाँहों में जकड़े जा रही थी। अब मैं उनकी झांटों को सहला रहा था, दो उँगलियाँ उनकी चूत में डाल कर हिला रहा था और जीभ से चूत के दाने को चूस रहा था।

बुआ पूरी तरह उफान पर थी। वो दोनों हांथों से मेरे सर को अपने चूत पर दबा कर रगड़ने लगी और सिस्कारियों के साथ मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैं उनके चूतरस का पान करने लगा।

झड़ते ही बुआ ने मुझे चित्त लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई। पहले तो उन्होंने मेरे होठों को चूमा, फिर मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरे छाती पर चूमा, मेरे लंड को हिलाने लगी, फिर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। १० मिनट की चुसाई में ही मेरा पानी निकाल दिया और मेरा माल पी गई।

बीस मिनट बाद ही मेरा लंड फिर तैयार हो गया। मैंने सीधे बुआ की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और जीभ से उन्हें चोदने लगा। बुआ ने मेरा सर पकड़ रखा था और चूत पर दबाये जा रही थी। फिर उन्होंने कहा- अब और मत तरसाओ ! मुझे चोदो ! जोर जोर से चोदो !

मैंने उनकी टांगों को पकड़ के फैला दिया अपना लंड उनकी चूत पर रख कर झटका मारा। एक ही बार में मेरा आधा लंड उनकी चूत में था। वो चिल्ला उठी क्योंकि कई बरसों बाद चुद रही थी। १५ मिनट उसी तरह चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदा। कुछ समय बाद मैं मंजिल के करीब था तो बुआ ने कहा- अंदर ही झड़ जाओ ! कई सालों बाद आज चूत गीली होगी !

और मेरे लंड ने बरसात कर दी। मैं और बुआ दोनों संतुष्ट हो कर हांफ रहे थे हिन्दी में बुआ की चुदाई कहानी कैसी लगी दोस्तों ।

तो दोस्तो, यह थी मेरी एक रात बुआ के साथ !

धन्यबाद ….

खामोसी में मदहोसी और तन्हाई में चुदवाई

आज जो चुदाई कहानी आप पढ़ने जा रहे हो ,वो दरशल मेरी और मेरी एक दोस्त की gf  की कहानी है . अब ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.. आप ये कहानी 99 हिंदी सेक्स स्टोरी डॉट कम पे पड़ रहे है।

दोस्तों यह बात पिछले महीने की है.. जब सुबह सुबह मेरे पास दोस्त का फोन आया. मैं उस समय गहरी नींद मैं था. तभी उसने कहा कि वो मुझे लेने मेरे घर पर आ रहा है.उसका नाम विनय है और उसकी उम्र 22 साल है. फिर मैं जल्दी से उठा और बाथरूम में नहाने चला गया और नहा धोकर नाश्ता करके तैयार हो गया और उसके आने का इंतजार करने लगा. फिर कुछ देर बाद वो आया और हम कॉलेज के लिए निकल पड़े.तभी रास्ते मैं उसकी गर्लफ्रेंड रिया का कॉल आया और वो दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे और वह कहने लगा कि तुझसे मिले कितने दिन हो गये और फिर वो फोन पर ही किस करने लगे.

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तो यह सुनकर मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की याद आने लगी और मैं उसकी चुदाई के बारे मैं सोचने लगा. मेरा लंड खड़ा हो गया.फिर मैंने उसे कहा कि साले मेरा लंड खड़ा हो गया. जल्दी से फोन काट. फिर उसने कहा कि मुझे तेरी बहुत याद आ रही है और मिलने का मन हो रहा है. तो रिया ने कहा कि मैं नहीं मिल सकती. तभी विनय ने गुस्सा होकर फोन कट कर दिया और फिर थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया और उसने कहा कि मिलने का मन तो मेरा भी हो रहा है. लेकिन मैं घर से क्या बहाना बनाकर निकलूं? तभी विनय ने कहा कि तू ट्यूशन के बहाने घर से बाहर आ जाना और उसका ट्यूशन 4-5 घंटे का होता है और मैंने कहा कि मैं तुझे ट्यूशन के रास्ते से साथ मैं ले जाऊंगा.

फिर कॉलेज के बाद करीब दो बजे हम दारू के ठेके पर गये और दोनों ने बियर पी और शाम की प्लानिंग करने लगे. दारू पीते पीते तीन बज गये और फिर हम उसके ट्यूशन वाले रास्ते की ओर निकल गये. मैं रिया से पहली बार मिलने वाला था और हम थोड़ी दूरी पर रुककर उसका इंतज़ार करने लगे. फिर करीब 25 मिनट बाद रिया वहाँ पर आ गयी. क्या मस्त थी. यार वो एक नंबर का माल थी और एकदम गोरी थी. उसने टॉप और जींस पहनी हुई थी. उसका फिगर करीब 30-26-32 होगा. तो उसको देखकर मैं सोचने लगा कि काश मुझे भी इसकी चुदाई का मौका मिल जाए. फिर रिया और विनय कार की पिछली सीट पर गये और मैं कार चलाने लगा और थोड़ी देर बाद वो दोनों किस करने लगे और विनय उसके बूब्स भी दबा रहा था और किस भी कर रहा था. फिर उसने उसका टॉप उतार दिया और वो दोनों पूरे जोश मैं लगे हुए थे और उन्हे देखकर मैं भी गरम होने लगा था. तभी विनय ने कहा कि जल्दी से कोठी की तरफ मोड ले.. यह कोठी हमारे एक बहुत अच्छे दोस्त की थी.जो वहाँ पर किराए पर रहता था. वहाँ पर तीन लोग रहते थे और वो तीनों स्टूडेंट थे khada lund aur girlfiriend ki thukai .

फिर हम कोठी पहुंच गये और मैं जल्दी से उतरकर उनके पास गया और कहा कि तुम एक कमरा खाली करो और फिर वो तीनो एक कमरे में चले गये. विनय और रिया एक कमरे में चले गये. लेकिन मैं बाहर बैठ था और अपने मोबाइल पर फ़ेसबुक चला रहा था.. तो मुझे अंदर से उफफ आहह आहह की आवाजें आ रही थी और यह सुनकर मुझे भी जोश आने लगा.. लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था. फिर आधे घंटे के बाद विनय बाहर आया.वो बनियान और अंडरवियर में था और पूरी तरह पसीने से भीगा हुआ और हाफ़ भी रहा था. तो मैंने पूछा कि क्यों कैसा रहा? उसने कहा कि मज़ा आ गया. तो मैंने थोड़ा संकोच करते हुए उसे पूछा कि यार मुझे भी दिला दे. उसने मुझे कभी भी किसी चीज़ के लिए मना नहीं किया था…..

Antarvasna chudai हम दोनों भाई की तरह थे. फिर वो अपने चेहरे पर एक स्माईल लाया और मेरी पीठ पर हाथ रखा और कहा कि जा तू भी मजे ले ले. फिर जब मैं अंदर रूम में गया तो उसने पेंटी और ब्रा पहन लिया था और जींस पहन रही थी और मुझे देखकर गुस्से से कहा कि बाहर निकल जा कमीने. तो मुझे बहुत गुस्सा आया.. लेकिन मैं बाहर आ गया और विनय से कहा कि वो नहीं मान रही और फिर क्या था? वो अंदर गया और ज़बरदस्ती उसके कपड़े लेकर बाहर आ गया और मुझसे कहा कि जा ले ले मज़े और फिर मैं अंदर गया तो वो मुझ पर गालियां निकालने लगी. मैंने उसके बाल पकड़कर कहा कि कुतिया मान जा नहीं तो तुझे नंगी रोड पर चोद दूँगा. तब वो बहुत डर गयी desi mast sex kahaniya .
फिर मैं उसकी कमर पर धीरे से हाथ ले जाकर सहलाने लगा और तो वो गरम होने लगी. मैंने उसको किस करना चाहा तो उसने मुहं घुमा लिया. तो मैंने उसको जबरदस्ती पकड़ा और बेड पर लेटा दिया और उसकी ब्रा उतार दी और उसके बूब्स चूसने लगा वो आहह आहह की आवाजें निकालने लगी.. तो मैं समझ गया कि अब कोई रुकावट नहीं है.. मैं उसके बूब्स भी दबाने लगा और अब मेरा भी बुरा हाल हो रहा था और मेरा लंड जाल में फंसी मछली की तरह मेरी अंडरवियर मैं फड़फड़ा रहा था. तो मैंने जल्दी से उसकी पेंटी उतारी और उसकी चूत के दर्शन किए.. साली की चूत एकदम साफ थी. मैंने ज्यादा टाईम खराब ना करते हुए उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा.. मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसकी चूत बहुत गीली थी.. क्योंकि मुझसे पहले विनय ने उसकी चुदाई की थी. फिर दूसरे धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो आह्ह्ह उफ्फ्फ माँ मरी की आवाज़े निकालने लगी और चुदाई के मजे लेने लगी और मुझे भी मज़ा आ रहा था.

हम चुदाई में मस्त होकर लगे हुए थे.. उसकी आवाज़ मुझे और जोश दिला रही थी. फिर थोड़ी देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है.. लेकिन मैंने आपना काम चालू रखा और फिर करीब 15 मिनट की लगातर चुदाई के बाद मैं उसकी चूत मैं ही झड़ गया और इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी और जब मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत से मेरा वीर्य और उसका वीर्य बाहर आने लगा और उसकी जांघो पर बहने लगा. तो मैंने उसको कहा कि चल अब घोड़ी बन जा. तो उसने कहा कि अब क्या करना चाहते हो? तो मैंने कहा कि तू अपनी बकवास बंद कर जो मैं कहता हूँ.. सिर्फ वो कर. तो वो घोड़ी बन गई और मैं मेरा लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा और उसके बूब्स मसलने, दबाने लगा.

antarvasna hindi new story 2016 जिससे वो जोश में आ गई और मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. तभी उसने कहा कि प्लीज इस में मत डालो.. मैंने कभी गांड में लंड नहीं लिया है. फिर मैंने कहा तो आज मेरा लंड ले और मैंने उसकी गांड पर थोड़ा तेल लगा दिया.. लेकिन वो फिर से मना कर रही थी.. लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था और मैं अपना लंड उसकी गांड के छेद मैं डालने लगा. साला गांड का छेद बहुत टाईट था.. लंड जा ही नहीं रहा था और ऊपर से वो चिल्ला रही थी. फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में चला गया और उसकी चीख आधी निकली और आधी उसके गले में ही अटककर रह गयी और वो उफ्फ्फ आईईई माँ करके रोने लगी और मैं धक्के पे धक्के लगाने लगा और चुदाई के मज़े लेने लगा. फिर बीच बीच मैं वो अपनी गांड भींच लेती ..

जिससे मेरा लंड उसमे फंस सा जाता और मैं और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी गांड मारने लगता. करीब 10 मिनट के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया और वो बुरी तरह रो रही थी. फिर मैं कपड़े पहनकर बाहर आ गया और विनय ने अंदर आकर उसे चुप कराया और उसे उसके कपड़े दिए.. तो उसने अपने कपड़े पहने और हमने उसे उसकी ट्यूशन पर ले जाकर छोड़ दिया.. वो हमारी चुदाई की वजह से उस दिन दो घंटे लेट हो गयी थी. उसके बाद हम दोनों दोस्तों ने कई बार मिलकर उसकी चुदाई की और उसने बारी बारी से हमारे लंड लिए .

एक भिखारन ने मेरी हवास मिटाया

 कैसे है आप लोग? ये कहानी कुछ साल पहेली की है जब मई इंजीनियरिंग पड़ता था और अकेले एक रूम लेके रहेते था। मेरी जिंदगी ऐसे ही जा रही है, कोई भी माल नहीं था कि मैं भी उसके साथ कुछ चुदाई करता लेकिन जल्द ही वह मौका आ गया।

एक दिन मैं और मेरा दोस्त उसके मारुति गाड़ी से शाम के 3 से 6 बजे की फिल्म देखकर आ रहे थे। फिल्म का नाम था “जिस्म”। आप सब जानते ही है कि यह कैसी फिल्म है। फिल्म देखकर मन कर रहा था कि कोई लड़की होती तो बस। शहर से आते हुए एक सुनसान रास्ते से गुजर रहे थे।Hindi xxx story कुछ दूरी पर एक औरत अपने सर को झुकाकर बैठी थी। मुझे लगा कि वह बीमार है। हमने गाड़ी रोक कर जा कर देखा तो वह रोने लगी। वह एक गन्दी सी साड़ी पहने हुई थी। बाल उसके बिखरे हुए थे। उसकी उम्र 45 से 50 तक की होगी।

मैंने कहा- क्या हुआ? वह बस रोये जा रही थी। काफी पूछने पर बोली- मैं मरना चाहती हूँ बेटा। मेरे बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया है। कई दिनों से मैं भीख मांगकर खा रही हूँ। आज तो मुझे किसी ने भीख में भी कुछ नहीं दिया। भूख से पेट दर्द कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं कहाँ जाऊँ। मुझे उस पर दया आ गई।

मैंने कहा- मेरे साथ मेरे घर चलिए। मैं आप को खाना खिलाता हूँ ।

वह मान गयी। मैंने उसे सहारा देकर गाड़ी में बैठाया। मेरा दोस्त गाड़ी चला रहा था। मैंने एक सेब उसे निकाल कर दिया, वह खाने लगी फिर पानी पी कर उसे कुछ आराम महसूस हुआ। उसे नींद आने लगी। वह बैठे बैठे ही सोने लगी। जब वह सो रही थी तो उसका पल्लू उसके कंधे से सरक कर नीचे गिर गया तो मेरी नज़र उसकी चुचियों पर जा टिकी। मैं न चाहते हुए भी बार बार चुचियों को देख रहा था। मुझे लगा कि उसे घर ले जाना ठीक नहीं है। हम दोनों मिल कर उसे कहीं और ले जाना ठीक समझा।

कुछ दोस्तों ने मिलकर एक कमरा किराए पर ले रखा था जिसमें हम सब डांस-प्रक्टिस करते थे। वह कमरा आबादी से कुछ दूर था। क्योँकि म्यूजिक की आवाज़ से लोगों को तकलीफ होती थी। वहाँ केवल दो कमरे थे, एक किचन। किचन का सामान कोई ख़ास नहीं था। कभी कभी हम सब कुछ पार्टी भी वहां मना लेते थे।

किराये के घर के पास गाड़ी रोकते ही मेरे दोस्त ने उसे उठने को कहा। मैंने उसे उठाया और घर के अन्दर चलने को कहा। घर में पहुँचते ही उस औरत ने कहा- अरे तुम्हारे घर में तो कोई भी नहीं है desi xxx story।

हमने उसे बताया- यह किराये का घर है यहाँ कोई नहीं रहता है।

वह थोड़ा घबराई और कमरे के अन्दर चली गयी। मेरा दोस्त गाड़ी पार्क करने अपने घर चला गया। कुछ देर बाद मेरे मोबाइल पर मेरे दोस्त का फ़ोन आया कि वह नहीं आ सकता है। मैंने किचन में कुछ बनाया और उसे भी खिलाया। खाना खाना के बाद मुझे आशीर्वाद देते हुए धन्यवाद किया। जब मैंने उसके परिवार के बारे में पूछा तो वह कहने लगी- मेरे बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया हैं। मेरे पति के मरने के बाद मेरे बेटे और बहू ने दोनों मिलकर सताना शुरू कर दिया था। साडरी बातें कहते कहते वह रोने लगी। जब मैंने उसके सर पर हाथ रखा तो वह एकाएक मुझसे लिपटकर रोने लगी। मैंने भी उसे पकड़ लिया। उसके चूचियां मेरे सीने से दब रही थी। यह महसूस करके मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था। मैं वासना में बहने लगा। धीरे धीरे उसे अपनी और खींचते जा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि अब मैं उसमें समां जाऊंगा। वह पीछे हटने की कोशिश करने लगी। पर मैं उसे कस कर जकड़े हुए था।

वह कह रही थी- नहीं बेटा, मुझे छोड़ दो, मुझे दर्द हो रहा है।

पर मैं उसे वासना भरी नजरों से देखे जा रहा था। वह अब सब कुछ समझने लगी थी। वह छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी। मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने अपने होंठ उसके सूखे होंठों पर रखे और जोरदार किस करने लगा था। लम्बी किस के बाद अपनी जीभ से उसके जीभ को चाटे जा रहा था। कुछ समय बाद उसकी छटपटाहट कम हुई। पर मैं उसकी जीभ को चाटे जा रहा था। धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसकी चुचियों को कपड़ों के ऊपर से ही चाटने लगा था।

Porn story in hindi वह मदहोश होती जा रही थी। वह बस खड़ी खड़ी मेरी हरकत देखे जा रही थी। मैंने किस करते करते उसकी साड़ी और पेटीकोट को खोल दिया था। जैसे ही मैंने उसके बुर पर हाथ लगाया तो वह मचल गयी। उसके बुर पर बड़े बड़े बाल थे। मैंने एक ऊँगली उसके बुर में डालना चाहा पर पर आसानी से अन्दर नहीं जा रही थी क्योंकि उसकी बुर एकदम सूखी थी। उसके ब्लाउज को खोलकर उसकी चुचियों को चाटने लगा। एकाएक उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया। मैंने फट से अपने सारे कपड़े खोल दिए। वह मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने लगी। फिर अपने मुंह में लेकर चाटने लगी। हम दोनों ६९ के पोजीशन में आकर एक दूसरे के अंगों को चाटने लगे। वह मेरे लण्ड को जोर-जोर से चाटे जा रही थी और कह रही थी- २ साल के बाद मुझे लण्ड चाटने को मिला है, आज तो खूब चाटूंगी।

सूखी बुर को गीली बनाने के लिए बहुत चटाई करनी पड़ी। काफी देर के बाद उसके बुर ने धीरे धीरे पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। उधर मेरा भी छूटने वाला था। मैं उठा और उसे लिटाकर अपना गीला लण्ड उसकी बुर पर रखा और उसे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा। उसने अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ लिया। मैंने लण्ड डालना शुरू किया पर उसे कुछ नहीं हो रहा था। मैंने एकाएक लण्ड को पीछे लाकर जोरदार धक्का दिया जिससे मेरा लण्ड उसके बुर में पूरा चला गया। वह थोड़ा छटपटाई और उसकी चीख भी निकली bhikharan ki chudai kahani।

मैंने चोदना शुरू किया तो वह औरत बोली- जरा जोर से बेटा ….. और जोर से … और जोर से करो। फाड़ दो मेरी बुर को। मैं पूरी ताकत लगाकर उसे चोदने लगा। मेरा लण्ड काफी तेजी से उसकी बुर में अन्दर-बाहर हो रहा था। वह मुझे अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ कर अपनी ओर खींच रही थी। उसके झड़ने के बाद मैं भी झड़ कर उसके ऊपर लेट कर सो गया।

रात को मेरी नींद खुली तो देखा कि वह औरत मेरे लण्ड को जोर जोर से चाट रही है। लण्ड खड़ा होते ही वह उस पर अपनी बुर रखकर बैठ गई। लण्ड उसकी बुर में सांप सा चला गया। वह उछल-उछल कर चुदवाने लगी और झड़ गई। करीब 3:30 बजे उसे उठाया और जाने को कहा। वह कपड़े पहन कर जा ही रही थी कि 4 बजे मेरा दोस्त वहां आ गया। मैंने उसे सारी बात बताई। उसने उस औरत को पकड़ कर लिटाया और अपना काला लण्ड उसकी बुर में एक ही बार में डाल दिया। उस औरत के मुंह से चीख निकल गई। मेरा दोस्त का लण्ड मेरे लण्ड से काफी बड़ा है।

चुदाई के बाद मेरे दोस्त ने उसे 500 रूपये दिए और जाने को कह दिया, वह चली गयी और फिर नहीं मिली।

जब कोई लड़का कोई औरत को देखता है तो कहता है कि वह तो बूढ़ी है। यारो, सुखी बुर में भी काफ़ी मजा आता है। कोई आस-पास है तो कोशिश कर के देख लो। मेरी आप बीती आप को कैसी लगी जरुर मेल करें। गन्दी लड़कियों का मैं स्वागत करता हूँ।

घर में मस्ती नौकरानी के साथ चुदाई जबरदस्ती

हमारे यहा एक नौकरानी है मोना नाम की उसकी उम्र भी 20 साल की है उसका रंग सावला है और फेस कटिंग एकदम अमीशा पटेल की तरह है उसके बूब्स एकदम बड़े है और उसकी गांड एकदम बाहर है में उसको चोदने का ख्वाब बहुत पहले से देखता हूँ. और मेरा ये सपना पूरा हुआ जब मेरी मम्मी ऑस्ट्रेलिया मेरे पापा के पास गयी उस दिन में घर में था सुबह मोना आई तो मैने दरवाज़ा खोल दिया वो अपने काम करने लगी. में तभी अपने बेडरूम में जा के एकदम नंगा हो गया उसको चोदने का ख्याल आते ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया मेरे लंड की साइज़ 10 इंच लम्बा और 3 इंच चौड़ा है मै रात में ही वियाग्रा की गोली लाया था मैने उसको खा लिया naukrani ki chudai kahani .

फिर मैने मोना को आवाज़ मारी वो जब मेरे बेडरूम में आई तो हैरान हो गयी उसने मुझे नंगा देख कर हंस के किचन में भाग गयी में उसके पीछे गया जैसे ही में किचन में गया तो वो मुझसे बोली तुम्हारा इरादा क्या है में बोला मोना रानी मुझे तेरी चूत को चोदना है यह सुनते ही वो मेरी तरफ आई और बोली इतना कहने में इतने दिन लगा दिये. मैने उसको फिर गोद में उठा के बेडरूम में ले गया वहा मैने उसको नंगा कर दिया है उसके बोबे एकदम टाइट और बड़े बड़े थे. और उसकी चूत बहुत रसीली थी. मै चूत के बाल अपने मुहँ में ले के चूसने लगा और 1 बोबे को अपने हाथ से मसलने लगा वो आउहह कर रही थी मैने 10 मिनट तक उसके दोनो बोबो को चूसा और मसल के लाल कर दिया तभी मुझे मेरे लंड पर कुछ गीला लगा मैने देखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था उसकी चूत पर अपना मुहँ लगा के चाटने लगा और उसकी चूत के दाने (क्लिट) को अपनी जीभ से चाटने लगा तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और तड़पने लगी मैने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया उसकी चूत एकदम टाइट थी जैसे ही में उंगली अंदर बाहर कर रहा था तभी उसका पानी निकल गया.
मैने सारा पानी चाट लिया और फिर उठ गया और उसकी गांड के नीचे मैने दो तकिये रख दिये और उसको अपना लंड बता के कहा देख आज इससे तेरी चूत को चोदूगा तूने कभी चुदाई है उसने कहा नही तो मैने कहा तुझे दर्द होगा सहन करना फिर बहुत मज़ा आयेगा. यह कह के मैने अपने लंड का टोपा उसकी चूत में डालने लगा वो बहुत ही टाइट थी जैसे ही मैने एक धक्का लगाया वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी naukrani ki gand mari .

मैने एक और धक्का लगाया तो वो चिल्लाने लगी और कहने लगी की छोड़ दो मुझे मुझे नही चुदवानी में एक और धक्का लगाने गया तो मुझे लगा कुछ चीज़ मेरे लंड को उसकी चूत में जाने से रोक रही है में समझ गया उसकी सील है मैने दोनो हाथो से उसके कंधो को पकड़ा और एक ज़ोरदार धक्का लगाया मेरा लंड उसकी चूत की सील फाड़ते हुये 4 इंच अंदर चला गया उसकी चूत से खून आने लगा और पानी भी में रुक गया वो बहुत ही ज़ोर से चिल्ला रही थी और रो रही थी मैने उसके बोबो को मसलना चालू किया और 10 मिनिट के बाद वो शांत हो गयी में फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा 10 मिनिट तक में धीरे धीरे धक्के लगा रहा था जब मुझे लगा उसको मज़ा आ रहा है तभी मैने एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया और उसकी चूत से पानी निकलने लगा जैसे ही मेंने थोड़ा लंड को बाहर निकाला उसकी चूत से खून निकलने लगा में रुक गया 10 मिनिट के बाद मैने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिया मेंने उससे पूछा अब कैसा लग रहा है वो बोली दर्द तो कम हुआ है पर मज़ा नही आ रहा है.

यह सुन के मैने अपनी स्पीड बड़ा दी कुछ ही देर में उसकी चूत का पानी गिर गया मेंने उसे और ज़ोर से चोदना स्टार्ट कर दिया क्योकी मैने वियाग्रा खाई थी तो मुझे मालूम था की मेरा पानी लेट गिरेगा में उसको और 45 मिनिट तक चोदता रहा वो भी बोलती रही चोद मुझे शान चोद मुझे और ज़ोर से हउहह शान चोद रे चोद मुझे रंडी बनने दे रे चोद मुझे आह मेरा पानी निकल रहा है अहह उहह और उसकी चूत का पानी 4 बार निकल गया तभी मैने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसे उठने को कहा वो उठ नही पा रही थी मैने उसको अपनी गोद में लिया और दीवार के सहारे खड़ा कर दिया उसकी चूत से खून और पानी टपक रहा था मैने उसकी चूत के झाट के बाल एकदम गीले हो गये थे.

मैने उसको खड़ा किया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहँ पर रख के उसके पैर अपने हाथ में ले लिये अभी वो पूरी तरह से हवा में थी. दीवार को चिपके मैने झट से एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था 10 मिनिट में ही उसका पानी निकल गया मेरे हाथ दर्द कर रहे थे. तो मै उसको बेड पे लिटा कर चोदने लगा मैने उसको एक घंटा वैसे ही चोदा में पूरा पसीने में हो गया था वो कम से कम 8 बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकलने वाला है मैने अपना लंड निकाल के उसके मुहँ मे डाल दिया वो उसे एकदम लॉलीपोप की तरह चूसने लगी तभी मेरा वीर्य उसके मुहँ मे निकल गया और उसने उल्टी कर दी मैने उसको गोद में उठा के बाथरूम में ले गया और उसके साथ नहाने लगा मेरा लंड एकदम टाइट था वियाग्रा की वजह से उसके बाद मेंने उसको बाथरूम में भी चोदा और उसने भी में पूरा साथ दिया. तो आप को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझको जरुर बतायें।

धन्यबाद ,

Saturday, 25 March 2017

tan badan ka aag

गरिमा अकसर रातें मेरे घर पर बिताने लगी। हमारी हर रात गरम और हसीं होती, बत्ती बुझ जाने के बाद हम दोनों के तन पर कोई कपड़ा न होता, हमारे होंठ रात भर एक दूसरे की प्यास बुझाते। एक रात तो सेक्स की हद हो गई जब एक नए तरीके से हम ने सेक्स किया।गरिमा ने मेरे होंठों को चूस चूस कर लाल कर दिया था, मेरे सारे कपड़े उतार देने के बाद तो ख़ुद भी बिना कपडों में मेरे साथ लेटी थी

अचानक उस ने मुझे कहा- मैं तेरे बदन पर अपना पेशाब करना चाहती हूँ !

मुझे कुछ अजीब लगा पर मैं इस अनुभव को भी परख लेना चाहती थी, सो मैंने हाँ कर दी। हम दोनों बाथरूम में चले गए और मैं नीचे बैठ गई। अब गरिमा अपनी चूत मेरे मुंह के ऊपर कर के खड़ी हो गई और उसने एक दो मिनट के बाद गर्मागर्म मूत्र मेरे ऊपर करना शुरू किया। मुझे अजीब सा लग रहा था, उसने अपने हाथों से अपनी चूत की ऊपर के हिस्से को पकड़ कर मेरे मम्मों पर गरम पेशाब की धार सी गिराई। मेरा बदन जलने लगा। जब वो कर चुकी तो मुझे बिस्तर पर ले आई। मुझे कपड़े से साफ़ किया और अपनी चूत फैला कर लेट गई।

kahani urdu sex storyउसने अपनी टाँगें ऊपर उठाई हुई थी और फ़िर उसने मुझे उसकी चूत में मूतने को कहा। मैं एक तरफ़ खड़ी सोच रही थी। सेक्स का नशा बढ़ रहा था। मैंने किसी तरह अपनी चूत उसकी चूत के साथ मिला दी और धीरे धीरे पेशाब करना शुरू किया, इस तरह के बेड ना ख़राब हो। मैं महसूस कर रही थी कि मेरा गरम मूत्र मेरे अन्दर से निकल कर उसकी चूत में भर रहा था।

अचानक उसने मुझे हटने कि लिए कहा और मुझे नीचे लिटा दिया, अब वो सारा पेशाब मेरे जिस्म पर गिराने लगी। साथ साथ वो अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी। एक बार फ़िर से मुझे साफ कर कि वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे मम्मों को अपने गरम होंठों में ले कर चूसने लगी। में सेक्स की आग में तड़प रही थी। हम दोनों के मुंह से निकलने वाली आहें ये बता रही थी कि हम दूसरी दुनिया में खो चुके हैं। वो अपनी उंगलियों से मुझे चोद रही थी।कुछ देर बाद सब शांत हो गया।

उस रात हम दोनों ने यह बात महसूस की कि हमारे साथ कोई और भी होना चाहिए जो हमारे सेक्स के खेल में शामिल को कर हमारे आनन्द को और बढ़ा सके। लड़का तो कोई उस वक्त दिमाग में नहीं आया पर कुछ दिनों से मेरी नजर गरिमा की बेस्ट फ्रेंड नीतू पर थी। बला की ख़ूबसूरत थी। छरहरी गोरी चिकनी। गुलाबी होंठ रस से भरे हुए थे।

हम दोनों ने फ़ैसला किया के उसे भी सेक्स के इस खेल में शामिल कर के रहेंगे, पर कैसे करेंगे, यह पता नहीं था।

कुछ दिनों बाद, अचानक वो रात आ गई। गरिमा का जन्मदिन था। शाम को पार्टी के बाद मैं रात को गरिमा के घर रुकने वाली थी। हमने नीतू को भी रुकने को कहा। पहले तो वो मना करने लगी पर काफी कहने के बाद हाँ कर दी। मेरी और गरिमा की आँखों में एक चमक थी। शायद आज हम नीतू के जिस्म का मजा लेने वाले थे। मैंने अपनी चूत में गीलापन महसूस किया। गरिमा ने भी इशारे से ये बात मुझे बताई कि वो बुरी तरह से गीली थी।

खाना खा लेने के बाद हम गरिमा के कमरे में चले गये। ऊपर पहले माले पर सिर्फ़ गरिमा का अकेला कमरा था। किसी के आ जाने का कोई खतरा नहीं थी। थोड़ी देर बातें व मस्ती करने के बाद हम सोने का नाटक करने लगी। नीतू हम दोनों के बीच में थी। थोडी देर बाद में जताया के मुझे बैचेनी हो रही है सो मैंने अपना सूट उतार दिया, नीचे सिर्फ़ ब्रा पहनी थी पैंटी मैं कभी कभार ही पहनती हूँ। नीतू को शायद इसमें कोई आपत्ति नहीं थी वो एकदम सामान्य थी।

थोड़ी देर बाद गरिमा ने भी अपने कपड़े उतार दिए।دیسی اردو کہانی हमने अपने अपने हाथ नीतू की छातियों पर रख दिए। अब नीतू की हालत कुछ ख़राब हो रही थी। मैं महसूस कर रही थी कि उसकी सांसें पहले से भारी थी। मैंने हाथ से गरिमा को इशारा किया और हम दोनों कमीज़ के ऊपर से ही उसकी चूचियां मसलने लगी। उसके स्तन कड़े हो रहे थे। शायद वो समझ गई थी पर सोने का बहाना कर के लेटी रही।

अब मेरा हौंसला थोड़ा बढ़ गया। मैंने गरिमा को खेल शुरू करने का इशारा किया और गरिमा के पास आ कर लेट गई। कमरे में हल्की रौशनी थी। सब कुछ साफ़ नजर आ रहा था, मैंने गरिमा के होंठों को अपने होंठों में ले लिया। और हम दोनों एक दूसरे को चूसने लगी। हम दोनों के हाथ एक दूसरे के नंगे जिस्म को टटोल रहे थे। मैंने अपनी ब्रा भी उतार दी। गरिमा पहले ही निवस्त्र हो चुकी थी। हम दोनों बुरी तरफ़ से एक दूसरे की छातियाँ दबाने लगी।

desi urdu story हमारी आहें बढ़ रही थी या कुछ जानबूझ कर भी हो रहा था, शायद नीतू को सुनाने के लिए।

मैंने चोर आँखों से नीतू को देखा वो पलट कर हम दोनों को ही देख रही थी। मैंने नजरंदाज कर दिया। वो कुछ बैचेन नजर आ रही थी।

अचानक उसने मुझे पुकारा- ज्योति , तुम दोनों ये क्या कर रही हो।

उसकी आवाज में भारीपन था। शायद हम कामयाब हो गई थी।

मैंने कहा- कुछ नहीं बस मजा ले रहे हैं एक दूसरे के जिस्म का !

नीतू- मैं पागल हो रही हूँ ये सब देख कर, एक अजीब सी आग भर रही है। मैं क्या करूँ?

गरिमा – मेरी जान आ, आ जा, तुझे कुछ नया मजा दूँ जिंदगी का।

नीतू- नही, ये ग़लत है, मैंने कभी किसी लड़की के साथ कभी ऐसा नहीं किया।

गरिमा – तो आज कर ले। आ जा ऐसा मौका दुबारा नहीं आता।

नीतू- मुझे शर्म आ रही है !

गरिमा – अपने कपड़े उतार दे सारे ! एकदम नंगी हो जा ! फ़िर शर्म जाती रहेगी।

और फ़िर मैंने और गरिमा ने मिल कर नीतू को एकदम नंगा कर दिया। वो ऑंखें बंद कर के लेटी थी।

गरिमा – अब बोल क्या हो रहा है?

नीतू- कुछ नही, एक अजीब सा नशा बढ़ रहा है जिस्म में।

गरिमा – बोल क्या चाहती है?

नीतू- मुझे किस करो, मेरे होंठों में, जैसे तुम दोनों कर रहे थे।

और गरिमा नीतू के सिरहाने बैठ गई और उसके सर को अपने हाथों में ले कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूसने लगी। मैं भी अपने आप को रोक नहीं पाई और उनकी किस में शामिल हो गई। कभी मैं और नीतू एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे, कभी गरिमा और नीतू। कभी हम तीनों अपनी अपनी जीभ निकालते और एक दूसरे से मिलते हुए एक दूसरे के मुंह में घुसा देते। कुछ देर ये सिलसिला चलता रहा hot urdu kahani।

अब मैं और गरिमा नीतू के मम्मों को हाथों में ले कर चूसने लगे, एक एक हाथ उसके जिस्म को टटोल रहा था। उसकी जांघों पर फिसल रहा था। नीतू अपने आप में नहीं थी, उसके अन्दर जैसे एक चिंगारी उठ रही हों। गरम आहों से कमरा भर गया था। मुझ से भी अब बर्दाशत नहीं हुआ। मैं नीतू का सारा रस पी जाने को बेताब थी। सो मैंने नीतू की टाँगे खोल कर में अपनी जीभ एक दम से उसकी चूत में घुसा दी।

नीतू- सी स्स्स्स हाय ! ये क्या कर दिया ज्योति ! स्स्स्स्स हाय !

मैं बेतहाशा उसके रस को चूसे जा रही थी। गरिमा उसके सारे जिस्म को चाटने में व्यस्त थी। हम दोनों नीतू को सेक्स का भरपूर मजा दे रही थी। मैंने नीतू को अचानक उल्टा कर दिया और उसके चूतड़ ऊपर उठा दिए। अब मैंने अपने जीभ उसके पीछे घुसा दी।

नीतू की सिस्कारियां बढ़ रही थी- हाय, ज्योति ये क्या आग लगा थी, घुसा दे अपनी जीभ, अपने उंगलिया मेरे पीछे। चोद मुझे अपनी जीभ से।

मैं और तेजी से उसे अपनी उँगलियों से चोदने लगी, कभी आगे से कभी पीछे से, तब तक गरिमा मेरे नीचे लेट कर मुझे चाटने लगी, मैं बुरी तरह से गीली थी। गरिमा मेरी चूत को चाट चाट कर मेरी आग बुझाने में लगी थी।मेरे और नीतू के शांत हो जाने के बाद मैंने और नीतू ने मिल कर गरिमा को चोदा।दोस्तों, उस रात हम तीनों ने चार बार एक दूसरे को चोदा। सुबह कब हो गई पता ही नहीं चला।

मैं और गरिमा खुश थे के हमारे खेल में अब कोई और भी शामिल है। अब ये खेल और मजेदार हो गया था।

भाभी के सेक्सी अदा के चंगुल में फास गया

सभी हिंदी सेक्स storyके  पाठकों को मेरा नमस्कार !
मैं कई सालों से 99 hindi sex story पर कहानियाँ नियमित रूप से पढ़ता हूँ पर कभी मुझे अपनी कहानी लिखने का ख्याल नहीं आया। पर एक दिन एक कहानी पढ़ते पढ़ते मुझे लगा कि क्यों न मैं भी अपनी एक कहानी लिखूँ जिसमें मैं अपना अनुभव जाहिर कर सकूँ।ज्यादा इधर उधर की बात छोड़कर मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।

मेरा नाम रवि पटेल है, मैं सूरत(गुजरात) का रहने वाला हूँ। यह बात उन दिनों की है जब मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था और मेरी उम्र 21 साल की थी। आज इस बात को दो साल हो गए और मैं एक नए और कभी न सोचे मुकाम पर पहुँच गया।मैं अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने दूर के रिश्तेदार की दवाइयों की दुकान पर जाया करता था, वहाँ से मुझे ज्यादा सीखने को मिलता था। bhabhi ki thukai उस दुकान पर जब मैं रहता था तो वो रिश्तेदार कभी कभी मुझे दवाइयाँ देने के लिए मुझे अपने नियमित ग्राहकों के घर भी भेज देते थे और मैं दवाएँ पहुँचा कर आता था।
एक दिन की बात थी जब मुझे थोड़ी दूर दवाएँ देने जाना पड़ा। वहाँ जाकर मैंने घण्टी का बटन दबाया तो अन्दर से एक 32-35 साल की औरत ने दरवाजा खोला।मैं उसे दवाएँ देकर निकल जाने की सोच ही रहा था कि उसने मुझे अन्दर आने को कहा  desi bhabhi ki chudai kahani।

मैं अन्दर गया तो देखा कि उसका फ्लैट बहुत ही आलीशान था। उसने मुझे पानी दिया और इधर उधर की बातें करने लगी, मेरे बारे में पूछने लगी- मैं क्या करता हूँ, कहां रहता हूँ, वगैरा-वगैरा।फिर मैंने कहा- मुझे दुकान पर जाना पड़ेगा, मुझे यहाँ आए हुए काफ़ी देर हो गई है।मैं जैसे ही निकलने लगा तो वो मुझे कहने लगी- मुझे अपना फ़ोन नंबर तो देते जाओ।मैंने उसे अपना फ़ोन नंबर दे दिया। उसी रात को मेरे मोबाइल पर उसका फोन आया, कहने लगी- मैं पायल बोल रही हूँ।हाँ ! मैं उसका नाम ही बताना भूल गया था- उसका नाम था पायल।
जैसा नाम वैसी ही वो दिखने में लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि वो 26-27 साल की लड़की हो। उसका फिगर ?

मानो कोई अभिनेत्री हो- 34-28-34..उसके बोल तो जाने किसी के लिए तड़प रहे हों। उसका तौर-तरीका भी बहुत ही सलीके का था। उसके बाल एकदम रेशमी थे।फ़ोन पर बात करते करते उसने मुझे बताया कि वो एक अच्छे दोस्त की तलाश में थी। मुझे उससे बात करने में बहुत मजा आ था। उस रात मैंने उसे याद करते करते बहुत मुठ मारी।दूसरे दिन उसका दो बजे के आसपास फ़ोन आया कि उसे दर्दनिवारक दवा चाहिए और तुरंत।
मैं दवा लेकर उसे घर गया।उसने दरवाजा खोला और अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर गया तो कहने लगी- बहुत तेज सर दर्द कर रहा है।

उस वक्त उसने सफ़ेद रंग का रात्रि-परिधान पहना हुआ था। उसमें से उसके चूचे आजाद होने को तड़प रहे थे।
वह मुझे कहने लगी- आप बैठिए, मैं चाय बना कर लाती हूँ।वह चाय लेकर आई और हमने चाय साथ में पी। उसके बाद मैं वहाँ से निकलने के लिए तैयार हुआ कि उसने मुझे कहा- क्या तुम थोड़ी देर मेरा सर दबा दोगे?
मेरी तो बाँछें खिल गई, मैंने तुरन्त हामी भर दी।वो मुझे अपने शयनकक्ष में ले गई।मैंने धीरे धीरे से उसका सर दबाना शुरु किया पर मेरी नजर उसके वक्ष पर जाकर अटक जाती थी। वो भी मुझे बार बार देख रही थी वासना भरी निगाहों से।तभी उसने मुझे नीचे झुकाया और मेरे होंठों को चूम लिया devar aur bhabhi ki mast pelai।

मैंने उसी समय उसे अपनी बाहों में भर लिया और कहने लगा- मैंने जबसे तुम्हें देखा है, तब से तुम्हें प्यार करने का मन कर रहा था ! पर ऐसा नहीं सोचा था कि यह मुकाम इतनी जल्दी ही हासिल हो जायेगा। मैंने उसे जोर से चूम लिया और उसके ऊपर आ गया।तभी उसने कहा- मुझे कोई सर दर्द नहीं है, मैं तो तुम से मिलना चाहती थी।मैं धीरे धीरे उसे मसलने लगा, वो भी मदहोश होती जा रही थी।मैंने धीरे से उसका टॉप उतारा तो मैं तो जैसे बेहोश ही हो गया। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी, उसमें वो गजब लग रही थी ! उसके वो दो पंछी कब से आजाद होने की राह देख रहे थे।

मैं ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा।उसे बहुत ही मजा आ रहा था, वो कह रही थी- और जोर से दबाओ ! मुझे चूमो !उसने मुझे कहा- मैं अपने पति से संतुष्ट नहीं हूँ।और कहने लगी- मेरी जान, मुझे दुनिया की वो ख़ुशी दे दो जिसके लिए मैं सालों से प्यासी हूँ।मैं बोला- जरूर ! तुम्हारी हर एक ख्वाहिश पूरी होगी मेरी जान !
तभी मैंने प्यार से उसका पजामा भी निकल दिया तो देखा कि उसने पैंटी भी ब्रा के साथ की ही पहनी थी। वो गुलाबी पैंटी में क्या लग रही थी !

ऊपर से ही मुझे अंदाजा हो गया कि उसकी योनि गीली हो चुकी थी बुरी तरह से। अब वो सिर्क ब्रा और पेंटी में थी, उसने मेरे भी एक एक करके सब कपड़े उतार दिए और जोर से मेरा लौड़ा चूसने लगी।मुझे तो लगा कि जैसे मैं आसमान की सैर कर रहा हूँ, वो इतना प्यार से मेरा चूस रही थी।तभी मैंने उसको ब्रा और पैंटी से मुक्ति दे दी और उसके उरोज जोर जोर से चूसने लगा, वो एकदम ही पागल होने लगी थी। और तभी उसने मुझे अपनी योनि चाटने को कहा।और मैं भी उसी का इन्तजार कर रहा था। उसके बोलते ही मैंने उसकी योनि चाटना चालू किया। क्या मस्त गन्ध आ रही थी उसकी योनि में से !उसका यौवन रस भी एकदम नमकीन लग रहा था।
मैं जोर जोर से उसकी चूत चूसे जा रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था।

वो बोली- जान, ऐसे न तड़पाओ ! मेरी जान निकली जा रही है ! मुझे अपने नौ इंच के लौड़े का मज़ा दे दो !तभी मैंने उसे पांव फ़ैलाने को कहा, उसने ऐसा ही किया और मैं उसके ऊपर आ गया।उसकी योनि पर मैंने अपना लिंग रखा और मैंने थोड़ी देर तक सहलाया तो वो जैसे पागल ही हो गई, बोलने लगी- अब तो रहा नहीं जाता ! मैं मर जाऊँगी, अब तो मेरी प्यास बुझओ !मैंने एक जोर से धक्का मारा ही था कि वो चिल्लाने लगी- जान, धीरे से ! मार डालोगे क्या मुझे?

मैंने फिर धीरे धीरे से धक्के लगाना चालू किए।पर कुछ ही देर बाद वो बोली- जोर से ! और जोर से ! आज फाड़ डालो इस चूत को ! कब से इस को प्यास लगी है लौड़े की !मैं जोर से धक्के लगाये जा रहा था, उसे बहुत ही मजा आ रहा था। करीब दस मिनट तक ऐसे ही प्यार चलता रहा।

तभी उसने कहा- मुझे डॉग शॉट लगाओ !मैंने उसे खड़ा किया और पीछे से डाल कर धक्का लगाया तो वो बहुत ही मदहोश हो गई।मैं तो धक्के पर धक्का दिए जा रहा था, वो और जोर से और जोर से बोले जा रही थी। पूरा कमरा हमाती सीत्कारों और बेड के चरमराने की आवाज़ से गूंज रहा था।करीब 15 मिनट तक यही सब चलता रहा। उसके नितम्बों को मैं दबा कर मजे लेता रहा। मेरे लिए यह एक सबसे ज्याद ख़ुशी का दिन था।उसी दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।

तभी मैंने कहा- मैं छोड़ने वाला हूँ ! कहाँ छोडूँ मैं bhabhi ki gili chut?
तो उसने कहा- अन्दर ही जाने दो, आज तो इस प्यासी जमींन पर बरसात का तूफान आ गया ! मुझे इस तूफान में बह जाने दो।

और दो धक्का लगा कर मैंने उसकी प्यासी योनि में ही अपना वीर्य निकल दिया और हम दोनों बेड पर एक दूसरे से सट कर सो गए जैसे जन्मों-जन्म की प्यास आज बुझ गई हो।और थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही साथ में एक दूसरे को देखते रहे।थोड़ी देर बाद हम फिर से तैयार हो गए, एक नए अंदाज के साथ नया दौर शुरु करने को।
उस दिन हमने तीन बार मजा लिया फिर मैं उसके घर से निकलने ही वाला था तो उसने मुझस कहा- फिर कब आओगे तुम मेरी जान इस पायल की पायल बजाने को?

उसने मुझे रोका और दूसरे कमरे में से पाँच हज़ार रूपये मुझे दिए और कहा- यह तुम्हारा पहला तोहफा है !
फिर अगले दिन मुझे उसका फ़ोन आया और कहा- मेरी एक सहेली की प्यास बुझाओगे क्या मेरे राजा? वो तुम्हें बहुत पैसे देगी !और मैं तैयार हो गया।
आज उनके ग्रुप में हरेक के साथ मैंने मजा किया है और वो सब मेरे लौड़े के आकार और मेरे अलग अलग तरीकों से बहुत खुश हैं।मैं यह बात किसी को नहीं बताता हूँ पर मैंने उसकी मंजूरी लेकर यहाँ पर रखी है।
आज मैं जिगोलो बन गया हूँ और पूरे गुजरात में मैं अपनी सेवाएँ देता रहता हूँ।
आप को मेरी कहानी कैसी लगी? जरुर बताएँ मेरे ईमेल पर !
अगर अच्छा प्रतिभाव मिला तो और एक कहानी भेजूँगा आप सब के लिए। how i become gigolo with help of a bhabhi?